Navratri 2020 : नेत्रहीनों की चाहत होती हैं माता के इस मंदिर में पूरी

25 मार्च, 2020 से नवरात्रि स्थापना के साथ ही मातारानी के नौ दिनों की शुरुआत होती हैं। नौ दिनों तक मातारानी का यह पर्व मनाया जाता हैं। आज हम आपको मातारानी के एक चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां हर श्रद्धालु कीई मनोकामना पूरी होती हैं। हम बात कर रहे हैं बिहार के जमुई जिले में सिकंदरा प्रखंड के कमुार गांव में स्थित मां नेतुला मंदिर के बारे में। यह मंदिर केवल स्थानिय ही नहीं बल्कि दूर-दूर के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। मां नेतुला मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा का आयोजन होता है।

मां नेतुला मंदिर में लोग पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए मन्नतें मांगते हैं। इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि अगर लगातार तीस दिन तक भक्त सच्चे मन से मंदिर में धरना दें तो माता मनवांछित फल की इच्छा पूरी करती हैं। इस मंदिर में अब तक न जाने कितने लोगों को खोई हुई आंखों की रौशनी व नि:संतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति हो चुकी है।

मान्यता है कि जब भगवान विष्णु ने मां सती के शरीर को खंडित किया था तो उनका पीठ यहीं गिरा था। इस मंदिर में मां के पीठ की पूजा की जाती है। इसके साथ ही यह मंदिर गंगा-जमुनी तहजीब को भी समेट कर रखा है। इस मंदिर में हिंदूओं के साथ-साथ मुस्लिम संप्रदाय के लोग हाजिरी लगाने आते हैं। प्रत्येक दिन सुबह और शाम में मां का फूलों से श्रृंगार और आरती की जाती है।

जुमई रेलवे स्टेशन व लखीसराय से मां नेतुला मंदिर की दूरी करीब तीस किलोमीटर है। वहीं नालंदा से मंदिर की दूरी 60 किलोमीटर है। जमुई से मंदिर जाने के लिए बसें उपलब्ध रहती हैं। आप चाहें तो छोटे वाहनों से भी मंदिर पहुंच सकते हैं।