ये है विष्णु के 10वें अवतार का मंदिर, अभी तक नहीं हुआ इनका जन्म

आज सावन महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है, जिसे कल्कि जयंती के नाम से जाना जाता हैं। कल्कि भगवान को भगवान विष्णु का दसवां अवतार माना जाता हैं जो कलयुग में आज ही के दिन अवतरित होंगे। इसलिए इस दिन को कल्कि जयंती मनाई जाती हैं। सभी भक्तगण भगवान कल्कि की पूजा कर सुखों की कामना करते हैं। भगवान कल्कि का सबसे पहला मंदिर राजस्थान की राजधानी जयपुर में बना हैं। आज हम आपको इस मंदिर के बारे में ही बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक ऐसे भगवान का मन्दिर है जिसका अभी अवतार नहीं हुआ है। इस मन्दिर में भगवान विष्णु के भावी 10वें अवतार की अश्वारोही प्रतिमा स्थापित है। कहा जाता है कि इस अश्व के बाएं पैर पर जो गड्डा है वह स्वत: भर रहा है, उसके भरने पर भगवान कल्कि प्रकट होंगे। पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में कल्कि को भगवान विष्णु का 10वां अवतार माना गया है।

यह मन्दिर जयपुर में सिरहडयोढी बाजार में स्थित है और इसका निर्माण जयपुर के संस्थापक राजा सवाई जयसिंह ने जयपुर बसाने के बाद 1739 में कराया था। यह मन्दिर दक्षिणायन शिखर शैली में बना है। माना जाता है कि यह दुनिया का सबसे पहला ऐसा मन्दिर है जिसका निर्माण ऐसे भगवान की परिकल्पना करके बनाया गया है जिस भगवान का अवतरण अभी तक धरती पर नहीं हुआ है। कल्कि के अन्य मन्दिर के बाद बने है।

पुराणों में वर्णित विवरण के आधार पर यहां भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि की सुंदर संगमरमर की मूर्ति है मूर्ति के सामने संगमरमर का घोड़ा बना हुआ है। सवाई जयसिंह स्वयं भी इस मन्दिर में आरती करने जाते थे। कई साल पहले तक साल में एक बार कल्कि की सवारी भी निकाली जाती थी।