विभिन्नताओं के देश भारत में कई ऐसी अजीबोगरीब जगह और चीजें हैं, जिनके रहस्य जान पाना मुश्किल हैं। कुछ चीजों के रहस्यों का पता चल गया लेकिन कुछ का पता नहीं चल पाया। आज भी ऐसे कई रहस्य हैं जो अविश्वसनीय घटनाएँ साबित होते हैं। कई ऐसी जगह हैं जहाँ भूतों का बसेरा हैं तो कहीं रात में जाने का डर। तो आइये जानते हैं भारत में स्थित ऐसी ही रहस्यमयी जगहों के बारे में...
* कुलधरा, राजस्थान :कुलधरा को भूतों का गांव भी कहा जाता है। इस गांव में 1800 से कोई नहीं रहता। यह गांव जैसलमेर से 15 किलोमीटर दूर है। इस गांव को 1291 में पालीवाल पंडितों ने बसाया था। एक दिन अचानक इस गांव और पास के गांव के लोग रात के अंधेरे में गायब हो गए, तब से इस गांव को भुतहा मान लिया गया। गांव के आस-पास से निकलने वाले लोग यहां भूत दिखने के दावे करते हैं।
* बंगाल के दलदल के आसपास चमकीली लाइट :आपने अब तक सिर्फ बिजली से लाइट को जलाते देखा होगा। लेकिन एक ऐसी जगह भी है जहा बिना किसी बिजली उपकरण और और बल्ब के भी लाइट चमकी है। जी हां, बंगाल के दलदल के आसपास चमकीली लाइट का रहस्य आज भी अनसुलझा है। इस लाइट के दिखने की जानकारी मछुआरों ने दी थी। उनके अनुसार ये लाइट्स दलदल के ऊपर से निकल रही थी। यहां रहने वालें लोगो का कहना है कि ये लाइट्स उन्हें खतरें का आभास कराती है और इसके अलावा लोगो का मानना है कि ये लाइट्स मछली पकडतें समय मरने वालें लोगो की आत्माओं की है। हालांकि आज तक इस रहस्य से पर्दा नही उठ सका है।
* युएफओं का अंडरग्राउंड क्षेत्र :वैसे तो पूरी दुनिया एलियंस के होने पर एकमत नही है और कई वैज्ञानिक इनके होने के अस्तित्व के बारें में बताते है। लेकिन फिर भी आज तक ये रहस्य ही है कि क्या वाकई एलियंस है। और इसी तरह लद्दाख के कोंग्ला ला पास की पहाडियों में युएफओं का अंडरग्राउंड क्षेत्र बताया जाता है। कई बार यहां पर लोगो ने यूएफओ को उडते हुए देखा है। यहां लोगों ने एक अजीब प्रकार की ट्राईएंगलर चीज को आते जाते देखा है।
* रूपकुंड झील, उत्तराखंड :उत्तराखंड के पहाड़ों में 5029 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रूपकुंड झील एक ओर जहां अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, तो वहीं इस जगह से मिले कंकालों का रहस्य अभी तक गहराया हुआ है। दरअसल, इस झील में लगभग 500 से 600 लोगों के नरकंकाल मौजूद हैं। हालांकि, ये नरकंकाल कैसे इस झील में आए, ये अभी भी रहस्य है। और लोगो कहना है कि जहां अच्छी तरह से लोग पहुंच भी नही पाते है वहां इतनी संख्या में नरकंकालों का मिलना किसी रहस्य से कम नही है।
* जतिंगा वैली घाटी :यहां जाने पर आप प्रक्षत्य रूप से पक्षियों को आत्महत्या करते देख सकते हैं। यहां पर पक्षियों की आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले मानसून और अमावस्या की रात को देखने को मिलते है। यहां के लोगों का मानना है कि यह भूत-प्रेतों और अदृश्य ताकतों का है। जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि ये सिर्फ तेज हवाओं और पेड़ों से टकराने के कारण है फिर भी हर बार ऐसा ही क्यो होता है और ये पक्षी सिर्फ यहीं पर आकर ही क्यो मरते है। इसके पीछें के रहस्य का आज तक पता नही चल पाया है।