चाहते हैं गर्मी की तपन से छुटकारा तो भारत के इन ठंडे स्थानों का करें भ्रमण, साथ ही आएंगी चिरस्थायी यादें

गर्मी का सबसे गर्म माह जून होता है। इस माह सूर्य की तपत अपने चरमोत्कर्ष पर होती है। इंसान ही नहीं अपितु पशु-पक्षी और जीव-जन्तु भी स्वयं को इस तपत से बचाने के लिए ठंडे स्थानों की खोज में लगे रहते हैं। मैदानी इलाकों में रहने वालों, विशेषकर रेगिस्तानी इलाकों में रहने वाले बाशिंदे इन दिनों इस गर्मी से बहुत परेशान दिखाई दे रहे हैं। सम्पन्न परिवार इन दिनों अपने बच्चों के साथ ठंडे प्रदेशों में जाने का मानस बना रहे हैं। भारत एक विविध देश है जहां लोग, इतिहास, विश्वास और विश्वदृष्टि और यहां तक कि जलवायु भी बदलती है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में 50 डिग्री सेल्सियस की भीषण गर्मी का अनुभव होता है, जिससे बाहर कदम रखना मुश्किल हो जाता है, अन्य क्षेत्रों में इसके विपरीत अनुभव होता है। इस जलती हुई गर्मी से बचाव के लिए ठंडे स्थानों की खोज शुरू हो जाती है। आज हम अपने पाठकों को भारत के कुछ ऐसे ठंडे स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहाँ जाकर वे न सिर्फ गर्मी को भूल जाएंगे, अपितु वहाँ से लौटते हुए ऐसी चिरस्थायी यादों को लाएंगे जिसे वे दूसरों के साथ साझा करना जरूरी समझेंगे। जहाँ का प्राकृतिक वातावरण लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इन स्थानों का अधिकतम तापमान जून के महीने में भी 20 डिग्री या उससे भी कम रहता है।

द्रास, जम्मू और कश्मीर

द्रास की दूरस्थ बस्ती कारगिल क्षेत्र, जम्मू और कश्मीर में स्थित है, और इसे अक्सर 'लद्दाख का प्रवेश द्वार' माना जाता है। यह भारत के सबसे ठंडे स्थानों में से एक है और इसे अक्सर पृथ्वी पर दूसरी सबसे ठंडी आबादी वाले स्थान के रूप में जाना जाता है। ट्रेकिंग ट्रेल्स टू द्रास से अमरनाथ, सुरु हिल्स और सियालकोट का मंचन आसानी से किया जा सकता है। कड़ाके की ठंड के दौरान औसत न्यूनतम -45 डिग्री सेल्सियस हड्डी ठंडा हो सकता है।

हेमकुंड साहिब

उत्तराखंड के चमोली क्षेत्र में स्थित एक प्रसिद्ध सिख तीर्थ स्थल है, जो 7 बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों से घिरा हुआ है। यह भारत के सबसे ठंडे स्थानों में से एक है, जो 4,362 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हेमकुंड साहिब केवल गर्मियों में ही पहुंचा जा सकता है क्योंकि क्रूर सर्दियों का मौसम किसी को भी यहां तक पहुंचने से रोकता है क्योंकि यह पूरी तरह से बर्फ से दब गया है। पड़ोसी फूलों की घाटी, जो हर जगह आश्चर्यजनक फूलों की छटा बिखेरती है, आपकी यात्रा को दिलचस्प बना देगी।

औली, उत्तराखंड

उत्तराखंड में हिमालय की वादियों के बीच मौजूद औली एक प्रसिद्ध सर्दियों में घूमने लायक जगह है, ये डेस्टिनेशन स्कीइंग के लिए भी जाना जाता है। जहां ये सर्दियों में पूरी बर्फ से ढक जाता है, वहीं गर्मी में यहां की बर्फ से घिरी चोटियां इस जगह को और भी ज्यादा खूबसूरत बना देती हैं। गर्मियों के मौसम में भी यहां तापमान ठंडा रहता है। यहां गर्मियों में भी अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है। आपको बता दें, औली बुग्याल के नाम से भी जाना जाता है। प्राकृतिक और हिमालय की चोटियों का खूबसूरत नजारा, हरे-भरे जंगल और चरागाह औली को एक रंगीन रूप देते हैं। औली कई तरह की बर्फ की चोटियों और पहाड़ों का एक प्राचीन दृश्य प्रस्तुत करता है, जैसे नंदा देवी चोटी, कामेट पर्वत, चौखम्बा चोटी, त्रिशूल चोटी, हाथी पर्वत, आदि आपकी ट्रिप को यादगार बना देते हैं।

