इन 7 हिंदू धार्मिक स्थलों के लिए देशभर में जाना जाता हैं कर्नाटक, पहुंचे इनका दर्शन करने

देशभर के पर्यटन स्थलों की बात की जाए तो इसमें दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक का नाम जरूर शामिल किया जाता हैं जहां के कई खूबसूरत स्थल पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। हिल स्टेशन और वॉटरफॉल के लिए भी कर्नाटक भ्रमण को पहचाना जाता हैं। लेकिन इसी के साथ ही कर्नाटक को देशभर में धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता हैं। दक्षिण भारत का यह राज्य आपकी तीर्थ यात्रा को सार्थक बनाने के लिए पूरी तरह सक्षम है जहां हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते है। आज इस कड़ी में हम आपको कर्नाटक के प्रसिद्द हिंदू धार्मिक स्थलों के बारे में बताने जा रहे है जहां आप दर्शन करने पहुच सकते हैं। आइये जानते है इनके बारे में...

महाबलेश्वर मंदिर

कर्नाटक में स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिरों में आप उत्तर कन्नड जिले के गोकर्ण में स्थित महाबलेश्वर मंदिर के दर्शन से कर सकते हैं। यह एक प्राचीन मंदिर है, जो चौथी शताब्दी से संबंध रखता है। इस मंदिर का निर्माण द्रविड़ शैली में किया गया था। यह मंदिर दक्षिण के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में गिना जाता है। यह मंदिर का मुख कारवार सिटी बीच की तरफ है, जहां तीर्थयात्री स्नान कर मंदिर दर्शन के लिए जाते हैं। माना जाता है कि यह शिव मंदिर काशी विश्वनाथ की ही धार्मिक महत्व रखता है। इसलिए इस मंदिर को दक्षिण काशी भी कहा जाता है। अपनी धार्मिक यात्रा को विशेष बनाने के लिए आप यहां आ सकते हैं।

विरुपाक्ष मंदिर

विरुपाक्ष मंदिर राज्य कर्नाटक में तुगभद्रा नदी के किनारे स्थित है। हंपी का विरुपाक्ष मंदिर मुख्य रूप से हिंदू धर्म से जुड़ी भगवान शिव को समर्पित कर्नाटक का एक प्रमुख धार्मिक स्थल माना जाता है। हिंदू धर्म से जुड़ी विरुपाक्ष मंदिर यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल है। सातवीं शताब्दी में हम्पी में निर्मित यह विरुपाक्ष मंदिर श्रद्धालुओं के अलावा इतिहास प्रेमी एवं वास्तु कला प्रेमियों द्वारा भी विजिट किया जाता है। यह विरुपाक्ष मंदिर कर्नाटक के प्रमुख धार्मिक स्थल माना जाता है। इस मंदिर को विजिट करने लोग कर्नाटक के क्षेत्रों के अलावा भारत के अन्य क्षेत्र से भी आया करते हैं।

पत्तदकल

राज्य कर्नाटक में स्थित पत्तदकलएक छोटा सा गांव है। पत्तदकल को अन्य रक्तापुरा या पट्टडाकल्लू के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर पौराणिक समय का सुंदर नक्काशी द्वारा तकरीबन दस छोटे बड़े मंदिरों का निर्माण सातवीं से आठवीं शताब्दी के दौरान किया गया था। पत्तदकल में पौराणिक समय के दौरान बने दसों मंदिरों में नौ मंदिर हिंदू धर्म से जुड़ी हुई है, जबकि एक अन्य मंदिर जैन धर्म से जुड़ी हुई है। यहीं पर ही स्थित है हिंदू धर्म से जुड़ी पापनाथ मंदिर, गलगनाथ मंदिर, संगमेश्वर मंदिर आदि मंदिरों का समुह। पत्तदकल को विजिट करने के उपरांत आप यहां के इन सभी मंदिरों को विजिट करना न भूले।

