अगर मनाली जाने का बना रहे है प्लान तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान, ट्रिप बनेगी यादगार

हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत का सबसे खूबसूरत पहाड़ी इलाका है जो पर्यटकों को अपनी और खींचता है। पश्चिमी हिमालय की गोद में बसा यह राज्य पहाड़ों व नदियों से घिरा है। ये राज्य रावी, चेनाब, ब्यास, यमुना व सत्लुज जैसी बड़ी नदियों का मूल क्षेत्र है। प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण यह क्षेत्र छुट्टियाँ मनाने के लिए एक बहुत ही उम्दा पसंद है। हिमाचल प्रदेश का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है मनाली, जो शिमला से लगभग 275 किलोमीटर दूर है। चारों ओर से पहाड़ों से घिरे मनाली को देखकर रोमांच और रोमांस का अनुभव होता है। एडवेंचरस के शौकिन लोगों के लिए यह बेहतरीन स्पॉट है। यह बेस्ट हनीमून स्पॉट भी है। यदि आप यहां घूमने का प्लान बना रहे हैं तो जानिए यहां की 13 खास बातें...

एडवेंचरस

एडवेंचरस के शौकिन लोगों के लिए यह बेहतरीन स्पॉट है। यहां आने वाले पर्यटक कस्बे में स्थित गांव में ठहरते हैं। यहां आप ट्रैकिंग, स्कीइंग और राफ्टिंग का मजा लेते हैं। मनाली से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सोलन या सोलांग वैली सैलानियों को अपनी और आकर्षित करती है। यहां ट्रैकिंग, स्कीइंग और माउंटेनियरिंग के कैंप आयोजित किए जाते हैं। आप यहां पैराग्लाइडिंग, पैराशूटिंग, स्कीइंग और हॉर्स राइडिंग भी कर सकते हैं।

प्रकृति का खजाना

चारों ओर से पहाड़ों से घिरे मनाली को देखकर रोमांच और रोमांस का अनुभव होता है। मनाली न केवल अपने अद्‍भुत प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है, बल्कि कुल्लू घाटी का असली सौंदर्य मनाली में ही देखने को मिलता है। यहां देखने और घूमने के लिहाज से बहुत से मशहूर स्थल हैं। यहां की सुरमई शाम अलसाती भोर का मजा ही कुछ और है। मनाली में व्यास नदी, जोगिनी झरना, सोलांग घाटी, रोहतांग पास और हिमवैली देखने लायक है।

कोठी राहला फॉल्स

मनाली से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कोठी। यहां से पहाड़ों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। यहां बीस नदी का तेजी से बहता ठंडा पानी अदभुत नजारा पेश करता है। कोठी से दो किमी की दूरी पर बीस नदी पर राहला फॉल्स स्थित है। यहां 50 मीटर की ऊंचाई से गिरता झरने का पानी सैलानियों को खूब लुभाता है।

गर्म कुंड में डुबकी लगायें

मनाली से कुछ दूर पर ही स्थित वशिष्‍ठ मंदिर है। यह जगह खासतौर पर गर्म पानी के स्रोत के लिए जानी जाती है। इस पानी का तापमान बहुत अधिक है। इस जगह आने वाले पर्यटक को इस कुंड में एकबार तो डुबकी लगानी ही चाहिए। इस पानी से शरीर के सारे रोग दूर हो जाते हैं।

जंगल

मनाली सैंचुरी में पर्यटक कैपिंग के लिए पहुंचते हैं। यह अभयारण्‍य 31.8 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है जो मनाली का मुख्‍य आकर्षण केंद्र है। इस सेंचुरी का उद्घाटन 26 फरवरी 1954 में किया गया था। इस अभयारण्‍य को पंजाब बर्ड और वाइल्‍ड एनीमलस प्रोटेक्‍शन एक्‍ट, 1933 के तहत खोला गया है। इस अभयारण्‍य में कई प्रकार की चिडि़यां और जानवर हैं जो देश में काफी दुर्लभ है और सामान्‍यत: देखने को नहीं मिलते हैं। पर्यटक यहां आकर कश्‍मीरी उडन गिलहरी, हिमालय काला भालू, उड़ने वाली लोमड़ी, हिमालय का येलो थ्रोटेड मार्टन और हिमालय पाम सिवेट आदि कई प्रकार के जानवर देख सकते हैं जिनका कभी नाम भी नहीं सुना होगा।

