शापित है दुर्गा माता का यह मंदिर, दर्शन करने से कतराते हैं भक्त

नवरात्रि का पावन पर्व जारी हैं और सभी भक्त मातारानी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनके मंदिर को जाते हैं। हांलाकि इस बार कोरोना के चलते कई जगहों पर मंदिर खुले ही नहीं हैं और जहां खुले हैं वहां भी नियमानुसार दर्शन कराए जा रहे हैं। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको दुर्गा माता के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे शापित माना जाता हैं और भक्त यहां दर्शन करने से भी कतराते हैं। हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वो मंदिर मध्यप्रदेश के देवास जिले में स्थित है। इस मंदिर में लोग दर्शन के लिए नहीं जाते हैं। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि मां दुर्गा के इस मंदिर में बलि चढ़ाना जरूरी है। कुछ लोगों का ये भी मानना है कि मां के इस मंदिर में किसी औरत की आत्मा भटकती है।

मंदिर का निर्माण देवास के महाराज ने करवाया था

मां के इस मंदिर का निर्माण देवास के महाराज ने करवाया था। मंदिर के निर्माण के बाद राजघराने में कोई न कोई अशुभ घटना होती रहती थी। इसी दौरान सेनापती और राजकुमारी के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। राजा नहीं चाहता था कि उसकी बेटी की शादी किसी सेनापति से हो। राजा ने अपनी बेटी को बंधक बना लिया और इसी दौरान राजकुमारी की मौत हो गई।

सेनापति ने इस मंदिर में की आत्महत्या

राजकुमारी की मौत की खबर सुनकर सेनापति ने इस मंदिर में आत्महत्या कर ली। सेनापति की आत्महत्या के बाद राजपुरोहित ने राजा को बताया कि यह मंदिर अब अपिवत्र हो गया है और यहां पूजा करने का कोई लाभ नहीं होगा।

मां की प्रतिमा को उज्जैन के गणेश मंदिर में स्थापित किया गया

पुरोहित ने राजा से ये भी कहा कि मां में स्थापित मां दुर्गा प्रतिमा को इस मंदिर से हटाकर कहीं और प्रतिष्ठित करना होगा। तब राजा ने तुरंत मां दुर्गा की प्रतिमा को उज्जैन के गणेश मंदिर में स्थापित करा दिया। इसके बाद भी मंदिर में अजीबोगरीब घटनाएं घटित होती रहती थी। मंदिर को तब से लेकर आज तक शापित माना जाता है।