राजस्थान का बना रहे है घूमने का प्लान तो जाइए पुष्कर, अधाय्त्म और रोमांच का मिलेगा भरपूर मजा

अगर आप राजस्थान में एक ऐसी जगह ढूंढ रहे है जहां आपको अध्यात्म के साथ-साथ नेचर का मजा भी उठाना है तो अजमेर से 15 किलोमीटर दूर पुष्कर से अच्छा और कोई विकल्प नहीं है। तीर्थराज से मशहूर पुष्कर एक ऐसी जगह है जो चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है साथ ही यहां भारत का एकमात्र ब्रह्मा का मंदिर है। यहां घूमने के लिए देसी के साथ साथ विदेशी पर्यटक भी घूमने आते है। इसके अलावा यहां का पुष्कर मेला और होली का त्यौहार देखने लायक है। इस लेख के जरिए हम आपको पुष्कर के ऐसे ही दर्शनीय स्थलों से रूबरू कराएंगे, जहां आप अपनी छुट्टियों का मजा उठा सकते है।

ब्रह्मा मंदिर

पुष्कर में अगर कोई स्थान बहुत अधिक प्रसिद्ध है तो वह है पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर। क्योंकि यह एक मात्र मंदिर है जो ब्रह्मा जी को समर्पित है, बाकी आपको कहीं भी ब्रह्मा जी का मंदिर देखने के लिए नहीं मिलेगा। ब्रह्मा जी का यह मंदिर पुष्कर झील से थोड़ी सी ही दूर पर स्थित है। यह मंदिर भीड़भाड़ वाले इलाके में स्थित है। मंदिर के आस-पास आपको बहुत सारी दुकान देखने के लिए मिल जाएंगी। ब्रह्मा जी का मंदिर बहुत सुंदर है। आप पुष्कर में ही आकर ब्रह्मा जी के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर पुष्कर झील में स्नान करके ब्रह्मा जी के दर्शन किए जाते हैं। ब्रह्मा जी के मंदिर में आपको ब्रह्मा जी की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा देखने के लिए मिलती हैं। यह मंदिर लाल रंग का है।

सावित्री माता मंदिर

ब्रह्मा जी की पत्नी सावित्री माता मंदिर पुष्कर शहर का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। इस मंदिर की खासियत यह है कि, यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस मंदिर तक जाने के लिए सीढ़िया मिल जाती हैं। आप यहां पर रोपवे से भी जा सकते हैं। यहां पर आकर बहुत मजा आता है। यहां से आप पुष्कर के चारों और हरे भर पहाड़ों का दृश्य देख सकते हैं। यहां पर सूर्यास्त का बहुत ही सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। सावित्री माता के मंदिर में बहुत सारे विदेशी लोग भी घूमने के लिए आते हैं।

गायत्री माता मंदिर

पुष्कर एक धार्मिक स्थल होने के कारण यहाँ पर कई प्रसिद्ध मंदिर है जिनमें से एक है ब्रह्मा जी दूसरी पत्नी गायत्री माता का मंदिर। यह मंदिर गायत्री माता को समर्पित है। गायत्री माता ब्रह्मा जी की दूसरी पत्नी थी। यह मंदिर भी एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां हैं। इस मंदिर में जाकर आप गायत्री माता के दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर में गायत्री माता की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। बरसात में यहां पर आपको हरियाली देखने के लिए मिलती है। पुष्कर शहर अरावली पर्वत श्रेणी में स्थित है। यहां से आप पुष्कर के चारों तरफ स्थित अरावली पर्वत श्रेणी को देख सकते हैं। आपको यहां पर मजा आएगा।