फलों से बनी हुई वाइन

मनाली की जलवायु बेहद अच्छी है। जिस कारण मनाली को भारत की फलों की टोकरी भी कहा जाता है। यहां से आप सेब संतरे के अलावा घर की बनी फलों की वाइन खरीद सकते है।

किराये की गाड़ी से करे रोड ट्रिप

अगर आप बाइक चलाने के शौक़ीन है तो आप मनाली में बाइक किराए पर लेकर रोहतांग पास की सैर कर सकते हैं। यह पास जून से लेकर अक्टूबर तक खुला रहता है। पास बंद होने के बाद भी आप गुलाबा तक की सैर कर सकते हैं जोकि मनाली से 50 किमी की दूरी पर स्थित है।

रोहतांग पास

मनाली से करीब 53 कि.मी. दूर स्थित प्रसिद्ध रोहतांग पास में पर्यटकों को ग्लेशियर, चोटियां और घाटियों के एडवेंचरस और सांसें रोक देने वाले दृश्य दिखाई देते हैं।

धार्मिक स्थल

मनाली में हडिंबा देवी मंदिर, मनीकरण गुरुद्वारा, व्यास कुंड, लकड़ी से बना शिव मंदिर आदि कई धार्मिक स्थल है।

रिवर राफ्टिंग

रिवर राफ्टिंग के शौकीनों के लिए मनाली स्थित ब्यास नदी किसी जन्नत से कम नहीं है।।यहां नाने वाले पर्यटक इस नदी पर राफ्टिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।।इस राफ्टिंग को डेढ़ घंटे की अवधि में खत्म किया जाता है।

हवा का झरोखा

मनाली के बाहरी भाग में हवा का एक अनोखा प्राकृतिक स्थान है- 'झरोखा'। यह स्थान तीनों तरफ से पहाड़ियों से घिरा है। उन पहाड़ियों के बीच से लगातार ठंडी हवाएं बहती रहती है। यहां एक शिव मंदिर भी है, जो पूर्णतयाः 'लकड़ी' से बना है। यह प्राचीन कला कौशल का श्रेष्ठ प्रमाण है।

हनीमून डेस्टीनेशन

यह बेस्ट हनीमून स्पॉट भी है। आप चाहें तो यहां पर किराए पर बाइक लेकर ओल्ड मनाली में घूम सकेत हैं। लोकल मार्केट में जाएं और यहां स्वादिष्‍ट खाने का मजा लें। यदि आप नानवेज खाने के शौकिन हैं तो यहां कि ट्राउट जरूर खाएं जो एक प्रकार की मछली है।

सावधानियां

मनाली जा रहे हैं तो अपनी सुरक्षा, ट्रेकिंग के सभी सामान ले जाएं। बर्फबारी और ठंड से बचने के लिए भी इंतजाम कर लें। यहां भूस्खल भी होते रहते हैं। जनवरी और फरवरी में यहा स्नोफॉलल होता है।

कैसे पहुंचे

मनाली का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन चंडीगढ़, पठानकोट और कालका है, जहां पर आप देश के किसी भी कोने से ट्रेन द्वारा पहुंच सकते हैं। मनाली, चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से 305 किलोमीटर, पठानकोट से 293 किलोमीटर और कालका से 277 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

इसका नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिंदर नगर है। चंडीगढ़ या दिल्ली तक ट्रैन से पहुंचकर मनाली के लिए बस उपलब्ध है। चंडीगढ़ से मनाली की दूरी 309 किलोमीटर है। मनाली के नजदीक भंतूर एयरपोर्ट है।