पारंपरिक स्वाद के लिए जाना जाता हैं हिमाचल प्रदेश, घूमने जाएं तो जरूर लें इन व्यंजनों का जायका

उत्तर भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश मानचित्र पर मौजूद एक ऐसा राज्य, जिसको नज़दीक से देखने की चाहत हर किसी के अंदर होती है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढकी पहाड़ियों, खूबसूरत वादियों, घाटियों और स्वच्छ हवा का आनंद कौन नहीं लेना चाहेगा। खूबसूरत जगहों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश अपने पारंपरिक व्यंजनों के लिए भी लोकप्रिय है। ये खानपान भी हैं जो देश में विविधताओं में एकता वाली खासियत को परिभाषित करता हैं। जितना आनंद हिमाचल के पर्यटन स्थल घूमने का देते हैं, उससे कई अधिक मजा यहां के पारंपरिक स्वाद का हैं। आज इस कड़ी में हम आपको हिमाचल प्रदेश के कुछ प्रसिद्द व्यंजनों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका जायका यहां घूमने जाएं तो जरूर लें।

# बबरू

इस व्यंजन को बनाने के लिए सबसे पहले काले चने की दाल को रात भर या 5-6 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। इसके बाद अधिक पानी निकाल दें और दाल को एक ब्लेंडर में डालकर पेस्ट बना लें। अब एक बाउल में गेहूं का आटा, 1/2 कप रिफाइंड तेल, बेकिंग पाउडर और नमक मिलाएं। सारी सामग्री को अच्छी तरह मिला लें और पानी की सहायता से नरम आटा गूंथ लें। रोल के छोटे-छोटे हिस्से लें और हर हिस्से में काले चने का पेस्ट डालें। इसे वापस पूरी के आकार में बेल लें। दोनों तरफ से तब तक भूनें जब तक कि ये फूले और समान रूप से पक न जाएं। इसे गर्मागर्म किसी भी सब्जी, इमली की चटनी या अचार के साथ परोसें।

# धाम व्यंजन

यह स्वादिस्ट व्यंजनों से भरी एक थाली है, जिसमे आपको दाल, राजमा, चावल, दही आदि चीज़े चखने को मिल जाएगी। गुड़ इस पकवान में चार चाँद लगा देता है। यह हिमाचल के त्योहारों और खास मौकों पर बनाई जाती है। विवाह शादियों और छोटे-छोटे त्योहारों में इसे खास माना जाता है। इसका प्रचलन लगभग पुरे हिमाचल में है और इसे हिमाचल का मुख्य भोजन भी कहा जाता है। हिमाचल घूमने आएं तो इस थाली का भी सेवन जरूर करें।

# तुड़किया भात

इस स्वादिष्ट डिश को बनाने के लिए एक कटोरी में कटे टमाटर, कटे प्याज, अदरक, लहसुन, लौंग, खसखस, जावित्री, हरी मिर्च, धनिया, इलायची, दालचीनी की छड़ी, सौंफ, स्टोन फ्लावर और लाल मिर्च पाउडर डालें। इन सभी मसालों को मिलाकर पेस्ट बना लें। इसमें कटे हुए आलू डालें। मसूर दाल को पानी में भिगोकर 30 मिनट के लिए रख दें। इसके अलावा चावल को धोकर एक अलग बाउल में 30 मिनट के लिए भिगो दें। तेजपत्ता, दालचीनी स्टिक, इलायची डालें और 2-3 मिनट तक भूनें। इसमें आलू के साथ तैयार मसाला डालें। सभी सामग्रियों को अच्छी तरह मिलाएं। मिश्रण में दही डालें और फिर चावल और दाल डालें। ढककर प्रेशर कुक करें और गर्मागर्म भात परोसें।

# चना मद्रा

मदरा हिमाचल प्रदेश का एक लोकप्रिय भोजन है जिसे चंबा जिले में चना मदरा के रूप में परोसा जाता है। इसे विभिन्न मसालों जैसे इलायची, लौंग, हल्दी पाउडर, दालचीनी और धनिया पाउडर के साथ तेल में अच्छी तरह से पकाया जाता है ताकि पकवान का स्वाद बेहतर हो सके। चंबा के लगभग सभी रेस्टोरेंट में चना मद्रा परोसा जाता है और यह एक ऐसा भोजन है जो राज्य की खाद्य संस्कृति को दर्शाता है।

# भे

इस स्वादिष्ट डिश को बनाने के लिए एक गरम पैन में कटा हुआ अदरक, लहसुन और प्याज डालकर भूनें। एक बार हो जाने के बाद, हल्दी, धनिया पाउडर, काली मिर्च, मिर्च पाउडर और नमक डालें और पकाएं। इसके बाद पैन में बेसन डालकर 2 मिनट तक भूनें। इसमें धुले और उबले हुए कमल के डंठल डालें। अन्य सामग्री के साथ अच्छी तरह मिलाएं और इसे 20 मिनट तक पकने दें। जब कमल के डंठल पक जाएं तो इन्हें एक सर्विंग डिश में रखें और गर्मागर्म परोसें।

# सिड्डू

यह व्यंजन जयादातर मंडी,कुल्लू,मनाली और शिमला मैं सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला व्यंजन है। इसे गेहूं के आटे में खमीर मिला के गुंथा जाता है। इस खमीर मिले मिश्रण को लगभग 5-6 घंटे ता छोड़ दिया जाता है। इसके बाद इसे बनाया जाता है। आम तोर पर,इसे देसी घी,दाल और चटनी के साथ लिया जाता है।

# छा गोश्त

अगर आप मांसाहारी हैं तो छा गोश्त से बेहतर कुछ नहीं परोस सकते। एक विशिष्ट हिमाचल स्वादिष्ट भोजन छा गोश्त एक सुगंधित व्यंजन है, जिसे मैरिनेटेड मेमने से तैयार किया जाता है, जिसे बेसन और दही की ग्रेवी में पकाया जाता है। इस व्यंजन का स्वाद तब बहुत बढ़ जाता है, जब इसे भारतीय मसाले जैसे इलायची, लाल मिर्च में अच्छी तरह पकाया जाता है। पाउडर, धनिया पाउडर, तेज पत्ता, हींग, और अदरक-लहसुन पेस्ट।

# अकतोरी

अकोतोरी एक फेमस डिश है जिसे हिमाचल प्रदेश के लोग अपने फेस्टिव टाइम के दौरान बहुत पसंद करते हैं। अकोरी को एक केक या पैनकेक के रूप में तैयार किया जाता है जिसे एक प्रकार का अनाज के पत्तों के साथ बनाया जाता है जिसे गेहूं के आटे में पकाया जाता है। हालांकि यह व्यंजन स्पीति घाटी में उत्पन्न होता है, लेकिन यह अक्सर तैयार किया जाता है और पूरे हिमाचल प्रदेश में जमकर खाया जाता है।