पशु प्रेमियों की पसंदीदा जगह बनते हैं ये चिड़ियाघर, दुनियाभर में रखते हैं अनोखी पहचान

घूमने के लिए किस जगह का चुनाव किया जाए, यह हर किसी की अपनी पसंद पर निर्भर करता हैं। किसी को प्राकृतिक नजारे पसंद होते हैं, तो वह किसी हिल स्टेशन के लिए निकल पड़ता हैं, वहीँ किसी को एडवेंचर पसंद हो तो वो ट्रेकिंग करना पसंद करता हैं। इसी तरह कई लोगों को पशु-पक्षी से बहुत प्यार होता हैं और वे किसी ऐसी जगह जाना पसंद करते हैं जहां वे पशु-पक्षियों को निहार सकें। ऐसे में आज हम आपको देश के कुछ प्रसिद्द चिड़ियाघरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आपको दुर्लभ जीवों को भी देखने का मौका मिलेगा। देश के ये चिड़ियाघर दुनियाभर में अपनी विशेषता के लिए जाने जाते हैं। आइये जानते हैं इन चिड़ियाघरों के बारे में...

मैसूर का चिड़ियाघर

मैसूर में देश-विदेश से लाए गए कई खास पशु-पक्षी देखने को मिल जाएंगे। यहां सफेद हाथी और सफेद मोर जैसे खूबसूरत पशु-पक्षी देखने को मिलते हैं। मैसूर का चिड़ियाघर बहुत पुराना है। 1892 में जू के रूप में संरक्षित होने वाला ये चिड़ियाघर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। इसके पास में करंजी झील होने की वजह से यहां हर साल प्रवासी पक्षी आते हैं। यहां हाथी, सफेद मोर, दरियाई घोड़े, गैंडे और गोरिल्ला के अलावा देश-विदेश की कई प्रजातियां हैं। इसके अलावा यहाँ भारतीय और विदेशी पेड़ों की करीब 85 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं। इस चिड़ियाघर में करंजी झील भी है, जहां हर साल बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं।

दिल्ली का चिड़ियाघर

देश की राजधानी दिल्ली में स्थित चिड़ियाघर भारत ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है। इस चिड़ियाघर का निर्माण 1959 में श्रीलंका के डिज़ाइनर मेजर वाइनमेन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने किया था। यह चिड़ियाघर दिल्ली के पुराने किले के पास स्थित है। यह चिड़ियाघर 214 एकड़ में फैला हुआ है, यहाँ जानवरों और पक्षियों की 22000 प्रजातियां और 200 प्रकार के पेड़ हैं। इस चिड़ियाघर में एक पुस्तकालय भी है जहां पर्यटक पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। इस चिड़ियाघर में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और अमेरिका जैसे देशों के सरीसृप, स्तनधारी और पक्षी आपको देखने को मिलेंगे। जब भी आपको दिल्ली जाने का मौका मिले, इस चिड़ियाघर में जरूर जाएं।

पुणे का चिड़ियाघर

महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित चिड़ियाघर को राजीव गांधी प्राणी उद्यान के नाम से जाना जाता है। इस चिड़ियाघर में अन्य जानवरों के अलावा उन जानवरों को भी रखा जाता हैं जो अनाथ होते हैं और उनकी अच्छी देखभाल की जाती है। इंडियन रॉक पायथन, रसले वाइपर से लेकर किंग कोबरा जैसे जहरीले सांपों की प्रजातियां इस चिड़ियाघर में आपको देखने को मिल जाएंगी। इसके अलावा अगर आप शेर देखना चाहते हैं तो इस चिड़ियाघर में आकर आपकी यह मुराद भी पूरी हो जाएगी। यहां सफेद शेर, बंगाल टाइगर, चीता और पीफाइल और ब्लैकबक्स जैसे पक्षी आकर्षक का केंद्र है।

