भारतीय प्रायद्वीप पर मुगलों और अंग्रेजों ने कई शताब्दियों तक राज किया। मुगलों के साम्राज्य को अंग्रेजों ने समाप्त किया। गुलाम भारत में इन दोनों वंशों ने राज करने के साथ-साथ विकास भी खूब किया। मुगल काल में भवन निर्माण और चित्रकला शैली का जबरदस्त विकास हुआ। वर्तमान भारत में मुगलों द्वारा बनवाई गई कई ऐसी इमारतें हैं जिन्हें यूनिस्को ने विश्व धरोहर के रूप में संरक्षित कर रखा है। इन इमारतों के देखने के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों का हुजूम उमड़ता है। इतिहास प्रेमी इन स्थानों को देखे बिना नहीं रह पाते हैं। आज हम अपने पाठकों को मुगल काल के दौरान बनी कुछ ऐसी इमारतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आज भी अपना अस्तित्व और वजूद बनाए रखने में कामयाब हैं।
अकबर का मकबराअकबर का मकबरा उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में है, जहां हर साल काफी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं। अकबर ने साल 1605 में इस मकबरे का निर्माण शुरू करवाया था, और उनके बेटे जहांगीर ने साल 1613 में इसके निर्माण को पूरा करवाया था। इस मकबरे का निर्माण संगरमरमर और लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। यहां की कलाकारी लोगों को काफी आकर्षित करती है।
शेर शाह सूरी का मकबराये मकबरा बिहार में स्थित है। शेर शाह सूरी एक पठान योद्दा थे, जिन्होंने मुगल काल में पांच साल 1540 से लेकर 1545 तक शासन किया था। वहीं, 1545 में उनकी एक आकस्मिक विस्फोट में मृत्यु हो गई थी। इस मकबरे को वास्तुकार अलीवाल खान द्वारा निर्मित किया गया है। उन्होंने लाल बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल करके इस मकबरे का निर्माण किया था। लोग इस कलाकारी को देखकर हैरान रह जाते हैं।
हजीरा मकबराहजीरा मकबरा कुतुबुद्दीन मुहम्मद खान को समर्पित है और ये गुजरात के वडोदरा में स्थित है। अकबर के शासनकाल के दौरान हजीरा मकबरे का निर्माण किया गया था। अकबर के बच्चों सलीम और नौरंग खान के ट्यूटर कहे जाने वाले कुतुबुद्दीन महुम्मद खान गुजरात के आखिरी सुल्तान मुजफ्फर III द्वारा पराजित हुए थे।
गोल गुम्बजकर्नाटक के बीजापुर में स्थित गोल गुम्बज आदिल शाही राजवंश के शासक मोहम्मद आदिल शाह का मकबरा है। यह मकबरा अपने विशाल गुंबद के लिए जाना जाता है, जो दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा है। इसकी अनूठी वास्तुशिल्प डिजाइन है, जो लोगों के बीच आकर्षण का मुख्य केंद्र है। इसमें व्हिस्परिंग गैलरी भी है, जहां आपको आवाज गूंजती नजर आएगी।
कुतुब मीनारकुतुब मीनार दिल्ली की मशहूर इमारतों में से एक है। यह एक मुख्य रूप से अपनी विशाल मीनार के लिए जाना जाता है। लेकिन कुतुब मीनार परिसर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद और इसमें दिल्ली सल्तनत के दूसरे शासक इल्तुतमिश की कब्र है। यह मकबरा इंडो-इस्लामिक वास्तुकला को प्रदर्शित करता एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है।
सफदरजंग का मकबराइन तमाम वास्तुकला और शिल्पकलाओं के अलावा, सफदरजंग मकबरा मुगलकालीन स्थापत्य शैली में निर्मित अंतिम मकबरों में से एक माना जाता है। संगमरमर और बलुआ पत्थर से निर्मित, यह उत्तम मकबरा मुगल सम्राट अहमद शाह बहादुर के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। इसका विशाल गुम्बद, ऊंचे मेहराब, मनीकृत उद्यान और फव्वारा पर्यटकों को बखूबी आकर्षित करते हैं। दिल्ली स्थित सफदरजंग का मकबरा मुगल साम्राज्य के एक प्रमुख राजनेता नवाब सफदरजंग का विश्राम स्थल है। इस मकबरे की वास्तुकला में मुगल और फारसी शैलियों झलक देखने को मिलेगी।
ताजमहलमुगल सम्राट शाहजहां द्वारा निर्मित, यह स्मारक उनकी पत्नी मुमताज महल के लिए बनवाई थी। सफेद संगमरमर से बना यह खूबसूरत मकबरा दुनिया के सात अजूबों में से एक है। यहां मुमताज और शाहजहां की कब्र भी मौजूद हैं। इस मकबरे को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का दर्जा भी प्राप्त है। इस शानदार वर्ल्ड हेरिटेज साइट को बनने में लगभग 22 साल लगे थे। संगमरमर से बना ताजमहल मुख्य तौर पर इस्लामी, तुर्की और फारसी वास्तुशिल्प डिजाइनों का प्रतिनिधित्व करता है। मुगलों की इस वास्तुकला को देखने के लिए आप आगरा जाना होगा।
बीबी का मकबराबीबी का मकबरा दौलताबाद और औरंगाबाद के बीच दक्कन के पठार की पृष्ठभूमि में स्थित है। कहा जाता है कि इस वास्तुशिल्प का निर्माण औरंगजेब के बेटे राजकुमार आजम शाह ने अपनी मां दिलरस बानो बेगम के लिए करवाया था।
हुमायूं का मकबरामुगलों की खूबसूरत वास्तुकला और स्मारकों में हुमायूं का मकबरा भी आता है, जो भारत के बेहतरीन मकबरों में से एक है। यह शानदार गुंबददार मकबरा लगभग 1572 में मुगल सम्राट हुमायूं की कब्र के साथ निर्मित किया गया था। यह शहर का आकर्षक और दार्शनिक स्थाल है। आप भी इस सुंदर स्मारक को देखने जरूर जाएं।
आधम खान का मकबरादिल्ली में कुतुब मीनार के उत्तर में स्थित आधम खान का मकबरा 16वीं शताब्दी में मुगल सम्राट अकबर द्वारा बनवाया गया था। आधम खान अकबर का सेनापति था और उनकी परवरिश अकबर के ही माता-पिता ने की थी। हालांकि, अकबर ने खान को तब मार दिया था, जब उन्हें पता चला कि खान ने उनके पसंदीदा सेनापति अगाता खान की जान ले ली। मकबरे की वास्तुकला सैय्यद और लोधी राजवंश को दर्शाती है।
शेख चिली का मकबराहरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के थानेसर में स्थित शेख चिल्ली का मकबरा संरचनाओं का एक परिसर है, जिसमें 2 मकबरे, 1 मदरसा और मुगल उद्यान शामिल हैं। मुख्य मकबरा संत अब्द-उल-रजाक को समर्पित है, जिन्हें लोकप्रिय रूप से शेख चिल्ली कहा जाता है। वह शाहजहां के सबसे बड़े बेटे दारा शिकोह के आध्यात्मिक गुरु थे। वहीं मदरसे से जुड़ा दूसरा मकबरा शेख चिल्ली की पत्नी को समर्पित है।