घूमने का असली मजा सर्दियों के मौसम में ही आता हैं। फ़रवरी का महीना जारी हैं जहां ठण्ड में थोड़ी राहत मिलती हैं, तो यह बेहतरीन समय हैं अलग-अलग जगहों को एक्सप्लोर करने का। अगर आप आने वाले दिनों में घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो ग्वालियर जा सकते हैं। ग्वालियर शहर आगरा के दक्षिण में 122 किलोमीटर दूर स्थित है जो मध्य प्रदेश की पर्यटन राजधानी है। ऐतिहासिक ग्वालियर शहर की सुन्दरता, आकर्षित कर देने वाली स्मारकों, महलो और मंदिरों की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम हैं। इस खूबसूरत जगह पर घूमने आप अपने परिवार, दोस्तों या अकेले भी पहुच सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको ग्वालियर के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां की सैर करके आप अपने सफर को यागदार बना सकते हैं। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...
ग्वालियर फोर्टग्वालियर का किला पूरे दक्षिण भारत का एक अभेद किला है। इस किले का निर्माण दो भागो में किया गया था। जोकि दो अलग अलग समय अवधि के दौरान हुआ था। ग्वालियर किले की सुन्दरता और विशालता का वर्णन शब्दों में करना कठिन हैं। इस किले में मन मंदिर, गुजरी महल, पानी के टैंक, कर्ण, जहागीर आदि है। ग्वालियर आने वाले पर्यटकों को एक बार इस किले में जरूर घूमने जाना चाहिए।
जय विलास पैलेस यदि आप शाहजहाँ और औरंगजेब के युग से लेकर रानी लक्ष्मी बाई के शासनकाल के स्वतंत्रता आंदोलन तक के हथियारों को देखने में रुचि रखते हैं, तो आपको जय विलास पैलेस भी जरूर जाना चाहिए। यह अच्छी तरह से संरक्षित महलनुमा स्मारक जयजी राव सिंधिया द्वारा बनाया गया था जो कभी ग्वालियर के महाराजा थे। महल 75 एकड़ के क्षेत्र में अपनी शाही वास्तुकला को दर्शाता है और यह जयाजी राव सिंधिया के वंशजों के साथ-साथ 35 कमरों वाले एक विशाल संग्रहालय के लिए एक भव्य रेजिडेंट के रूप में कार्य करता है।
गांधी चिड़ियाघरग्वालियर शहर समृद्ध विरासत वाला शहर एक आकर्षित और रोमांचक गतिविधियों से भी भरा हुआ है। सन 1922 में शाही परिवार के मधाओ राव सिंधिया द्वारा स्थापित किया गया गांधी चिड़ियाघर यहां का एक खूबसूरत जू हैं। यह स्थान वास्तव में फूल बाग के नाम से भी जाना जाता हैं। इस बाग में कई प्रजातियों के सांभर, चित्तीदार हिरण, काले हिरन, बाइसन, लकड़ बग्घा और सफेद बाघ देखने को मिल जाते है।
तानसेन मकबरातानसेन भारत के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में से एक थे और पूरे मध्य युग में अकबर के दरबार में एक प्रमुख गायक थे। वह भी मुगल दरबार के नौ मोतियों में से एक था। किंवदंती के अनुसार, तानसेन जादू को बुला सकते थे, बारिश ला सकते थे और यहां तक कि अपने गीत के साथ जानवरों को भी मोहित कर सकते थे। उन्होंने एक शिक्षक मोहम्मद गौस से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत सीखा, जो उनके शिक्षक थे। उन्होंने ग्वालियर घराने की संगीत शैली की रचना की और ध्रुपद शैली का समर्थन किया। उन्हें उनके गुरु के पास एक शानदार स्थापत्य स्मारक स्थान पर दफनाया गया था। हर साल नवंबर में, तानसेन संगीत समारोह यहां आयोजित किया जाता है, जिसमें देश भर के जाने-माने कलाकार आते हैं विभिन्न शास्त्रीय प्रदर्शनों में खेलते हैं।
