2026 में घूमने के लिए भारत के बेस्ट छिपे हुए खजाने, टॉप नॉर्थ ईस्ट डेस्टिनेशन

आजकल यात्रा का ट्रेंड बदल रहा है। लोग अब केवल फेमस और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर घूमने का मज़ा नहीं लेते, बल्कि वे शांत, सांस्कृतिक और निजी अनुभव देने वाले हिडन जेम्स की तलाश कर रहे हैं। स्काईस्कैनर की 2026 ट्रैवल रिपोर्ट में ऐसे ही कई छिपे हुए खजाने सामने आए हैं, जहां भारतीय यात्रियों की रुचि तेजी से बढ़ रही है। रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट है कि अब लोग अंतरराष्ट्रीय यात्राओं से ज्यादा अपने देश के भीतर ट्रिप प्लान करना पसंद कर रहे हैं। इस सूची में सबसे अधिक नॉर्थ ईस्ट डेस्टिनेशन को प्रमुखता दी गई है।

2026 में घूमने के लिए टॉप नॉर्थ ईस्ट डेस्टिनेशन:

1. जोरहाट, असम


पूर्वोत्तर भारत के असम में स्थित जोरहाट अब सिर्फ छोटा शहर नहीं बल्कि एक नया ट्रैवल हॉटस्पॉट बन चुका है। यह शहर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक दृष्टि से बेहद समृद्ध है। जोरहाट से थोड़ी दूरी पर माजुली द्वीप है, जो दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप माना जाता है। माजुली में आप असली असमिया संस्कृति, जनजातीय जीवन, पारंपरिक नृत्य और संगीत का अनुभव कर सकते हैं। जोरहाट की हरियाली से भरी चाय बागानें पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती हैं। यहां टोकलाई रिसर्च सेंटर में चाय की खेती और उत्पादन की प्रक्रिया को देखा जा सकता है, जिससे आप जान पाएंगे कि असमिया चाय कैसे बनती है और इसका स्वाद क्यों विश्व प्रसिद्ध है। इसके अलावा, इन बागानों में होने वाली चाय टूर और चाय टेस्टिंग सेशन भी पर्यटकों के लिए रोमांचक अनुभव साबित होते हैं।

धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से जोरहाट बहुत महत्वपूर्ण है। यहां स्थित कई वैष्णव मठों में जाकर आप असम की धार्मिक परंपराओं, पूजा विधियों और स्थापत्य कला का अध्ययन कर सकते हैं। मठों में स्थानीय समुदाय द्वारा आयोजित पारंपरिक नृत्य और संगीत कार्यक्रम भी देखने को मिलते हैं, जो संस्कृति की जीवंतता का अनुभव कराते हैं। पर्यावरण और अनुभव की दृष्टि से भी जोरहाट खास है। अब यहां कई इको-लॉज, रिसॉर्ट्स और बुटीक स्टे उपलब्ध हैं, जो प्रकृति के करीब रहने का अनुभव देते हैं। आप इन जगहों पर रहकर पक्षियों की आवाज़, नदी की लहरों की सैर और चाय बागानों की खुशबू के बीच आराम कर सकते हैं। इसके अलावा, जोरहाट के आसपास सघन जंगल, नदियां और छोटे-छोटे जलप्रपात भी हैं, जो ट्रैकिंग और नेचर वॉक के शौकीनों के लिए आदर्श हैं। वन्यजीव प्रेमियों के लिए यहां टेतीस पार्क और अन्य वन्यजीव अभयारण्य हैं, जहां दुर्लभ पक्षियों और जानवरों को देखा जा सकता है।

जोरहाट में स्थानीय बाजारों का अनुभव भी दिलचस्प है। यहां के हस्तशिल्प, असमिया कपड़े, जातीय गहने और हस्तनिर्मित उत्पाद पर्यटकों के लिए खरीदारी का आनंद बढ़ाते हैं। स्थानीय व्यंजन, जैसे असमिया थाली, ताजा मछली और पारंपरिक मिठाइयां, खाने के शौकीनों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव हैं। संक्षेप में, जोरहाट न केवल असम की संस्कृति और परंपरा को समझने का मौका देता है, बल्कि प्रकृति, साहसिक गतिविधियों और स्थानीय जीवन का भी वास्तविक अनुभव कराता है। यह जगह हर प्रकार के ट्रैवलर—चाहे वे प्रकृति प्रेमी हों, सांस्कृतिक खोजी हों या शांतिप्रिय यात्रियों के लिए—परफेक्ट हिडन जेम साबित होती है।