श्री अगस्त्य मुनि गुफा

श्री अगस्त्य मुनि गुफा पुष्कर की एक बहुत अच्छी गुफा है। यह गुफा पहाड़ियों के बीच में स्थित है। इस गुफा तक पहुंचने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ती है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। बरसात के समय यहां पर चारों तरफ हरियाली रहती है। यहां पर आपको गुफा देखने के लिए मिलती है और गुफा में अगस्त्य मुनि की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर आप आते हैं, तो अपने साथ पानी की बोतल जरूर लाएं, क्योंकि यहां पर पीने के पानी के लिए किसी भी प्रकार का साधन नहीं है। यहां पर किसी प्रकार की सुविधा नहीं है। यह एरिया जंगल में है। इसलिए आप अपनी सुविधा के साथ यहां पर आए। अगर आप पुष्कर में रोमांच का अनुभव चाहते है तो यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा है।

पुष्कर डियर पार्क

डियर पार्क पुष्कर में स्थित एक सुंदर जगह है। यहां पर आपको बहुत सारे हिरन देखने के लिए मिल जाते हैं। यह जगह जंगल के बीच में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर हिरण को पाला गया है। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा।

पंचकुंड तीर्थ

अगर आप को ट्रेकिंग करने का शौक है तो आप पुष्कर में पंचकुंड तीर्थ जा सकते है। पंचकुंड तीर्थ एक मंदिर है जो पुष्कर शहर के बाहरी क्षेत्र में पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है। आप यहां पर ट्रैकिंग करके पहुंच सकते हैं। इस मंदिर में आपको 5 कुंड देखने के लिए मिलते हैं, जो पांच पांडवों के नाम पर रखे गए हैं। इस जगह के बारे में कहा जाता है कि अपने अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने यहां पर निवास किया था। आपको यहां पर उनके नाम के 5 कुंड देखने के लिए मिल जाते हैं। इस जगह में और भी बहुत सारी सुंदर जगह आपको देखने के लिए मिलती है। यहां पर महाकाली, महासरस्वती और महालक्ष्मी जी का मंदिर आपको देखने के लिए मिलता है, जो प्राचीन है और आपको यहां पर गोमुख देखने के लिए मिलेगा। इसके अलावा यहाँ आपको अन्नपूर्णा और भीमा देवी मंदिर भी देखने के लिए मिलेगा। आप यहां पर आकर प्रकृति का मजा ले सकते हैं।

पुष्कर मेला

पुष्कर का मेला पूरे देश में ही नहीं अपितु मेला विदेशों में भी बहुत प्रसिद्ध है। यह मेला कार्तिक पूर्णिमा में लगता है पुष्कर मेला जानवरों का मेला है। इस मेले में जानवरों का खरीदना और बेचना होता है। इस मेले में बहुत सारे सांस्कृतिक आयोजन भी होते है जिसमें आपको राजस्थान की कला और संस्कृति देखने को मिलेगी। पुष्कर के मेले को ऊंट का मेला भी कहा जाता है, क्योंकि इस मेले में ऊंट का महत्व है। इस मेले में ऊंट को खरीदा और बेचा जाता है। पुष्कर में आपको बहुत सारे ऊंट देखने के लिए मिल जाते हैं।

कैमल सफारी

अगर आप पुष्कर में आप घूमने के लिए आते हैं, तो आप कैमल सफारी का मजा ले सकते हैं। कैमल सफारी में आप एक सजी-धजी हुई गाड़ी में घूमते हैं और ऊंट इस गाड़ी को चलाता है। यहां पर बहुत मजा आता है और आप जब यहां पर आएंगे, तो आपको बहुत सारे कैमल सफारी वाले देखने के लिए मिल जाते हैं। आप कैमल सफारी का जो चार्ज रहता है। वह हर जगह अलग-अलग रहता है। आप कहीं पर भी कैमल सफारी करके घूम सकते हैं। आप कैमल सफारी के द्वारा ही पुष्कर के बहुत सारे मंदिर घूम सकते हैं। कैमल सफारी का जो शुल्क रहता है। वह 1500 से 2000 के बीच रहता है। इसमें वह आपको अलग-अलग सुविधा प्रदान करते हैं। कैमल सफारी करने में बहुत मजा आता है, जो भी यहां पर नए लोग आते हैं। वह इस सफारी का मजा ले सकते हैं।