अमृतसर है अध्यात्म, इतिहास और शौर्य का खूबसूरत संगम स्थल भारत में कई ऐसी जगहें हैं जो अपनी खूबसूरती की वजह से पर्यटकों के बीच मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं। ऐसी ही जगहों में से एक है पंजाब का अमृतसर। अमृतसर भारत के पंजाब राज्य में पडोसी देश पाकिस्तान की सीमा से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। अमृतसर में कई ऐसे दर्शनीय स्थान है जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते है। अमृतसर में स्वर्ण मंदिर, अकाल तख्त, वाघा बॉर्डर और जलियांवाला बाग से लेकर कई ऐसी जगहें हैं जो पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र हैं।
स्वर्ण मंदिर (गोल्डन टेम्पल)
स्वर्ण मंदिर का प्रतिष्ठित इतिहास 400 साल पुराना है। अमृतसर का शीर्ष आकर्षण गोल्डन टेम्पल है, जो कि श्री हरमंदिर साहिब के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। यह केवल एक पर्यटक स्थल ही नहीं, यह पौराणिक धार्मिक स्थल सिखों के लिए दुनिया के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, और धार्मिक उत्साह, पवित्रता, संस्कृति और दिव्यता का अनुभव इस मंदिर में किया जा सकता है। गोल्डन टेम्पल का इतिहास बताता हैं कि विध्वंसों के दौर से गुजरने के बाद इसे सन 1830 में संगमरमर और सोने से महाराजा रणजीत सिंह द्वारा फिर से निर्मित करवाया गया था। यह मंदिर अमृतसर शहर के केंद्र में स्थित हैं। स्वर्ण मंदिर की रसोई और यहां का लंगर, इस जगह के मुख्य आकर्षणों में से एक है। लंगर में हर दिन न्यूनतम 40,000 लोग खाना खाते हैं और सप्ताहांत और छुट्टियों के दौरान, यह संख्या 1,00,000 तक हो जाती है।
अकाल तख़्त
अमृतसर में स्थित अकाल तख्त जिसे अमर सिंहासन के नाम से भी जाना जाता हैं। सिखों का सर्वोच्च राजनीतिक संस्थान है के रूप में स्थित हैं और इस अकाल तख्त की स्थापना सिखों के 6वे गुरु, गुरु हर गोविन्द सिंह जी ने सन 1606 में की थी। अकाल तख्त अमृतसर के प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर में स्थित है जो पांच अकाल तख्तो में से एक हैं।
वाघा बॉर्डर
अमृतसर से 28 किलोमीटर और लाहौर से 22 किलोमीटर की दूरी भारत और पाकिस्तान की चिन्हित सीमा को वाघा बॉर्डर नाम दिया गया हैं। वाघा बॉर्डर भारत में पंजाब के अमृतसर में स्थित हैं। वाघा बॉर्डर पर शाम के वक्त पर्यटक घूमने आते हैं। इस जगह पर जाने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। सीमा द्वार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहता है और 45 मिनट का समारोह दोपहर में शुरू होता है और सूर्यास्त तक चलता रहता है।
जलियांवाला बाग
अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास ही ऐतिहासिक जलियांवाला बाग़ एक सार्वजनिक उद्यान है। यह जलियांवाला बाग 6. 5 एकड़ भूमि में फैला हैं और भारत वर्ष की एक दुखद घटना का गवाह बना हैं। ब्रिटिश शासन के दौरान बैसाखी के शांतिपूर्ण जश्न के लिए इस स्थान पर इकट्ठा हुए हजारों की संख्या में बच्चे, बुजुर्ग, युवा और महिलाओं पर जनरल डायर के आदेशानुसार अंधाधुंध गोलियां चलने की आज्ञा दी गई थी। इस घटना में हजारों की संख्या में निर्दोष व्यक्ति मारे गए थे। इस नरसंहार स्थान का उद्घाटन 13 अप्रैल 1961 में डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा किया गया था।
हॉल बाजार
अमृतसर में खरीदारी करने और घूमने के शौकीन व्यक्तियों के लिए यहां का बाजार बहुत रास आता हैं। क्योंकि यहां इलेक्ट्रॉनिक आइटम, खूबसूरत आभूषण, सर्वोत्तम क्वालटी की किताबें, हस्तशिल्प और रेडीमेड कपड़ों की भरमार देखने को मिलती है।
पार्टीशन म्यूजियम
अमृतसर में देखने वाली जगहों में शुमार यहां का पार्टिशन म्यूजियम लाखों लोगों की कहानियां और अन्य तथ्यों की ओर ध्यान केंद्रित करता हैं। हाल ही में अमृतसर में एक टाउन हॉल को ओपन किया गया था।
गोबिंदगढ़ किला
अमृतसर के केंद्र में स्थित, गोविंदगढ़ किला अमृतसर के सबसे ऐतिहासिक पर्यटन आकर्षणों में से एक है। यह किला भारतीय सेना के नियंत्रण में था और केवल 2017 तक उनके उपयोग के लिए था जब यह सार्वजनिक देखने के लिए खुला था। गोविंदगढ़ किले को एक लाइव संग्रहालय और आर्ट गैलरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह स्थान सिख धर्म के कुछ सबसे पुराने दस्तावेजों और कलाओं का घर है। इसके अलावा, गोविंदगढ़ किले में प्रसिद्ध ज़मज़ामा तोपें भी मौजूद हैं जो इस जगह का मुख्य आकर्षण हैं। यहां घूमने का सबसे अच्छा समय सोमवार से रविवार सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक का है।
खैर उद्दीन मस्जिद
अमृतसर में देखने वाली जगह में शामिल यहां कि खैर उद्दीन मस्जिद अपनी वास्तुकला के लिए अधिक प्रसिद्ध हैं। खैर उद्दीन मस्जिद की स्थापना मोहम्मद खैर उद्दीन के द्वारा करवाई गई थी।