इस समय घूमने की बेहतरीन जगह हैं माउंट आबू, जानें यहां के मशहूर दर्शनीय स्थल

ठण्ड का दौर जारी हैं जहां लगातार तापमान में कमी देखने को मिल रही हैं। राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू में भी पारा शून्य की ओर जा रहा हैं। ऐसे में यह समय यहां पर्यटन के लिए बहुत अच्छा माना जाता हैं। अरावली पर्वत श्रीणे में एक उच्च पथरीला पठार पर बसा माउंट आबू अपने आप में एक आश्चर्य से काम नहीं है। यह राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन हैं जो अपने शांत वातावरण और हरे-भरे माहौल की वजह से इस राज्य का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। मरुस्थल के बीच हरियाली भरी जगह पर अद्वितीय खूबसूरती है। यह जगह कई पर्यटक आकर्षणों से भी भरी पड़ी है। आज इस कड़ी में हम आपको माउंट आबू की मशहूर दर्शनीय जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप घूमने का पूरा मजा ले सकते हैं। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...

गुरु शिखर

गुरु शिखर चोटी अरावली पर्वत श्रेणी की सबसे ऊँची चोटी है जो माऊंट आबू से लगभग 15 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 1772 मिटेर है और इसका नाम यहां रहने वाले भिक्षु गुरु दत्तात्रेय के नाम पर रखा गया है। पर्यटक इस शानदार चोटी पर पैदल ही जाते हैं और पहाड़ की चोटी से अरावली पर्वत श्रेणी का पूरा दृश्य देख सकते हैं। यहाँ गुरु दत्तात्रेय एक प्राचीन मंदिर है जो इस पर्वत की चोटी पर स्तिथ है। इस चोटी पर शिव मंदिर, मीरा मंदिर और चामुंडी मंदिर है। इसके अलावा यहाँ वेधशाला भी है जो दर्शनीय है। गुरु शिखर अपनी प्राकृतिक मनमोहक दृश्य से घिरा हुआ है। यही कारण है की माऊंट आबू की यात्रा करनेवाले पर्यटक ज्यादातर गुरुशिखर का दौरा जरूर करते हैं।

दिलवाड़ा जैन मंदिर

दिलवाड़ा जैन मंदिर राजस्थान की अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित जैनियों का सबसे लोकप्रिय और सुंदर तीर्थ स्थल है। इस मंदिर का निर्माण 11 वीं और 13 वीं शताब्दी के बीच वास्तुपाल और तेजपाल ने किया था। दिलवाड़ा मंदिर अपनी जटिल नक्काशी और हर से संगमरमर की संरचना होने की वजह से प्रसिद्ध है। यह मंदिर बाहर से बहुत ही साधारण दिखाई देता है लेकिन जब आप इस मंदिर को अंदर से देखेंगे तो इसकी छत, दीवारों, मेहराबों और स्तंभों पर बनी हुई डिजाइनों को देखते ही आकर्षित हो जायेंगे। जैनियों का तीर्थ स्थल होने के साथ ही यह मंदिर एक संगमरमर से बनी एक ऐसी जादुई संरचना है, जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है।

नक्की झील

नक्की झील को एक मज़दूर रसिया बालम ने अपने नाखूनों द्वारा खोद था। कथानुसार वहां के राजा की शर्त थी कि जो भी एक रात में वहां झील खोद देगा उससे वह अपनी पुत्री, राजकुमारी का विवाह करा देगा। नाखुनों से उस झील को खोदने की वजह से उस झील का नाम नक्की झील पड़ा। इस खूबसूरत झील में पर्यटकों के लिए नौका विहार का भी प्रबंध है। इसलिए नक्की झील माउंट आबू के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है।

सनसेट पॉइंट

माउंट आबू से लगभग 2 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ सनसेट पॉइंट पर्यटकों के लिए बेहद खूबसूरत जगह है। इस जगह का खासियत यह है की जॉब पहाड़ियां सूर्य की सुनहरी किरणों से ढक जाती है, तब सूर्यास्त का नज़ारा बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है। यह जगह नेचर लोविंग लोगों के लिए बहुत ही खास है क्यों कि यहाँ की शांत वातावरण और दिलकश नज़ारा काफी आकर्षित होता है। पर्यटक यहाँ सूर्यास्त के समय अपने केमेरे में इस दृश्य को जरूर कैद करते हैं।

