कपूरथला कहलाता हैं पंजाब का पेरिस, जानें यहां के रमणीय स्थल

विदेश घूमने की उत्सुकता हर व्यक्ति के मन में होती है, साथ समुंदर पार दूसरे देश की संस्कृति और सभ्यता देखने में कोई बुराई नहीं है लेकिन इससे पहले अपने देश की उन विदेश जैसी दिखने वाली जगहों को तो देख लें जहां जाने का सपना बचपन से देख रहे हैं। यकीन मानिए इतना पैसा खर्च करके विदेश जाना का आईडिया दिमाग से निकल जाएगा।ब्रिटिश काल में भारत की एक बड़ी रियासत रह चुका कपूरथला पंजाब राज्य का एक खूबसूरत शहर है, जिसकी शानदार वास्तुकला को देखते हुए इसे 'पंजाब का पेरिस' भी कहा जाता है। इस शहर का नाम वहां के नवाब कपूर सिंह के नाम पर रखा गया। कपूरथला राजा फतेह सिंह आहलुवालिया की शाही राजधानी भी रही है।तो चलिए जानते हैं कपूरथला में ऐसे कौन से प्लेसेस है जहां घूमने जा सकते हैं-

जगतजीत महल

कपूरथला भ्रमण की शुरूआत आप यहां के प्रसिद्ध ऐतिहासिक जगतजीत महल से कर सकते हैं। यह महल कभी कपूरथला के महाराज जगतजीत सिंह का निवास स्थान हुआ करता था। 1908 में बना यह विशाल महल अपने इंडो-सारसेन वास्तुकला के लिए जाना जाता है। वर्तमान में इस महल को कपूरथला के सैनिक स्कूल में परिवर्तित कर दिया गया है, जहां छात्रों को एनडीए की लिए तैयार किया जाता है। भारतीय इतिहास की बेहतर समझ के लिए आप यहां का भ्रमण कर सकते हैं।

कपूरथला का एलिसी महल

कपूरथला में वास्तुकला के लिए मशहूर उत्कृष्ट इमारतों की कोई कमी नहीं है। इन्हींं में से एक है एलिसी पैलेस। सन् 1962 में कंवर बिक्रम सिंह द्वारा निर्मित इस महल की इंडो-फ्रेंच वास्तुकला अपने समय की वास्तुकला और समृद्धि का बखान करती है। इस महल को अब एक मोंटगोमरी गुरु नानक स्कूल में बदल दिया गया है।

सैनिक स्‍कूल

इस स्कूल में कपूरथला रियासत के पूर्व महाराज जगजीत सिंह रहते थे, इसलिए इस स्कूल को महाराजा जगजीत सिंह के नाम से जाना जाता है। यह स्कूल वास्तुकला का बेहतरीन उदहारण है। इस स्कूल को जगजीत महल के नाम से भी जाना जाता है। कपूरथला के लोगों का कहना है कि इस महल की वास्तुकला इतनी खूबसूरत है कि इस महल को देखकर लेस ऑफ वर्सेलस और फाउंटेनब्‍लू की याद दिलाता है। इस महल में एक मनमोहक दरबार हॉल है जो भारत के सबसे खूबसूरत हॉल में से एक माना जाता है।

मूरिश मस्जिद

कपूरथला की ऐतिहासिक सरंचनाओं में आप यहां का प्रसिद्ध मूरिश मस्जिद देख सकते हैं। इस प्राचीन संरचना को बनाने की शुरुआत महाराजा जगतजीत सिंह बहादूर ने की थी जो 1930 में बनाकर तैयार की गई। यह मस्जिद उस समय का मुख्य धार्मिक स्थल माना जाता है, जहां जो एक धार्मिक सौहार्द को भी इंगित करता है। मस्जिद के अंदर आप शानदार चित्रकारी देख सकते हैं।

कांजली वेटलैंड

1870 में ब्यास नदी के पार आसपास के इलाकों में सिंचाई के लिए 56 वर्ग मीटर भूमि के क्षेत्र में कांजली वेटलैंड निर्मित किया गया है। मानव निर्मित वेटलैंड एक शानदार पिकनिक स्पॉट है जहां पर हर तरफ प्राकृतिक सौंदर्य की छटाएं बिखरी हुई हैं। पर्यटकों के बीच यह जगह फोटोग्राफी के लिए बहुत मशहूर है।