केदारनाथ के पट शीतकाल के लिए बंद, जाने पंच केदार के बारे में

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम। केदारनाथ धाम गढ़वाल हिमालय में पांच शिव मंदिरो में से एक है जो सामूहिक रूप से पंच केदार के नाम से जाने जाते हैं।इसके कपाट शीतकाल के लिए 29 अक्टूबर को बंद कर दिए गए। मंदिर प्रबंधन के अनुसार इस बार लगभग 9 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किये जो पिछली बार की तुलना में 2 लाख ज्यादा हैं।

आठवीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य द्वारा हिन्दू संस्कृति के प्रचार प्रसार हेतु चारो दिशाओ में चार धामों की स्थापना की गयी जिनमे उत्तर भारत में केदारनाथ स्थित है। मंदिर में सुबह पूजा अर्चना के बाद शिवजी के पंचमुखी विग्रह को डोली में बैठाकर गाजे बाजे के साथ भगवान् केदार के शीतकालीन प्रवास स्थल उखीमठ लाया गया।

ये हैं पंच केदार

केदारनाथ - समुद्रतल से लगभग बारह हजार फीट की उंचाई पर स्थित इस मंदिर को पांडवो ने अपने भाइयो की हत्या के प्रायश्चित के लिए बनवाया था। यंहा भगवान शिव के पृष्ट भाग के दर्शन होते हैं। यह मंदिर केदार घाटी के बीचो बीच कत्यूरी शैली में बना हुआ है। मंदिर के पीछे से मन्दाकिनी नदी बहती है।

मद्महेश्वर- माऊंट चैखम्भा शिखर पर स्थित मद्महेश्वर में भगवन शिव के मध्य भाग के पूजा की जाती है। कहा जाता है की भगवान् शिव ने यहाँ पर ही मधुचन्द्र रात्रि बिताई थी।

तुंगनाथ - यह विश्व का सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है यंहा भगवान् शिव की भुजा की पूजा होती है।

रुद्रनाथ -यह एकमात्र ऐसा शिव मंदिर है जंहा भगवान शिव के मुख की पूजा की जाती है। बेहद दुर्गम उर्गम घाटी से होकर यंहा तक का रास्ता जाता है।

कल्पेश्वर-
रूयंहा ऋषि दुर्वासा ने कल्प वृक्ष के नीचे तपस्या की थी। यंहा भगवान की जटाओं की पूजा की जाती है।