श्रीराम के जीवन की छवि दर्शाती है ये 5 जगहें, अपने बुजुर्गों के साथ जरूर करें यहां की यात्रा

हिन्दुओं के आराध्य भगवान राम का जन्मस्थान अयोध्या इन दिनों चर्चा में है। अयोध्या, जिसका दूसरा नाम साकेत भी है उत्तरप्रदेश के फैजाबाद जिले में स्थित है। सरयु नदी के तट पर स्थित इस पवित्र शहर में कई जगह घूमने की हैं। भारत सरकार इन दिनों राम के जीवन से संबन्धित जगहों को रामायण सर्किट के नाम से जोडने का काम कर रही है। आईये राम के जीवन से संबन्धित कुछ जगहों के बारे में जानते हैं, जहां घूम कर आना आपके सामने रामायण की तस्वीर पैदा कर देगा।

मिथिला

सीताजी की जन्म और विवाह स्थली है। इसे जनकपुर के नाम से भी जाना जाता है।पहले यह बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में आता था लेकिन अब यह नेपाल के काठमांडू के पास स्थित है। यहां से भारत की सीमा बीस किलोमीटर दूर है।

दंडकारण्य

यह वही स्थान है जहां रावण की बहिन शूर्पनखा भगवान राम पर मोहित हुईं और भगवान राम ने खर और दूषण का वध किया। वर्तमान में यह विशाल जंगल आंध्रप्रदेश,ओडिसा और छत्तीसगढ़ के जंगलों में फैला हुआ है। यहां आप दूधसागर फाल देख सकते हैं।

किष्किंधा

यहां वानरों का शासन हुआ करता था। वर्तमान में किष्किंधा कर्नाटक के हम्पी में तुंगभद्रा नदी के किनारे बसा हुआ है। हम्पी यूनेस्को की एक विश्व विरासत स्थल भी है।

रिष्यमुख पर्वत

यह वही स्थान है जहां भगवान राम की प्रथम मुलाकात हनुमानजी से हुई थी। हनुमान और सुग्रीव बाली से बच कर रिष्यमुख पर्वत पर छिपे हुए थे। यह स्थान वर्तमान में कर्नाटक के हम्पी में आन्जनेय हिल के नाम से जाना जाता है। यहां हनुमान जी का जन्म होना बताया जाता है। यहां हनुमानजी और उनकी माता अंजना के मंदिर बने हुए हैं।

तलइमन्नार

यह वह स्थान है जहां भगवान राम और रावण के बीच युद्ध हुआ,यहीं विभिषण का राजतिलक हुआ था। वर्तमान में यह जगह श्रीलंका के मन्नार में स्थित है। मन्नार पानी के बीचों बीच एक छोटा सा शहर है।