मसूरी, उत्तराखंड

मसूरी उत्तर भारत का ऐसा हिल स्टेशन हैं जहां काफी लोग जाना पसंद करते है। मसूरी पहाड़ों की रानी के नाम से भी बहुत प्रसिद्ध है। यहां तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से लेकर 23 डिग्री सेल्सियस रहता है। यहां हर साल पर्यटक गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए दूर-दूर से आते हैं। और यह एक रोमांटिक हिल स्टेशन के रूप में भी जाना जाता है। मसूरी, देहरादून से लगभग 34 किमी की दूरी पर है। मसूरी समुद्र तल से 2005 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मसूरी उत्तर-पूर्व में बर्फ की रेंज, दून घाटी का शानदार दृश्य और दक्षिण में शिवालिक पर्वतमाला के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। मसूरी में आप कैम्पटी फॉल, गन लेक और मसूरी लेक जैसी कई खूबसूरत जगह घूम सकते हैं। मसूरी का तापमान 12 महीनें ठंडा रहता है।

चेरापूंजी, मेघालय

चेरापूंजी भारतीय राज्य मेघालय में पूर्वी खासी हिल्स जिले का एक उप विभागीय शहर है। नेचर लवर्स के लिए चेरापूंजी किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यह जगह गर्मियों में भी काफी ठंडी रहती है। यहां तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से लेकर 24 डिग्री सेल्सियस रहता है। साथ ही यहां बेहद खूबसूरत वॉटरफॉल भी हैं। चेरापूंजी में कुछ जगहें ऐसी हैं जहां पर आपको डबल डेकर रूट ब्रिज देखने को मिल जाएंगे। साथ ही यहां कुछ गांव ऐसे भी है जहां सफाई देखकर आपका दिल भी खुश हो जाएगा।

कुन्नूर, तमिलनाडु

कुन्नूर एक ऐसा हिल स्टोशन है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों के मानस पटल पर अमिट छाप छोड़ जाता है। यह जगह एडवेंचर, शांति और खूबसूरत नजारों के लिए जानी जाती है। गर्मियों में भी इस जगह का मौसम काफी अच्छा रहता है। यहां तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। कुन्नूर की कोई भी यात्रा नीलगिरि की पहाड़ी रेल रास्ते पर सवारी किये बिना अधूरी है। रेलगाड़ी मेट्टूपलयम से शुरू होकर कुन्नूर की पहाड़ी पर चढ़ाई करती है और फिर ऊटी चली जाती है। रास्ते में पडऩे वाले शानदार प्राकृतिक दृश्य यात्रियों को मन्त्रमुग्ध कर देते हैं। पर्यटकों को सिम्स पार्क, डॉल्फिन नोज़, दुर्ग फोर्ट, लेैम्ब्स रॉक, हिडेन वैली, कटारी फाल्स और सेन्ट जॉर्ज चर्च स्थानों को देखना नहीं भीलना चाहिये क्योंकि यही कुन्नूर के सबसे प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। अगर आपका मन कहीं भी जाने का नहीं है तो आप आराम से अपने रिजॉर्ट में बैठकर कुन्नूर के मौसम और आस पास नेचर की खूबसूरती का आनंद उठा सकते हैं।

तवांग, अरुणाचल प्रदेश

तवांग अपनी खूबसूरत मोनेस्ट्री और पिक्चर परफेक्ट सीनरी के लिए जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस स्थान का चुनाव मेराग लामा लोड्रे ग्यामत्सो के घोड़े ने किया था। मेराग लामा लोड्रे ग्यामत्सो एक मठ बनाने के लिए किसी उपयुक्त स्थान की तलाश कर रहे थे। उन्हें ऐसी कोई जगह नहीं मिली, जिससे उन्होंने दिव्य शक्ति से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करने का निर्णय लिया। प्रार्थना के बाद जब उन्होंने आंखे खोली तो पाया कि उनका घोड़ा वहां पर नहीं है। वह तत्काल अपना घोड़ा ढूंढने लगे। काफी परेशान होने के बाद उन्होंने अपने घोड़े को एक पहाड़ की चोटी पर पाया। अंतत: इसी चोटी पर मठ का निर्माण किया गया और तवांग शब्द की व्युत्पत्ति हुई। प्राकृतिक सुंदरता के मामले में तवांग बेहद समृद्ध है और इसकी खूबसूरती किसी को भी मंत्रमुग्ध कर देती है। अगर आप नेचर में खो जाना चाहते हैं तो यह जगह आपके लिए एकदम परफेक्ट है। गर्मियों के पीक में भी यहां तापमान 5 डिग्री से 21 डिग्री सेल्सियस के बीच में रहता है। तवांग में देखने के लिए मठ, पहाड़ों की चोटी और झरने सहित कई चीजें हैं, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। तवांग के कुछ प्रमुख आकर्षण में तवांग मठ, सेला पास और ढेर सारे जलप्रपात हैं, जिससे यह बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग के लिए भी पसंदीदा स्थान बन जाता है। अगर आप भारत की ऐसी जगहों में रहते हैं जहां अभी खतरनाक गर्मी पड़ रही है तो तवांग आपके लिए बिल्कुल परफेक्ट साबित हो सकता है।

