सोलो ट्रिप देती हैं खुद को पहचानने का मौका, रखें इन बातों का ध्यान

अकेले ट्रिप पर जाना आपके लिए एक बहुत ही अच्छा अनुभव होगा। इससे आप सिर्फ कुछ नया ही नहीं सीखते हैं बल्कि आपको अपने आप को पहचानने का भी एक मौका मिलता हैं। यह अपने आप के साथ समय बिताने के लिए एक बहुत ही अच्छा अवसर हैं। तो अगर आप अपनी सोलो ट्रिप को यादगार बनाना चाहते हों तो आप इन चीजों को अपनी लिस्ट में शामिल कर सकतें हैं। और किसी भी ट्रिप पर जाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें।

रिसर्च, रिसर्च और रिसर्च

इंटरनेट या गाइड बुक्स की मदद से खूब जानकारी इकट्ठी करें। अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने के लिए फ्लाइट लें या ट्रेन? एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन से टैक्सी, ऑटो करें या बस और मेट्रो जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट सही रहेंगे? बड़ी जगहों के आसपास के रास्ते कौन-से होंगे? ठहरने के लिए क्या हॉस्टल मिल जाएंगे? ऐसी कौन-सी जगह हैं, जो वहां जाकर देखना चाहिए। मौसम कैसा रहेगा? मोबाइल नेटवर्क कवरेज कैसा होगा? इमरजेंसी में कहां से मदद मिलेगी? इन सभी बातों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी लेने के बाद ही यात्रा शुरू करें।

प्लान करके जाएं

अगर आप सोलो ट्रिप पर जा रहें हैं तो इसका मतलब यह नहीं हैं कि आप कभी भी अपना बैग उठाए और चल दिए। अगर आप सोलो ट्रिप पर जाना चाहते हैं तो आप एक डायरी में सब नोट करें ताकि ट्रिप के दोरान आपको किसी भी तरह की परेशानी ना उठानी पडे। जरूरी नहीं हैं कि आपकी करी हुई पूरी प्लानिंग आपके काम आएं लेकिन ऐसा करने से आप पहले से ट्रांसपोर्ट से लेकर ठहरने तक का बंदोबस्त कम लागत में कर लेंगे।

खुद को एक्सप्लोर करें

अकेले यात्रा करने का मतलब खुद के अंदर के व्यक्ति को बाहर लाना है। इस दौरान हमें कई तरह के अनुभव मिलते हैं, जो मायने रखते हैं। जैसे- अनजान लोगों से मिलना, अपनी कहानियां शेयर करना और नए दोस्त बनाना आदि।किसी नई जगह पर जाकर कुछ क्षण के लिए अपने निजी दुख-दर्द भूल जाएं। वहां जाकर वहां के लोगों की तरह बन जाएं। वहां की स्थानीय भाषा सीखें। अगर संभव हो, तो किसी लोकल परिवार के साथ रुकें। बहुत से लोग आपको अपना मेहमान समझकर अपनी दुनिया के बारे में बताएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खुद को पर्यटक की तरह सीमित न रखें। खुद को एक्सप्लोर करें, क्योंकि अकेले यात्रा करने का असली मतलब यही है।

स्थानीय लोगों से करें बात

अपनी यात्रा को यादगार बनाने के लिए वहां के स्थानीय लोगों से मिलें और उनसे दोस्ती करें, लेकिन सावधानी के साथ। नए लोगों के देखकर हर कोई उन्हें लूटने के लिए तैयार बैठा रहता है, लेकिन आपके साथ कोई स्थानीय होगा तो वह आपको कम लागत में शहर घूमने में मदद करेगा। इसके अलावा ये नए रिश्ते आपको आगे भी काम आएंगे।

जितना हल्का, उतना अच्छा

सामान जितना कम होगा, ट्रैवलिंग का मजा उतना ज्यादा आएगा, वरना घूमने से पहले सामान रखने के लिए क्लॉकरूम और होटल ढूंढने में ही वक्त, ताकत और पैसा खर्च होता रहेगा। इसी तरह से कई बार वीइकल न मिले तो भी आराम से पैदल चलकर थोड़ी-बहुत दूरी तय की जा सकती है।