2. वाराणसी, उत्तर प्रदेश

वाराणसी, जिसे भारत का आध्यात्मिक हृदय कहा जाता है, अब केवल तीर्थयात्रियों का केंद्र नहीं रहा, बल्कि यह युवा यात्रियों और ट्रैवल प्रेमियों के लिए भी एक आकर्षक गंतव्य बन चुका है। गंगा के पवित्र किनारों, पुराने घाटों और संकरी गलियों में घूमते हुए, यहाँ का अनुभव पूरी तरह अलग और व्यक्तिगत लगता है। शहर का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत गहरा है। वाराणसी की गलियों में घूमते हुए आप प्राचीन मंदिरों, छोटे लेकिन जीवंत बाजारों और हस्तशिल्प की दुकानों का आनंद ले सकते हैं। यहाँ की बनारसी साड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, और हस्तनिर्मित गहने पर्यटकों को स्थानीय कला और संस्कृति से जोड़ते हैं। गंगा घाटों की शामें और आरती का दृश्य बेहद मनमोहक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती हैं। घाटों पर छोटी नाव की सैर, मंत्रों की गूँज, दीप जलाना और तटवर्ती जीवन को करीब से देखना, यात्रा को यादगार बनाता है।

वाराणसी के स्ट्रीट फूड का अनुभव भी बेहद खास है। कचौड़ी, जलेबी, मालपुआ, लस्सी और बनारसी पान जैसे स्थानीय व्यंजन यहां की यात्रा को और रोमांचक बना देते हैं। शहर के कई बुटीक स्टे और इको-लॉज पर्यटकों को शांतिपूर्ण आवास प्रदान करते हैं, जिससे आप शहर की हलचल से दूर, गंगा की लहरों और गलियों की खुशबू में पूरी तरह खो सकते हैं।

इसके अलावा, वाराणसी योग, संगीत और कला रिट्रीट्स के लिए भी प्रसिद्ध हो रहा है। यहां छोटे-छोटे रिट्रीट्स आयोजित किए जाते हैं, जहां लोग ध्यान, संगीत कार्यशालाओं, लोक कला और शिल्प में हिस्सा ले सकते हैं। इस तरह की गतिविधियाँ यात्रियों को न केवल मनोरंजन देती हैं, बल्कि शहर से गहरा जुड़ाव और आत्मिक अनुभव भी प्रदान करती हैं।

संक्षेप में, वाराणसी केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि संस्कृति, कला, इतिहास और भोजन का संपूर्ण अनुभव देने वाला हिडन जेम बन गया है। यहां की गलियाँ, घाट, बाजार और रिट्रीट्स मिलकर हर प्रकार के यात्रियों—आध्यात्मिक, सांस्कृतिक या शांति खोजी—के लिए एक अविस्मरणीय यात्रा सुनिश्चित करते हैं।

3. माजुली द्वीप, असम

जोरहाट से नाव द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकने वाला माजुली द्वीप, असम का एक ऐसा स्थान है जो यात्रियों को बिल्कुल अलग और सजीव अनुभव देता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप माना जाता है और प्रकृति और संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। माजुली की सबसे बड़ी खासियत इसकी जनजातीय परंपराएँ और स्थानीय जीवनशैली हैं। यहां के गांवों में मिट्टी के घर, हाथ से बने मुखौटे, पारंपरिक नृत्य और संगीत देखने को मिलते हैं, जो पर्यटकों को असली असमिया संस्कृति से जोड़ते हैं। यहां की स्थानीय कला और हस्तशिल्प में मिट्टी, बांस और लकड़ी का इस्तेमाल करके बनाए गए अनोखे उत्पाद देखने और खरीदने के लिए मिलते हैं। द्वीप का शांत और स्वच्छ वातावरण यात्रियों को शहरों की हलचल से दूर शांति का अनुभव कराता है। नदियों की लहरों के बीच नाव यात्रा करना, चारों तरफ हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना, और स्थानीय लोगों के साथ घुल-मिलकर उनके रीति-रिवाजों और उत्सवों में शामिल होना इस जगह को खास बनाता है।