कसोल, हिमाचल प्रदेश

कसोल, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बसा एक छोटा सा गांव है। पार्वती नदी के किनारे बसा हुआ गांव कसोल कुल्लू से महज 40 किलो-मीटर की दूरी पर स्थित है। कसोल एडवेंचर प्रेमियों के लिए बेहद खास है, क्योंकि वे यहां आराम से प्रकृति की गोद मे तारो की छांव का आनन्द ले सकते हैं। यहां आप मणिकरण गुरुद्वारा, पार्वती नदी, और तोश गांव घूम सकते हैं। यहां अधिकतम तापमान 25 डिग्री और न्यूनतम तापमान 18 डिग्री रहता है। यहां भारतीयों के अलावा विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में घूमने के लिए आते हैं। कसोल अपने इजरायली पर्यटकों के लिए लोकप्रिय है। पार्वती नदी के किनार खड़े देवदार और चीड़ के पेड़ से कसोल को और भी खूबसूरत बनाते हैं। कसोल में घूमने के लिए काफी जगह है जैसे-पार्वती नदी, खीर गंगा चोटी, मलाना, तोष गांव,मणिकर्ण और भुंतर आदि है।

मिरिक, वेस्ट बंगाल

मिरिक पश्चिम बंगाल का सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन और टूरिस्ट प्लेस है। इस जगह पर आप अपनी फैमिली, दोस्त और पार्टनर्स के साथ जा सकते हैं। मिरिक का नाम लेपचा शब्द, मिर-योक से बना है, जिसका मतलब है 'आग से जली जगह'। पर आप इसके नाम के अर्थ पर बिल्कुल भी मत जायेगा, क्यूंकि यह अपने नाम के बिल्कुल ही परे प्रकृति की अद्भुत खूबसूरती से धनी है। गर्मियों में भी यहां का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से 20 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। यहां पर आप मिरिक लेक, ऑरेज ऑर्चिड, बुंगकुलुं, चाय के बागान, आदि जगहों पर घूम सकते हैं।

गंगटोक, सिक्किम

गंगटोक सिक्किम राज्य का सबसे बड़ा शहर है। गंगटोक घूमने के लिहाज से बेहद ही आकर्षक, प्राकृतिक और बादलों से घिरी हुई ऐसी जगह है, जो आने वाले हर पर्यटक को तरो ताजा कर सकती है। यहां गर्मियों में भी अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से कम ही रहता है। गंगटोक में प्राकृतिक सुंदरता से जुडी कई जगह हैं, जिनमें से कुछ मुख्य आकर्षण जैसे त्सोमो झील, बान झाकरी, ताशी व्यू पॉइंट आदि शामिल है। गंगटोक घूमने से पहले यहां की कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में भी एक बार जान लें, जिनकी वजह से यहां की खूबसूरती में चार चांद लगे हुए हैं।

तीर्थन वैली, हिमाचल प्रदेश

समुद्र तल से 1600 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित, तीर्थन घाटी नदी के किनारे एक परफेक्ट हॉलिडे डेस्टिनेशन माना जाता है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित, तीर्थन घाटी का नाम तीर्थन नदी से लिया गया है, जो इसके किनारे बहती है। तीर्थन वैली का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस रहता है। साथ ही यहां पर आप कई तरह की एक्टिविटीज भी कर सकते हैं जैसे शांत घाटी ट्रैकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, मछली पकडऩा, आदि । तीर्थन में करने के लिए काफी कुछ मौजूद है। अगर आपके पास पूरे दिन करने के लिए कुछ नहीं है, तो आप बस यहां की सडक़ों पर सैर के लिए निकल सकते हैं, जो जंगलों से होकर गुजरती हैं। ये सडक़ें आपको गुशैनी, नागिनी, सोजा और बंजार के छोटे-छोटे गांवों में ले जाएंगी। यहां की हर एक जगह छत वाले खेतों, लुढक़ते पहाड़ों और हरे-भरे नजारों से घिरी हुई है। यहां की खूबसूरती को देखकर यकीनन आपकी आत्मा तृप्त हो जाएगी। अगर आप खूबसूरती के साथ ही शांति भी चाहते हैं तो आपके लिए यह जगह एकदम परफेक्ट है।