तेली का मंदिर ग्वालियर का दर्शनीय स्थल तेली का मंदिर ग्वालियर किले में स्थित हैं। इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था और यह ग्वालियर की सबसे बड़ी ईमारत हैं। जिसकी ऊंचाई 100 फिट हैं। यह शानदार भव्य मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए पूरे भारत वर्ष में प्रसिद्ध है।
सास बहू मंदिरग्वालियर में स्थित सास बहू मंदिर का वास्तविक नाम विष्णु भगवान पर आधारित सहस्त्रबाहु मंदिर है। हालांकि, कालांतर में गलत उच्चारण के कारण इस मंदिर को सास बहू मंदिर कहा जाने लगा है। 9वीं शताब्दी में बने इस मंदिर का नाम ग्वालियर के फेमस पर्यटन स्थलों में शुमार है। वहीं, सहस्त्रबाहु मंदिर अपनी शानदार नक्काशी के चलते पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण कच्छपघाट राजवंश के राजा महिपाल के शासनकाल में किया गया था, जिन्होंने भगवान ब्रह्मा से एक समृद्ध और सफल राज्य की कामना की थी।
मान मंदिर पैलेस किले के उत्तर-पूर्वी छोर पर स्थित, मान मंदिर महल का निर्माण 1486 और 1516 के बीच तोमर शासक मान सिंह तोमर ने करवाया था। महल समय के साथ जीवित नहीं रह सका, हालांकि महल के अवशेष अभी भी उस युग की सुंदर नक्काशी और डिजाइनों को प्रदर्शित करते हैं। आश्चर्यजनक नक्काशीदार पत्थर की दीवारें और पूरी तरह से रखी गई टाइलें यहां राजपूत शैली की वास्तुकला को देख सकते हैं। महल में जौहर तालाब सुसाइड पॉइंट के रूप में प्रसिद्ध है जहाँ राजपूत महिलाएँ अपनी इज्जत बचाने के लिए आत्महत्या कर लेती थीं। यह वही जगह थी जहां औरंगजेब ने अपने भाई मुराद को बंदी बना लिया था और अफीम का इस्तेमाल कर धीरे-धीरे उसे जहर देकर मार डाला था। महल जहांगीर महल, शाहजहाँ महल और गुजरी महल जैसे अन्य स्मारकों से भी घिरा हुआ है।
सूर्य मंदिरग्वालियर के दर्शनीय स्थलों में शामिल यहां का सूर्य मंदिर भगवान सूर्य देव को समर्पित हैं। सूर्य मंदिर ग्वालियर के सबसे शानदार मंदिरों में से एक है और साथ ही साथ इस मंदिर में शानदार वास्तुशिल्प है जो आश्चर्यचकित कर देती हैं। सूर्य मंदिर का निर्माण वर्ष 1988 के दौरान एक प्रसिद्ध उद्योगपति जीडी बिड़ला के द्वारा करबाया गया था। सूर्य मंदिर में आने वाले पर्यटकों की लम्बी कतार वर्ष भर लगी रहती हैं।
सिंधिया संग्रहालयसिंधिया संग्रहालय, ग्वालियर में एक लोकप्रिय आकर्षण, 1964 में बनाया गया था। यह ग्वालियर के प्रसिद्ध जय विलास पैलेस के अंदर स्थित है। ग्वालियर में सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षणों में से एक सिंधिया संग्रहालय है, जो सिंधिया परिवार के अंतिम शासक और ग्वालियर के महाराजा जीवाजी राव सिंधिया का सम्मान करता है। संग्रहालय का निर्माण यूरोपीय शैली में किया गया था और यह एक आश्चर्यजनक महल है। डाइनिंग एरिया में दिखाए गए कांच के फर्नीचर और मॉडल ट्रेन संग्रहालय के मुख्य आकर्षण हैं। सिंधिया संग्रहालय इनके अलावा उस काल की पांडुलिपियों, मूर्तियों, सिक्कों, चित्रों और हथियारों को भी प्रदर्शित करता है।