माजुली में वैष्णव मठ भी स्थित हैं, जिनमें जाकर आप धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभवों को करीब से महसूस कर सकते हैं। हर साल यहां कई उत्सव और फेस्टिवल होते हैं, जैसे कि Raas Festival, जो द्वीप की सांस्कृतिक पहचान को और भी जीवंत बनाते हैं।

इको-लॉज और छोटे बुटीक स्टे की उपलब्धता ने इसे और अधिक पर्यटकों के लिए सुलभ और आकर्षक बना दिया है। यहां ठहरकर आप प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक गतिविधियों और स्थानीय जीवन का गहरा अनुभव ले सकते हैं, जो इसे सच में एक “हिडन जेम” बनाता है।

4. जीरो वैली, अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश की जीरो वैली एक ऐसा हिडन जेम है, जो प्रकृति प्रेमियों और शांति की तलाश में आए यात्रियों के लिए आदर्श स्थल है। यह घाटी धुंध से ढकी पहाड़ियों, हरियाली से लदी घाटियों और साफ-सुथरी नदियों के लिए जानी जाती है। यहां पहुँचने का अनुभव ही कुछ अलग होता है, क्योंकि जीरो वैली तक पहुँचने के लिए सीमित नंबर की परमिट आवश्यक होती है, जिससे यह भीड़-भाड़ से दूर रहती है और पर्यटकों को निजी और शांत वातावरण मिलता है। यह घाटी अपातानी जनजाति की अनोखी जीवनशैली, उनके पारंपरिक घर, हथकरघा कला और सांस्कृतिक उत्सवों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की लोक कला और हस्तशिल्प का अनुभव यात्रियों को सीधे स्थानीय संस्कृति से जोड़ता है। जीरो वैली की खूबसूरती केवल प्राकृतिक परिदृश्य तक सीमित नहीं है; यहाँ का जीरो म्यूजिक फेस्टिवल भी धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो रहा है, जो संगीत प्रेमियों के लिए एक अद्भुत अनुभव प्रस्तुत करता है।

इसके अलावा, घाटी की ट्रेकिंग और कैम्पिंग यात्रियों को रोमांचक अनुभव देती है। सुबह की ताजी हवा, पहाड़ों पर सूर्योदय, और जंगलों की सैर जीरो वैली को वास्तविक ट्रैवलर का स्वर्ग बनाते हैं। यहाँ रहने के लिए छोटे इको-लॉज और होमस्टे की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे पर्यटक स्थानीय जीवनशैली और प्रकृति के और करीब महसूस कर सकते हैं।

5. चंपारण, बिहार

बिहार का चंपारण एक ऐसा हिडन जेम है, जो इतिहास और संस्कृति का अनोखा मिश्रण पेश करता है। यह स्थान महात्मा गांधी के पहले सत्याग्रह के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन अब यह सिर्फ इतिहास की किताबों तक सीमित नहीं रहा। चंपारण की यात्रा करके आप उस समय और उस आंदोलन की गहराई को अनुभव कर सकते हैं, जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चंपारण में हरे-भरे खेत, शांत गांव और ग्रामीण जीवन का अनुभव पर्यटकों को एक वास्तविक और शांति भरा अनुभव देता है। यहाँ की गलियों में घूमते हुए स्थानीय संस्कृति, परंपराएं और रहन-सहन का अनुभव करना संभव है। इसके साथ ही, चंपारण के ऐतिहासिक स्थल और संग्रहालय आपको उस दौर की कहानियों और घटनाओं से जोड़ते हैं। स्थानीय व्यंजन और हस्तशिल्प भी चंपारण की यात्रा को और यादगार बनाते हैं। यहाँ के बाजारों में मिलने वाले पारंपरिक उत्पाद और हस्तनिर्मित सामान भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत उदाहरण हैं।

इस प्रकार, चंपारण न केवल इतिहास प्रेमियों बल्कि उन यात्रियों के लिए भी आदर्श स्थल है, जो शांति, संस्कृति और स्थानीय जीवनशैली का अनुभव करना चाहते हैं। यह जगह आपको भारतीय संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम की अनमोल कहानियों के करीब ले जाती है।