इन 5 व्यंजनों के बगैर अधुरा है राजस्थान का स्वाद

राजस्थान, महाराजाओं की भूमि, अपनी बहुमूल्य सुन्दरता और संस्कृति के लिए बेहद प्रसिद्ध है| लेकिन जो चीज इसे और प्रसिद्द बनाता है वो है, यहां का भोजन और व्यंजन| राजस्थान मेहमान नवाजी और भोजन के लिए जाना जाता है| अगर आप राजस्थान भ्रमण के लिए निकले हैं तो यहाँ के अलग-अलग व्यंजन के बिना आपकी यात्रा अधूरी है| राजस्थान के लोग मीठे से लेकर चट-पटे हर प्रकार के खाने के शौक़ीन है| आइये आपको भी राजस्थान के खाने के बारे में बताते हैं, आपके मुंह में भी पानी आ जायेगा

# दाल बाटी चूरमा :
अगर राजस्थान का नाम आता हैं तो सबसे पहले खाने में नाम दाल-बाटी का ही आता है. राजस्थानी खाना दाल बाटी चूरमा के बिना पूरा नहीं होता. घी में तर-बतर गोल बाटियों को दाल के साथ खाने का जो मजा है वो किसी व्यंजन में नहीं है. चूरमा इसके साथ इसमें चार चाँद लगा देता है.

# घेवर :
ये पकवान घी,आटा,पनीर और शक्कर की चाशनी से मिलकर बना होता है. ये कई प्रकार का होता है जैसे – मलाई घेवर, मावा घेवर और साधारण घेवर. तेज और गणगौर त्योंहार पर इनका ज्यादा चलन है. कोई भी राजस्थानी कार्यक्रम इस पकवान के बिना अधूरा है.

# नॉन-वेज : अगर नॉन-वेज खाना चाहे, तो भी यहाँ कई प्रकार के व्यंजन उपलब्ध हैं. लाल मास, बिरयानी, कोरमा जैसे कई व्यंजन आपको लुभायेंगे |

# राजस्थानी कढ़ी :

कढ़ी वैसे तो कई प्रदेशों में खायी जाती है, लेकिन राजस्थान की कढ़ी इन सब से अलग है. ये तीखी और मसालेदार होती है, जो चावल के साथ खायी जाती है.

# मावा कचौरी :

मावा कचौरी बहुत सारे सूखे मेवों तथा मावा से बनती है तथा इसे शक्कर मे डुबोया जाता है. अगर आप आपको मीठा पसंद नहीं फिर भी एक बार खाने के बाद आप इसे बार-बार खायेंगे.