मंजुनाथ मंदिर

कर्नाटक के प्रसिद्ध मंदिरों में आप 800 साल पुराने धर्मस्थल मंजुनाथ मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर दक्षिण कन्नड जिले के धर्मस्थल नगर में स्थित है। यहां भगवान शिव की पूजा मंजुनाथ रूप में होती है। इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति के साथ अम्मानवारू, तीर्थंकर चंद्रप्रभा, जैन धर्म रक्षक, कन्याकुमारी आदि देवी-देवताओं की प्रतिमाएं मौजूद हैं। यह एक अद्भुत मंदिर है, क्योंकि इस मंदिर के पुजारी शैव ब्राह्मण हैं और इस मंदिर का प्रशासन जैन परिवार द्वारा चलाया जाता है।

मुरुदेश्वर मंदिर

कर्नाटक के कंडुका पहाड़ी पर स्थित यह मुरूदेश्वर मंदिर हिंदू धर्म से जुड़े कर्नाटक की एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। यह मुर्देश्वर मंदिर मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू धर्म से जुड़ी मंदिर है। इस मुरुदेश्वर मंदिर परिसर में भगवान शंकर के भारत की सबसे बड़ी प्रतिमा को स्थापित किया गया है। भगवान शंकर की इस बड़ी प्रतिमा को बनाने में तकरीबन 2 साल का कारीगरों द्वारा समय लिया गया था। यह मंदिर तीन ओर से सागर से घिरा हुआ है। यहां पर स्थापित भगवान शंकर की प्रतिमा की आंखें खुली हुई है जैसे कि वह अपनी आंखों से पूरे संसार को देख रहे हो। इस हिंदू धार्मिक स्थल को विजिट करने लोग भारत के अन्य क्षेत्रों के अलावा विदेशों से भी आया करते हैं।

उडुपी का श्रीकृष्ण मंदिर

राज्य कर्नाटक के पूर्व में स्थित कृष्ण मंदिर कर्नाटक का एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। इस उडुपी कृष्ण मंदिर का निर्माण तेरहवीं शताब्दी के दौरान किया गया था। इस मंदिर के प्रमुख बात यह है कि इस मंदिर में स्थित भगवान श्री कृष्ण की पूजा नौ छिद्र वाली खिड़की के माध्यम से की जाती है। उडुपी के इस श्री कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी, रामनवमी, गणेश चतुर्थी आदि त्योहारों के दौरान भक्तों की काफी ज्यादा भीड़ देखी जाती है। इस मंदिर को विजिट करने लोग कर्नाटक के अलावा भारत के अन्य क्षेत्र से भी आया करते हैं। उडुपी के श्री कृष्ण मंदिर के अपनी एक अलग ही महत्व है।

बादामी मंदिर

बदामी गुफा मंदिर राज्य कर्नाटक के बागलकोट जिले में स्थित कर्नाटक के एक प्रमुख पौराणिक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर अगस्त झील के किनारे स्थित छठी शताब्दी का गुफा मंदिर माना जाता है। इस बदामी गुफा में प्रमुख चार मंदिर हैं, जिनमें तीन हिंदू धर्म से जुड़े हुए हैं और एक अन्य जैन धर्म से जुड़ी हुई हैं। इन बदामी गुफा मंदिरों के पास जाने के लिए तकरीबन 2000 सीढ़ियां चढ़ने पड़ती है। इस बदामी गुफा मंदिर को विजिट करने लोग भारत के अन्य क्षेत्रों के अलावा विश्व के अन्य देशों से भी आया करते हैं। क्योंकि इस बदामी गुफा मंदिर को पहाड़ों की चट्टानों को खोदकर बनाया गया है। यहां पर भगवान की प्रतिमा को भी पत्थरों को काटकर बनाया गया है। इस मंदिर की वास्तुकला एवं यहां पर की गई नक्काशी इतिहास प्रेमी एवं वास्तुकला प्रेमियों को काफी ज्यादा पसंद आता है। बदामी गुफा मंदिर को विजिट करने गर्मी के दिनों में जाने से बचे, यही आपके लिए उचित होगा।