हर उम्र के पर्यटक को लुभाता है काशी, जानें क्या कुछ हैं यहां मनोरंजन के लिए

भारत के प्रमुख तीर्थ स्थानों में से एक काशी गंगा के किनारे बसा हुआ एक पौराणिक शहर है। कहा जाता है कि काशी या बनारस मानव सभ्यता के इतिहास में सबसे पुराना शहर है। बनारस में हर पर्यटक के लिए कुछ ना कुछ है। समय के साथ कदमताल कर रहे काशी में एक ओर हजारों साल पुराने घाट हैं तो नयी पीढी को लुभाने के लिए यहां के स्थानीय बाजार हैं। और मानों फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए तो बनारस जैसे जन्नत है। आइये जानते हैं बनारस में करने को क्या क्या है।

- काशी विश्वनाथ गंगा नदी के किनारे 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां भारत के कोने कोने से श्रद्धालु आते हैं।आप भी बाबा विश्वनाथ की आरती का आनंद ले सकते हैं।यहां के शिवरात्रि मकर संक्रांति बहुत ही प्रसिद्ध त्यौहार हैं।

- दशाश्वमेध घाट गंगा के सबसे पुराने घाटों में से एक है यह अगर आप बनारस से रूबरू होना चाहते हैं तो यहां जरूर आइये। कहा जाता है कि यहां भगवान ब्रह्मा जी ने एक अनुष्ठान किया था। यहां की संध्या आरती देखने लायक होती है। शांत गंगा के निर्मल जल पर दीपकों को तैरते देखना बहुत शांति देता है।

- रामनगर किला बनारस से लगभग 23 किलोमीटर दूर यह किला मिर्जापुर जिले में स्थित है। इसे चुनार किले के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप बनारस आये हैं तो यहां भी जा सकते हैं।

- सारनाथ सारनाथ बनारस से लगभग तेरह किलोमीटर दूर बौद्ध आस्था का एक बहुत बड़ा केन्द्र है। बनारस के जीवंत घाटों और हर पल स्वागत को तैयार गलियों के बाद शांत सारनाथ में समय बिताये बिना बनारस की यात्रा पूरी नहीं कही जा सकती।

- मणिकर्निका घाट हिन्दू मान्यताओं के अनुसार मृत्यु के बाद अंतिम कर्म करने के लिए सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। यहां आकर संसार की नश्वरता का बोध होता है।