ट्रेवर टैंक

माउंट आबू से 5 किमी दूर स्थित ट्रेवर्स टैंक प्रकृति प्रेमियों के लिए एक बेहद लोकप्रिय जगह है। इसका नाम एक ट्रेवर नामक एक इंजीनियर के नाम पर रखा गया है जिसने इसे डिजाइन किया था। मगरमच्छ, पक्षी और अन्य वन्यजीवों को देखने के लिए लोकप्रिय एकांत जंगल में जलाशय बना हुआ है। वर्तमान में यह स्थानीय और यहां हर साल आने वाले पर्यटकों दोनों के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है। यह जगह आपको प्रकृति का शानदार नजारा दिखाती है।

अचलगढ़ किला

माउंट आबू शहर से करीब 9 किमी की दूरी पर स्थित इस किले की स्थिति भले ही वर्तमान समय में थोड़ी जर्जर हो गई है, लेकिन ऐतिहासिक चीजों को विजिट करने वाले पर्यटकों की संख्या आज भी कम नहीं हुई है। अगर आप भी ऐतिहासिक चीजों को देखने का शौक रखते हैं, तो इस किले को विजिट करना बिलकुल भी ना भूलें।

गौमुख मंदिर

माउंट आबू से करीब 3 किमी दूर गौमुख मंदिर (श्री गौमुख तीर्थ) भी काफी सारे सैलानियों को आकर्षित करता है। गौमुख मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही एक हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित किया गया है। हनुमान जी के प्रतिमा से करीब 600 सीढियां नीचे उतरने के बाद आप एक वशिष्ठ आश्रम तक पहुंचेंगे। वसिष्ठ आश्रम में एक पत्थर रूपी गाय के मुख से पानी का निरंतर प्रवाह होता रहता है, जिसकी वजह से उस स्थान को गौमुख मंदिर और श्री गौमुख तीर्थ भी कहा जाता है।

हनीमून प्वाइंट

माउंट आबू में 1220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह हनीमून प्वाइंट कपल के लिए का आकर्षक पर्यटक स्थल है। यहां पर एक व्यक्ति और महिला के सम्मान में दो चट्टानों से मूर्तियां बनी हुई है। इसे लव रॉक भी कहा जाता है। यहां पर आकर पर्यटक ढलती सूरज का बेहद सुंदर दृश्य देखने का आनंद उठा सकते हैं। साथ ही यहां पर आप शॉपिंग का भी मजा उठा सकते हैं। यहां पर पास में दूध बावड़ी मौजूद है। माना जाता है इस बावड़ी के पानी मे जादुई शक्तियां हैं।

टॉड रॉक

माउंट आबू के मुख्य आकर्षण में से एक टॉड रॉक नक्की झील के पास स्तिथ है। इसे माउंट आबू का शुभंकर भी माना जाता है। टॉड रॉक एक विशाल चट्टान है जो मेंढक की आकृति में नक्की झील के किनारे स्तिथ है। इसे देखने ऐसा प्रतीत होता है की यह नक्की झील में कूदने वाला है। यह जगह प्राकृतिक सौंदर्य से घिरी हुई है। यही कारन है की यहाँ पर्यटकों का ज्यादा भीड़ रेह्र्ता है।

अर्बुदा देवी मंदिर

अर्बुदा देवी मंदिर को माउंट आबू का सबसे पवित्र तीर्थ बिंदु माना जाता है। इस मंदिर को 51 में से छठा शक्तिपीठ माना जाता है। अर्बुदा देवी को कात्यायनी देवी का अवतार कहा जाता है। नवरात्र के मौके पर माउंट आबू का पर्यटन स्थान एक आध्यात्मिक नगरी के रूप में बदल जाता है। यहाँ पर दूर से लोग अर्बुदा देवी मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। आपको बता दें कि यह मंदिर एक गुफा के अंदर स्थित है जिसके दर्शन के लिए आपको 365 सीढ़ियां चढ़कर जाना होता है। बताया जाता है कि मंदिर के पास दूध के रंग के पानी से बना पवित्र कुआँ है। यहाँ के स्थाई निवासी इस कुएं को कामधेनु (पवित्र गाय) के रूप में मानते हैं। यह पवित्र कुआँ मंदिर के लिए पानी का मुख्य स्रोत भी है। विशाल ठोस चट्टानों से निर्मित यह मंदिर भारत के चट्टानों पर बने मंदिरों के सर्वश्रेष्ठ नमूनों में से एक है।