लेना चाहते हैं जंगल के सफर का मजा, एडवेंचर से भरपूर हैं देश की ये 10 जगहें

घूमने-फिरने की सभी की अपनी अलग पसंद होती हैं और उसी के अनुरूप ही लोग घूमने के लिए जगह का चुनाव करते हैं। कई लोगों को घूमने के लिए ऐसी जगह पसंद आती हैं जो एडवेंचर से भरपूर हो और वहां घूमना रोमांचकारी याद बने। इसके लिए कई लोग जंगल के सफर पर जाना पसंद करते हैं जहां ट्रेकिंग कर वे अपने ट्रिप को यादगार बनाते हैं। एडवेंचर के शौकीन लोगों को हाइकिंग और ट्रैकिंग का लुत्फ उठाने का मौका भी इन जंगलों में ही मिलता है। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां जाकर आप प्रकृति के हरे-भरे माहौल में अपनी सफर को जी पाएंगे। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में जहां आप प्रकृति को करीब से महसूस कर पाएंगे।

कुंजखड़क ट्रैक, उत्तराखंड

अगर आप को दुर्गम और कठिन जगहों पर जाना अच्छा लगता है तो आप उत्तराखंड के कुंजखड़क जरूर जाएँ। यहां कुंजखड़क के हरे-भरे जंगल आप का मन मोह लेंगे तथा इन जंगलों में देवदार के बड़े-बड़े पेड़ भी आपको बेहद आकर्षक लगेंगे। कुंज खड़क पर राप्ती नदी दिखेगी, जो कि भारत और नेपाल की सीमा को बांटती है। इस जंगल में ट्रैकिंग के लिए अक्टूबर से अप्रैल तक का महीना बेस्ट कहा जाता है और उत्तराखंड के कुंजखड़क की शुरुआत हिमालय की तलहटी में कोरबात के पास स्थित है।

तल्ली घाटी, अरुणाचल प्रदेश

जीरो वैली से करीब 32 किमी दूर स्थित तल्ली घाटी एक बेहद ही खूबसूरत जगहों में से एक है। इसे साल 1995 में स्थापित किया गया था। यहां विभिन्न वनस्पतियों और जीवों की एक विशाल विविधता देखने को मिलती है। यह वैली अरुणाचल प्रदेश खूबसूरत जगहों में से एक है। यहांं आप जंगली जीवन को करीब से देख पाएंगे।

पाली वॉटरफॉल ट्रैक, गोवा

गोवा को खूबसूरत बीच के लिए जाना जाता है लेकिन यहां पर घने जंगल भी पाए जाते हैं। यहां का पाली वाटरफॉल बेहद प्रसिद्ध है। यहां पर घने जंगल भी पाए जाते हैं और इन्हीं जंगलों में ट्रेकिंग का मजा लिया जाता है। हालांकि पाली वॉटरफॉल ट्रैक पर बहुत सारे जंगली और खतरनाक जानवर के साथ-साथ जहरीले सांप भी पाए जाते हैं जिनमें कोबरा भी शामिल है। ऐसे में इस जंगल में ट्रेकिंग करना काफी चुनौतीपूर्ण रहता है, लेकिन अगर आप ट्रेकिंग के माहिर हैं तो आप इस वाटर फॉल पर जरूर जाएं।

बिंसार जीरो पॉइंट ट्रैक, उत्तराखंड

उत्तराखंड में बसे इस जंगल में जाने के लिए आपको बिंसार वन्य जीव अभ्यारण से होकर जाना पड़ेगा। हालांकि यह अपेक्षाकृत काफी आसान ट्रैकिंग माना जाता है, लेकिन यहां ट्रैकिंग का बेहद आनंद आप अवश्य ही उठा सकते हैं। बिहार के जंगलों में कई सारे जानवर भी आपको देखने को मिलेंगे, जिनमें लंगूर बंदर आदि शामिल हैं। यहां जाने के लिए अक्टूबर से नवंबर और फरवरी मार्च के बीच अच्छा समय माना जाता है, क्योंकि ऐसे समय में यहां बारिश नहीं होती है और बर्फ भी नहीं पड़ी होती।

