Mahashivratri 2022 : दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं भारत के ये शिव मंदिर, भक्तों में हैं गहरी आस्था

1 मार्च, 2022 मंगलवार को शिव को समर्पित महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाना हैं। इस दिन शिव के भक्त उनकी पूजा-अर्चना करते हुए मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं। ऐसे तो शिव का मंदिर आपको देश की हर गली में मिल जाएगा लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं जिनकी ख्याति पूरी दुनिया में फैली हुई हैं। आज इस कड़ी में हम आपको भारत के ऐसे ही कुछ प्रसिद्द शिव मंदिर की जानकारी देने जा रहे हैं जो अपनी आस्था से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जाने जाते हैं।

नागेश्वर मंदिर, गुजरात

यह मंदिर द्वारका से 15 किलोमीटर दूर स्थित है और भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर को नागनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह गुजरात के सबसे लोकप्रिय शिव मंदिरों में से एक है। यहां एक खूबसूरत तालाब और बगीचा है। ऐसा माना जाता है कि नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करने से किसी भी तरह के विष या सांपों के काटने का असर नहीं होता है।

केदारनाथ, उत्तराखंड

केदारनाथ, भारत के चार प्रमुख स्थलों में से एक है जिसे छोटा चार धाम के नाम से जाना जाता है। उत्तराखंड के गढ़वाल में मंदाकिनी नदी के पास स्थित केदारनाथ मंदिर, अप्रैल से नवंबर तक खुला रहता है क्योंकि यहाँ सर्दियों के महीनों में भारी बर्फबारी होती है। यह मंदिर समुद्र तल से 3583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

काशी विश्वनाथ, उत्तर प्रदेश

काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। मंदिर अपने सोने की परत चढ़े गुंबदों और मीनारों और नंदी बैल की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, जो लोग यहां काशी विश्वनाथ में अपनी अंतिम सांस लेते हैं, उन्हें जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।

शिवोहम शिव मंदिर, बेंगलुरु

यह भगवान शिव के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में भगवान शिव की 65 फीट लंबी भव्य मूर्ति है। शिवोहम शिव मंदिर में सबसे बड़ा शिवलिंग द्वार भी है। भगवान शिव के साथ यहां भगवान गणेश की भी 32 फीट ऊंची मूर्ति है। माना जाता है कि इस शिव मंदिर में जो भी मनोकामना माँगो वह जरूर पूरी होती है।

मुरुदेश्वर, कर्नाटक

उत्तरी कर्नाटक में स्थित मुरुदेश्वर में भगवान शिव की दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति है, जो मंदिर के पीछे अरब सागर के साथ भव्य रूप से विराजमान है। भगवान शिव को समर्पित इस प्रतिमा के पास एक 20 मंजिला मंदिर भी बनाया गया है। भक्तों और पर्यटकों को इस भव्य प्रतिमा के अच्छे से दर्शन करवाने के लिए यहाँ एक लिफ्ट का निर्माण भी किया गया है। इस मूर्ति के नजारे देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहाँ आते हैं।

सिद्धेश्वर धाम, सिक्किम

सिद्धेश्वर धाम मंदिर, सिक्किम की राजधानी गंगटोक से करीब 2 घंटे की दूरी पर स्थित है। यहाँ भगवान विष्णु, भगवान कृष्ण, भगवान जगन्नाथ और भगवान शिव को समर्पित चार मंदिर हैं, जो ऊंचे खूबसूरत पहाड़ों से घिरे हैं। दूर-दूर तक फैले परिसर में 12 ज्योतिर्लिंग और 108 फीट ऊंची भगवान शिव की मूर्ति है।

लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर

लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर के सबसे पुराने शिव मंदिरों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सोमवंशी वंश के राजा जाजति केशरी द्वारा किया गया था और बाद में गंगा साम्राज्य के शासकों द्वारा संशोधित किया गया था। यह मंदिर लगभग 1000 साल पुराना है और इसकी वर्तमान संरचना 11वीं शताब्दी में बनाई गई थी। इस मंदिर में पीठासीन देवता भगवान हरिहर हैं, जो भगवान शिव के ही एक रूप हैं। इस मंदिर का उल्लेख संस्कृत ग्रंथों (ब्रह्म पुराण, एक हिंदू ग्रंथ) में भी है।