श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर

समुद्र तल से 1,585 मीटर ऊपर स्थित, श्रीनगर देश के सबसे ठंडे राज्य का सबसे बड़ा शहर है। यह आश्चर्यजनक शहर और भारत की सबसे ठंडी जगहों में से एक, जो झेलम नदी के किनारे कहीं भी स्थित है, अपनी जैव विविधता और अद्वितीय सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यह प्रसिद्ध डल झील का स्थान भी है, जहाँ आपको कम से कम एक दिन के लिए हाउसबोट में रहने का प्रयास करना चाहिए। तैरता बाजार और लोगों की गर्माहट आपको घर जैसा महसूस कराएगी। पंद्रहवीं शताब्दी में निर्मित जामिया मस्जिद, श्रीनगर की कई प्रसिद्ध मस्जिदों और तीर्थस्थलों में से एक है। इसे कश्मीर की सबसे बड़ी मस्जिद माना जाता है। गुलमर्ग का आकर्षक शहर, जो कश्मीर से सटा हुआ है, कश्मीर की घाटी के साथ-साथ हिमालय के सबसे ऊंचे पहाड़ों में से एक नंगा पर्वत के शानदार दृश्य प्रदान करता है।

उत्तरी सिक्किम

उत्तरी सिक्किम बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरे भारत के सबसे आश्चर्यजनक स्थानों में से एक है। हालांकि, यह अपने गंभीर तापमान और असमान इलाके के कारण जाने के लिए एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है। उत्तरी सिक्किम में लाचेन और थंगू घाटी सबसे ठंडे क्षेत्र हैं। भीषण सर्दियों के दौरान इन क्षेत्रों तक पहुंचना और रहना मुश्किल होता है, जब तापमान -15 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। हालाँकि, घने पर्णसमूह के कारण यह क्षेत्र बहुत खूबसूरत है जो टुंड्रा और अनगिनत झरनों में लुप्त होने तक अल्पाइन ऊंचाई तक फैला हुआ है। सूची इस तरह से प्रतीत होती है और इसमें 0 अंक, युमथांग घाटी, लाचुंग मठ, कौवे झील, और बहुत कुछ शामिल हैं। अपनी गर्मी की छुट्टियों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए यहां जाएं।

लेह और लद्दाख

लेह, पूर्व लद्दाख साम्राज्य की सीट, एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। भारत की गर्मियों में, जब 7 डिग्री सेल्सियस का तापमान विशेष रूप से असामान्य नहीं होता है तो यह यात्रा करने के लिए एक आदर्श स्थान है। लेह एक है शांति स्तूप, लेह पैलेस, पैंगोंग झील, और कई अन्य जलाशयों और मठों की वजह से अवश्य जाना चाहिए। न्यूनतम तापमान -15 डिग्री सेल्सियस से -20 डिग्री सेल्सियस तक है। लेह-लद्दाख में तापमान -28.3 डिग्री तक कम देखा गया है कई मौकों पर।

सेला दर्रा, तवांग

सेलांग एक ऊंचा मार्ग है जो बौद्ध शहर तवांग को तेजपुर और गुवाहाटी से जोड़ता है और अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में स्थित है। यह हमेशा बर्फ से ढका रहता है, जो इसे सौंदर्यशास्त्र के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। सेला दर्रा महान हिमालय में 4,170 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, जब सर्दियों का तापमान -15 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है। आप आसपास के दर्शनीय स्थलों की झीलों का आनंद ले सकते हैं जो पवित्र हैं बौद्ध। एक प्यारे, आध्यात्मिक दौरे पर भारत के शीर्ष ग्रीष्मकालीन अवकाश स्थलों में से एक पर जाएँ।

सोनमर्ग, कश्मीर

कश्मीर के सबसे आश्चर्यजनक पर्यटन स्थलों में से एक सोनमर्ग है, जिसका अर्थ है सोने की घास का मैदान। भारत के सबसे ठंडे स्थानों में से एक यह आदर्श गर्मी की छुट्टी का स्थान है। पूरे सर्दियों में मौसम अक्सर गंभीर हो सकता है। सोनमर्ग अमरनाथ के पास स्थित है, जो इसे पवित्र गंतव्य की यात्रा के लिए एक सुविधाजनक प्रारंभिक बिंदु बनाता है। सोनमर्ग। सिंध नदी घाटी से होकर बहती है।

मुनस्यारी

मुनस्यारी पिथौरागढ़ में एक छोटा सा गांव है बर्फ से ढके हिमालय पर्वत के मनमोहक दृश्य वाला क्षेत्र। यह स्थान अपने अत्यंत चुनौतीपूर्ण और नर्वस-ब्रेकिंग हाइकिंग पथों के लिए प्रसिद्ध है, जो अपने सबसे सम्मोहक रूपों में सुंदर प्रकृति की भव्यता प्रदान करते हैं। ठंडे महीनों में -3 डिग्री सेल्सियस जैसे ठंडे तापमान देखे जा सकते हैं।