सीताबनी ट्रैक, उत्तराखंड

उत्तराखंड के जिम कोर्बेट में सीताबनी ट्रैक भी बिगीनर ट्रैकर्स और ट्रैवलर्स के लिए बहुत खास माना जाता है। इस ट्रैक की शुरुआत सीताबनी मंदिर से होती है। और ये भोला मंदिर पर जाकर खत्म होता है। सीताबनी मंदिर से भोला मंदिर घने जंगलों में 8 से 9 किमी की दूरी पर स्थित है। भोला मंदिर तक के रास्ते में पड़ने वाले घने जंगलों में जंगली जानवर जैसे हाथी, शेर और भालू रहते हैं। अक्टूबर से अप्रैल तक का समय यहाँ आने के लिए बेहतर रहता है। इस समय बारिश नहीं होती और मौसम भी सुहावना रहता है।

मुदुमलई, तमिलनाडु

तमिलनाडु के मुदुमलई में स्थित यह नेशनल पार्क काफी फेमस है और यहां ट्रेकिंग के लिए देशभर से लोग आते हैं। यहां पर यात्रियों की सुविधा के लिए कई सारे होटल तक खुले हुए हैं और यहां आस-पास के बसे गांव में भी लोग रहने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। यहां आने के लिए बेस्ट समय नवंबर से फरवरी का होता है।

नेत्रावली वन्यजीव अभ्यारण्य, गोवा

नेत्रावली वन्यजीव अभ्यारण भारत के गोवा राज्य में स्थित हैं। गोवा का प्रसिद्ध झरना नेत्रावली भी इसी अभ्यारण के अंतर्गत आता है। इसके चारो तरफ कई अभ्यारण (डांडेली अंशी टाइगर रिजर्व, भगवान महावीर अभ्यारण्य, कोटिगाओ वन्यजीव अभ्यारण्य, मोल्लेम नेशनल पार्क, मेडी वन्यजीव अभ्यारण्य और भीमगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य) फैले हुए हैं, जहां ट्रेकिंग की जा सकती है। यहां एक बारहामासी झरना हैं, जोकि यहां के जीव-जंतुओं के जीवन-यापन के लिए एक आदर्श स्थान हैं। यहां आप ट्रेक कर सकते हैं और यहां प्राकृतिक हरियाली को करीब से निहार सकते हैं।

अगुम्बे रिजर्व फॉरेस्ट, कर्नाटक

अगम्बे रेनफॉरेस्ट रिसर्च स्टेशन दक्षिण भारत के मध्य पश्चिमी घाट में स्थित एक क्षेत्र आधारित संरक्षण और अनुसंधान संगठन है। इसमें सोमेश्वर, मूकाम्बिका, भद्रा, और शरवती वन्यजीव अभयारण्य, कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान, और कुंदनपुर, शंकरनारायण, होसानगरा, श्रिंगेरी और थिरथहल्ली के आसपास के जंगल भी शामिल है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता आपको इसकी ओर आकर्षित करेगी।

कान्हा नेशनल पार्क, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क में स्तनपाई जीवों की 22 से भी ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं। यहां पर आप शेर, स्लोथ बीयर, माउस डीयर आदि देख सकते हैं। यहाँ की सबसे खास बात है सिओनी के जंगल का ट्रैक। ये नेशनल पार्क ट्रैकर्स और वाइल्डलाइफ पसंद करने वाले लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है। इसे भारत के शीर्ष जंगल ट्रैकिंग डेस्टिनेशन में शामिल किया गया है। इस ट्रैक पर जाने का सबसे सही समय अक्टूबर के मध्य से जून के अंत तक है। मॉनसून के मौसम में कान्हा नेशनल पार्क बंद रहता है।