केरल का चिड़ियाघर

दक्षिण भारत में स्थित केरल का त्रिवेंद्रम चिड़ियाघर देश के सबसे बड़े और लोकप्रिय चिड़ियाघरों में से एक है। यह 500 एकड़ जगह में फैला हुआ हैं। इस चिड़ियाघर का निर्माण 1857 ई में हुआ था और यह देश का दूसरा सबसे पुराना चिड़ियाघर है। तिरुवनंतपुरम के पीएमजी जंक्शन के पास स्थित यह चिड़ियाघर 55 एकड़ में फैला हुआ है। इस चिड़ियाघर में अफ्रीकन मूल के शेर भी मौजूद हैं। इसके अलावा यहाँ मेंड्रिल बंदर व विदेशी पक्षी भी हैं। यहाँ भारतीय और विदेशी पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों का संग्रह है। इस चिड़ियाघर में नीलगिरि लंगूर, भारतीय गैंडा, एशियाई शेर और रॉयल बंगाल टाइगर देखने को मिलते हैं।

हैदराबाद का चिड़ियाघर

आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में स्थित चिड़ियाघर भारत के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है। इस चिड़ियाघर को नेहरू जियोलॉजिकल पार्क के नाम से भी जाना जाता है। यह चिड़ियाघर ना केवल देश बल्कि दुनियाभर में मशहूर है। यह चिड़ियाघर 380 एकड़ में फैला हुआ है और यहाँ एक झील भी है। इस चिड़ियाघर की स्थापना 1963 में हुई थी। इस चिड़ियाघर में हैदराबाद में दुर्लभ प्रजाति के शेर देखने को मिलते हैं। इसके अलावा यहां कई दूसरे देशों से लाए गए पशु -पक्षियों को रखा गया है। इस चिड़ियाघर में पर्यटक खुद के वाहन से भी घूम सकते हैं।

चेन्नई का चिड़ियाघर

चेन्नई में स्थित अरिनगर अन्ना जुलॉजिकल पार्क भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यह देश का सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध चिड़ियाघर है और इसे देश का पहला पब्लिक जू भी कहा जाता है। इस चिड़ियाघर को पहले मद्रास जू के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर तमिल नेता अरिनगर अन्ना के नाम पर कर दिया गया। यह चिड़ियाघर लगभग 1300 एकड़ में फैला हुआ है और यहाँ 1500 से ज्यादा पशु-पक्षियों की प्रजातियां मौजूद हैं। इसके साथ ही इस चिड़ियाघर में पेड़-पौधों की 2553 प्रजातियाँ मौजूद हैं।

चंडीगढ़ का चिड़ियाघर

प्रकृति प्रेमियों के लिए चंडीगढ़ का चिड़ियाघर किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं। 202 एकड़ के विशाल क्षेत्रफल में फैला चंडीगढ़ का छतबीर चिड़ियाघर नॉर्थ इंडिया का सबसे विशाल प्राणी उद्यान है। 1977 से पहले यह सिर्फ एक खास का मैदान था लेकिन बाद में इसे एक बड़े प्राणी उद्यान में बदल दिया गया। इसे महेंद्र चौधरी जूलॉजिकल पार्क के रूप में जाना जाता हैं। अगर आप लॉयन सफारी के शौकीन हैं तो अपने कामकाज से समय निकालकर यहां जरूर आईये। यहां की झील और हरियाली से भरा वातावरण आपको सुखद अहसास देगा।

असम का चिड़ियाघर

असम के गुवाहाटी में स्थित चिड़ियाघर देश के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है। लगभग 1.75 किलोमीटर में फैले हुए इस चिड़ियाघर की स्थापना 1957 में हुई थी। इस चिड़ियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाटिक लायन, हिमालनीय काला भालू, भारतीय गैंडे के अलावा कई देशी और विदेशी पशु-पक्षी मौजूद हैं। इसके अलावा इस चिड़ियाघर में विलुप्तप्राय और दुनिया के सबसे छोटे जंगली सूअर, पिग्मी हॉग (प्रोक्यूला सालवानिया) का संरक्षण भी किया जा रहा है।