फूलों और घाटियों से भरा है अगरतला, जानें यहां के दर्शनीय स्थलों के बारे में

अगरतला भारत के खूबसूरत राज्य त्रिपुरा की राजधानी हैं और यह अपनी गोद में कई आकर्षित और पर्यटन स्थलो को समेटे हुए हैं। अगरतला के अतीत में झांकने पर हम पाते हैं कि माणिक्य राजाओं के लिए यह स्थान अपने निवास स्थान के रूप में जाना गया था। अगरतला विविधता और समृद्ध संस्कृति के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का सही उदाहरण प्रस्तुत करता हैं। अगरतला न केवल फूलों और घाटियों से भरा हुआ स्थान हैं बल्कि लोगों की विविधता के साथ-साथ ऐतिहासिक और धार्मिक स्मारकों के लिए भी जाना जाता हैं। अगरतला त्रिपुरा राज्य का सबसे विकशित शहर है और यह महानगरों से काफी दूरी पर हैं।

उज्जयंता पैलेस

अगरतला में देखने लायक जगहों में शामिल उज्जयंता पैलेस वर्षों पहले एक शाही महल था। अगरतला में होने वाली हल-चल इसी महल के ईर्द-गिर्द होती थी। इस महल का निर्माण सन 1901 में किया गया था। महल में शानदार टाइलों वाले फर्श, घुमावदार लकड़ी की छत और आकर्षित दरवाजे हैं। “उज्जयंता पैलेस” नाम त्रिपुरा के एक नियमित पर्यटक रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा दिया गया था। महल में सार्वजनिक हॉल, दरबार हॉल, पुस्तकालय, सिंहासन कक्ष, चीनी कक्ष और स्वागत कक्ष आदि शामिल हैं। उज्जयंता पैलेस पहले त्रिपुरा का एक शाही महल था जोकि अगरतला राज्य में स्थित है। यह महल सन 2011 तक त्रिपुरा राज्य की विधान सभा के रूप में भी कार्य करता था लेकिन अब यह स्थान अगरतला का एक आकर्षित पर्यटक स्थल बन गया हैं।

सिपाहीजोला वन्य जीव अभ्यारण्य

अगरतला से करीब 28 किमी की दूरी पर स्थित यह अभ्यारण्य प्रकृति और वन्य जीव प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहां एक हिरण पार्क, एक चिड़िया-घर और एक वनस्पति उद्यान भी है। यहां सैलानियों के लिए टूरिस्ट काटेज की भी व्यवस्था की गयी है, जहां रुककर वह यहां के प्राकृतिक वातावरण का लुत्फ़ उठाने के साथ-साथ बोटिंग का मज़ा भी ले सकते हैं और पास ही में स्थित काफी के बागानों का नज़ारा भी देख सकते हैं।

नीरमहल

मुख्य शहर से 53 किमी दूर स्थित इस खूबसूतर महल को महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य ने बनवाया था। रुद्रसागर झील के बीच में स्थित इस महल में महाराजा गर्मियों के समय ठहरते थे। महल निर्माण में इस्लामिक और हिंदू वास्तुशिल्प का मिला-जुला रूप देखने को मिलता है, जिससे इसे काफी ख्याति भी मिली है।

सुंदरी मंदिर

अगरतला के दर्शनीय स्थलो में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का अपना एक अलग ही स्थान हैं। यह मंदिर त्रिपुरा राज्य के अगरतला से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर उदयपुर में स्थित हैं। उदयपुर में स्थित यह मंदिर यहां का सबसे पुराना मंदिर हैं जोकि 500 साल पहले बनाया गया था। त्रिपुर सुंदरी मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है और इस पावन स्थान पर सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था। पर्यटक साल भर इस स्थान पर मंदिर के ईस्ट देव के दर्शन करने के लिए आते हैं और दर्शन का लाभ उठाते हैं। प्राचीन कथाओं के अनुसार यह भी कहां जाता हैं कि वैकुंठ धाम के स्वामी भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से देवी सती को 51 भागो काट दिया था और जिस स्थान पर उनके अंग का टुकड़ा गिरा हैं उसे शक्ति पीठ के नाम से जाना गया। यह मंदिर का एक कछुए के आकर का है और यह कुरमा पीठ के नाम से जाना जाता हैं।

अगरतला कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग-
अगरतला हवाई अड्डा, उत्तर-पूर्व में स्थित सबसे व्यस्तता एयरपोर्ट्स में से है। दिल्ली और कोलकाता से यहां सीधी उड़ानों की व्यवस्था है तथा मुंबई और बेंग्लुरु से यहां के लिए संयोजित उड़ानें हैं। हवाई अड्डे से शहर के किसी भी कोने में पहुंचने के लिए स्थानीय टैक्सी और बस की अच्छी व्यवस्था है।

रेल मार्ग- अगरतला शहर देश के अन्य सभी शहरों से रेल मार्ग द्वारा बहुत अच्छी तरह से जुड़ा है। अगरतला रेलवे स्टेशन यहां का मुख्य रेलवे स्टेशन है और अगरतला पैसेंजर, कंचनजंगा एक्सप्रेस तथा अगरतला सुंदरी एक्सप्रेस यहां तक आने वाली कुछ प्रमुख ट्रेनें हैं।

सड़क मार्ग- यदि आप रोमांच के शौकीन हैं, तो यहां तक बाइक या कार से आना आपको बहुत पसंद आएगा। नेशनल हाईवे- 27 द्वारा दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंग्लुरु से अगरतला तक पहुंचने में क्रमशः 2400 किमी, 3200 किमी, 1500 किमी और 3400 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। वैसे यहां तक पहुंचने के लिए देश के सभी शहरों से टूरिस्ट बसों की भी व्यवस्था है