धार्मिक संस्कृति और पौराणिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है वृंदावन, ये पर्यटन स्थल भी हैं रमणीय

वृंदावन उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा क्षेत्र में स्थित गांव है जो अपनी धार्मिक संस्कृति और कई पौराणिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है। यह स्थान वास्तव में उन दिनों की याद दिलाता है जहां भगवान कृष्ण का पूरे बचपन बिता था और यही कई कहानियों की शुरूआत हुई थी। यहां आपको श्री कृष्ण और राधा की कई मंदिर मिला जाएंगे लेकिन यहां स्थित बांके बिहारी का मंदिर काफी प्राचीन और लोकप्रिय है।

जन्माष्टमी के दौरान इस मंदिर में हजारों की तादाद में श्रद्धालु भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए आते है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार इस स्थान को कृष्ण की लीलास्थली के रूप में प्रदर्शित करती है, इसलिए हिंदू समाज में इस स्थान का बड़ा धार्मिक महत्व है। यह स्थान हिंदू तीर्थ यात्री के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां पर कई भव्य मंदिर है जो भगवान कृष्ण बाल्यकाल से जुड़ी कई पहलुओं को दर्शातें है। यहां आकर आपको धर्म और संस्कृति से जुड़ी काफी कुछ जानने का मौका मिलेगा।

वृंदावन के मशहूर पर्यटन स्थल

बांके बिहारी मंदिर

यह मंदिर मथुरा जिले के वृंदावन घाम में स्थित है। बांके बिहारी भगवान कृष्ण का ही एक रूप है, यह मंदिर भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, लेकिन इस मंदिर का दिलचस्प तथ्य यह है कि आपको यहां पर घंटियां और शंख नहीं मिलेंगे। जनमाष्टमी के दिन यहां भक्तों की काफी भीड़ होती है। इस दिन भगवान को झूले पर बैठाया जाता है, और उनकी आरती होती हैं। जिसके दर्शन सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही प्राप्त होते हैं।

प्रेम मंदिर

वृंदावन में स्थित यह मंदिर करीब 54 एकड़ में फैला है। इसका निर्माण जगद्गुरु कृपालु महाराज के द्वारा कृष्ण और राधा के मंदिर के रूप में करवाया था। इस मंदिर में लेजर लाईट शो, रंग बिरंगे रोशनी से सजी दिवारे, मंदिरों की अद्भुत कलाकृति आपको काफी अच्छा लगेगा। मंदिर निर्माण की अवधि 2001- 2012 में हुई थी इसका उदघाटन 17 फरवरी 2012 को किया गया था।

शाहजी मंदिर

यह मंदिर का निर्माण 1876 में हुआ था; यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और यहाँ की प्रमुख देवी हैं चौथे राधा रमण है। यह मंदिर अपने शानदार नक्काशी के लिए जाना जाता हैं जिसमें, 12 शानदार सर्पिल स्तम्भ हैं और इस स्तम्भ की ऊंचाई लगभग 15 फीट है।

रंगजी मंदिर

वृंदावन में सबसे बड़े मंदिर में से एक हैं,; यह मुख्य रूप से भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है। दक्षिण भारतीय की द्रविड़ शैली में निर्मित है यह मंदिर अपने उत्कृष्ट शैली के लिए जाना जाता है।

पागल बाबा मंदिर

यह मंदिर सफेद संगमरमर के पत्थर से निर्मित करीब 10 मंज़िल ऊंची है। यह मंदिर अपनी भव्यता के लिए लोकप्रिय है। आप यहां पर राम और कृष्ण के जीवन से जुड़े विभिन्न दृश्यों को देख सकते है।

निधिवन

वृंदावन में स्थित यह स्थान अत्यंत धार्मिक और रहस्मयी माना जाता है। मान्यता है कि, इस वन में आज भी आधी रात भगवान कृष्ण और गोपियों के साथ नृत्य करते है। लेकिन दिलचस्प तथ्य यह है कि, अगर इस रास लीला को यदि कोई मनुष्य देख ले तो मनुष्य अपनी नेत्रज्योती या दिमागी संतुलन खो बैठता है। यह स्थान कई पौराणिक मान्यताओं और रहस्यों से भरा हुआ मंदिर है।

कंस किला

कंस किला अद्भुत आकर्षणों में से एक स्थान हैं जो यमुना नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है। इसे एक अन्य नाम से भी जाना जाता है जिसे पुराना किला भी कहा जाता है।

वृंदावन में मनाए जाने वाले कार्यक्रम और त्योहार

कुंभ मेला

यह उत्सव इस दुनिया में आयोजित होने वाले सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। यह पृथ्वी पर सबसे बड़ी मानवसभा के रूप में भी जाना जाता है।

जन्माषटमी

भगवान कृष्ण की जन्मभूमि होने के चलते यहां जन्माषटमी काफी धूमधाम से मनाई जाती है। इस अवसर पर पूरा वृंदावन भगवान कृष्ण के भक्तिसागर में डूब जाता है। इस दौरान यहां कई श्रद्धालु इस मौके पर यहां आते है।

दिवाली

यह त्योहार यहां पर काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर यहां की रौनक देखने लायक होती है।

वृंदावन घूमने का सही समय

अगर आप वृंदावन जाने की सोच रहे है. तो सर्दी के मौसम यात्रा के लिए काफी अच्छा माना जाता है। अक्टूबर से मार्च के महीने तापमान सामान्य रहता है और यात्रा के लिहाज से काफी उपयुक्त रहता है।