भारतीय होने के बावजूद आप नहीं खरीद सकते भारत की इन जगहों पर जमीन

भारत एक विशाल देश हैं जहां पर्यटन के लिए कई सुंदर जगहें हैं। जब भी कभी हम कहीं घूमने के लिए जाते हैं तो वहां की सुंदरता को देखते हुए वहीँ बसने की ख्वाहिश करने लगते हैं। कई लोग तो इन्वेस्टमेंट के लिए सुंदर जगहों पर प्रॉपर्टी भी खरीद लेते हैं। अगर आप भी कहीं किसी सुंदर जगह पर प्रॉपर्टी खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि देश में कई जगहें ऐसी हैं जहां आप भारतीय होने के बावजूद भी जमीन या प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको देश की उन्हीं जगहों की जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानें इनके बारे में...

कश्मीर

कश्मीर में घूमने का सपना हर किसी का होता है, ऐसी स्वर्ग वाली जगह पर आखिरकार कौन नहीं जाना चाहेगा। यहां रहने की भी इच्छा कई लोगों की होती है, लेकिन आपको बता दें धारा 370 से पहले, बाहरी या गैर-कश्मीरियों को संपत्ति रखने की अनुमति नहीं थी, पर 2019 के बाद से अब यहां प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं और बाद में वहां रिटायर होने का विकल्प भी चुन सकते हैं।

शिलांग

पहाड़ों पर घूमना हर कोई चाहता है और, राज्यों के आसपास की सुंदरता और शांति को देखते हुए, यहां लोग प्रॉपर्टी खरीदने की भी इच्छा जाहिर करते हैं। छोटे शहरों, अच्छे स्वभाव वाले लोगों और खूबसूरत आकर्षणों के साथ, पूर्वोत्तर भारत में रहने का सपना हम और आप हर कोई देखता है। लेकिन आपको बता दें, शिलांग में संपत्ति खरीदना एक कठिन काम है, इसके लिए अनुमति मिलना भी काफी मुश्किल है, क्योंकि यहां की सरकार का उद्देश्य जगह और यहां के स्थानीय लोगों की रक्षा है।

नागालैंड

संविधान के इस प्रावधान के तहत नागालैंड का नागरिक ही वहां जमीन खरीद सकता है। देश के अन्य राज्यों के व्यक्ति को नागालैंड में जमीन खरीदने का अधिकार नहीं है। इसके तहत नगालैंड के मामले में नगाओं की धार्मिक या सामाजिक परंपराओं, इसके पारंपरिक कानून और प्रक्रिया, नागा परंपरा कानून के अनुसार फैसलों से जुड़े दीवानी और फौजदारी न्याय प्रशासन और भूमि और संसाधनों के स्वामित्व और हस्तांतरण के संदर्भ में संसद की कोई भी कार्यवाही लागू नहीं होगी।

सिक्किम

बर्फ से ढके पहाड़, मठ और खूबसूरत शाम शहरों में रहने के लिए मजबूर कर देते हैं। लेकिन, यहां आप बस केवल एक निश्चित समय के लिए ही रह सकते हैं और स्थानीय जीवन का आनंद उठा सकते हैं। सिक्किम में केवल सिक्किम के निवासियों को ही जमीन खरीदने की अनुमति है। भारत के संविधान का अनुच्छेद 371एफ, जो सिक्किम को विशेष प्रावधान प्रदान करता है, बाहरी लोगों को शामिल भूमि या संपत्ति की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगाता है। इसके अतिरिक्त राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में केवल आदिवासी ही भूमि और संपत्ति खरीद सकते हैं।

हिमाचल प्रदेश

गर्मियां या सर्दियां आई नहीं, लोग हिमाचल के कई हिल स्टेशनों में घूमना शुरू कर देते हैं। ऐसी हसीन जगह पर भला कौन घर या प्रॉपर्टी खरीदना नहीं चाहेगा। लेकिन अगर सच में चाहते हैं कि लोग यहां प्रॉपर्टी खरीदना शुरू करें और खूबसूरत हिल स्टेशनों पर गंदगी बड़े, तो आप ऐसा कर सकते हैं। लेकिन आपके ऐसा सोचने से पहले यहां की सरकार ने इस चीज की अनुमति नहीं दे रखी। यहां बस आप आइए और खूबसूरती का मजा उठाइए।

मिजोरम

इस अनुच्छेद के तहत मिजोरम में जमीन का मालिकाना हक सिर्फ वहां बसने वाले आदिवासियों का है। हालांकि, यहां प्राइवेट सेक्टर के उद्योग खोलने के लिए राज्य सरकार मिजोरम (भूमि अधिग्रहण, पुनर्वासन और पुनर्स्थापन) ऐक्ट 2016 के तहत भूमि अधिग्रहण कर सकती है।

अरुणाचल प्रदेश

जम्मू-कश्मीर से सटा राज्य है हिमाचल प्रदेश। यहां की परंपराएं, संस्कृति और लोगों का मलभाव वाला व्यवाहर आपको यकीनन बेहद पसंद आएगा। यहां भी बाहरी लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं। यहां तक कि गैर कृषक हिमाचली भी यहां कृषि योग्य जमीन नहीं खरीद सकते हैं, भले उनके पास हिमाचल का राशन कार्ड क्यों न हो। जब तक आप वहां के स्थानीय लोगों में नहीं आते, तब तक आप यहां प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकते।

मणिपुर

यह असम में लागू अनुछेद 371बी की तरह ही है। मणिपुर में राष्ट्रपति चाहे तो राज्य के राज्यपाल को विशेष जिम्मेदारी देकर चुने गए प्रतिनिधियों की कमेटी बनवा सकते हैं। ये कमेटी राज्य के विकास संबंधी कार्यों की निगरानी करेगी। राज्यपाल को हर साल राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपनी होगी।