नुब्रा घाटी को कहा जाता हैं 'लद्दाख के बाग', ऊंची पहाडियां करती हैं सभी को आकर्षित

देश में जब भी कभी घूमने के लिहाज से जगह का चुनाव किया जाता हैं तो मन में लद्दाख का नाम तो आता ही हैं जिसे भारत का मुकुट कहा जाता है। लद्दाख में घूमने के लिए कई जगह हैं जो अपनी खूबसूरती और प्राकृतिक सौन्दर्य से सभी को आकर्षित करते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको लद्दाख के पहाड़ों के बीच बसी नुब्रा घाटी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिसे 'लद्दाख के बाग' के रूप में जाना जाता हैं। नुब्रा का मतलब फूलों की घाटी होता है। यह घाटी गुलाबी और पीले जंगली गुलाबों से सजी है।

लेह से 150 किमी की दूरी पर बसी नुब्रा घाटी बेहद ही आकर्षक और खूबसूरत है। इस घाटी का इतिहास भी काफी पुराना है। इतिहासकारों के अनुसार इसका इतिहास सातवीं शताब्दी ई। पूर्व पुराना है। इतिहास में इस घाटी में चीनी और मंगोलिया ने आक्रमण किया था। आइए जानते हैं नुब्रा घाटी के बारे में।

प्राकृतिक दृश्यों से सजी है घाटी

नुब्रा घाटी प्राकृतिक दृश्यों से सजी है। इस घाटी की रेत, पहाड़ियां यहां की सुंदरता में चार चांद लगाने का काम करती है। यहां का मौसम काफी ठंडा रहता है। नुब्रा घाटी श्योक नामक दो नदियों के बीच में बसी है। यहां की संस्कृति भी काफी अलग है।

लेह से नुब्रा का सफर

नुब्रा घाटी जाने के लिए सड़क मार्ग से होकर जाना होता है। सबसे पहले राष्ट्रीय मार्ग से खर्दुंग ला तक सफर किया जाता है। उसके बाद खर्दुंग गांव से होते हुए श्योक घाटी तक सफर किया जाता है। नुब्रा घाटी जाने से पहले यात्रियों को दो दिन के लिए लेह में रुकना होता है। एक बार जब यात्री यहां के वातावरण में ढल जाते हैं, तब आगे की यात्रा कर सकते हैं। इस यात्रा में आपको खूबसूरत सड़के मिलेंगी जो आपका दिल जीत लेंगी। नुब्रा घाटी के करीब पहुंचने पर आपको रेत के टीलों के साथ सुनसान सड़क मिलेगी।

डिस्किट और हंडर

डिस्किट और हंडर नुब्रा घाटी का व्यापारिक केंद्र है। ये जगह बेहद ही सुंदर है। आपको डिस्किट और हंडर में रुकने के लिए आसानी से होटल, होम स्टे, रिसॉर्ट और टेंट मिल जाएंगे। यहां का वातावरण भी काफी शांत है। इस जगह पर दो कूबड़ वाले ऊंट देखने को मिलते हैं।