भारत को मंदिरों का देश कहा जाता हैं जहां हर कुछ दूरी पर ही आपको भगवान शिव का मंदिर देखने को मिल जाएगा। आज तो देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ हैं जो शिव के दर्शन मात्र को ही तरस जाते हैं। शिव के प्रति भक्तों की यह आस्था तब और मजबूत हो जाती हैं जब देश में बनी शिव की विशाल प्रतिमाएं दूर से ही देखने को मिल जाती हैं। जी हां, देश में कई ऐसी जगहें हैं जहं भगवान शिव की विशाल प्रतिमाएं देखने को मिलती हैं। इन प्रतिमाओं की लंबाई ऐसी हैं मानों साक्षात भगवान खड़े हो। तो आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...
नामची शिव की मूर्ति Namchi Statue of Shivaइस मंदिर का मुख्य आकर्षण भगवान शिव की 87 फुट ऊंची मूर्ति है 21 फुट ऊंचे मंदिर पर विराजमान है, प्रतिमा की ऊंचाई 108 फीट है। यहां से शिव भगवान पूरे चारधाम परिसर और उसके चारों ओर की घाटियों की निगरानी करते हैं। यह मूर्ति पहाड़ी के पश्चिमी छोर पर पूर्वी दिशा की ओर मुख किए स्थित है। यह मूर्ति 12 ज्योतिर्लिंगों से घिरी है।यह 12 प्रसिद्ध शिव मंदिर पूरे भारत के धार्मिक भूगोल पर फैले हैं। यहां का हर एक शिवलिंग अपने मूल जगह पर स्थापित शिवलिंग की सटीक प्रतिकृति है।
शिव मूर्ती हर की पौड़ी Shiva of Har Ki Pauriभगवान शिव की यह विशाल प्रतिमा स्वामी विवेकानंद पार्क में स्थित है और इसकी (100।1 फीट) ऊंचाई के कारण इसे दूर से भी काफी अच्छे से देखा जा सकता है। हरिद्वार में घूमने के दौरान आप ये मूर्ती देख सकते हैं। यह मूर्ति हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हर की पौड़ी के पास स्थापित है। यहां की शिव मूर्ति खड़ी मुद्रा में हैं। कहा जाता है कि यह घाट विक्रमादित्य ने अपने भाई भतृहरि की याद में बनवाया था। यहां पर हर शाम हजारों दीपकों के साथ गंगा की आरती की जाती है।
कचनार महादेव, जबलपुर Kachnar Mahadevमध्यप्रदेश राज्य के जबलपुर जिले के कचनार शहर में शिव मंदिर के पास स्थापित इस मूर्ति की ऊंचाई 76 फुट है। यहां भगवान शिव कर्पूर गौरं रूप में पद्मासन की मुद्रा ध्यान करते हुए दिखते हैं। भगवान शिव का यह रूप मन मोह लेेने वाला है। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों की बनाए गए हैं।
भगवान शिव की मूर्ति मुर्देश्वरी Statue of Lord Shiva Murudeshwarमुर्देश्वर में भगवान शिव की मूर्ति भारत की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा है जो उत्तरी कर्नाटक जिले के भटकल तालुक में कंडुका पहाड़ी पर बनी है। मूर्ति की ऊंचाई 123 फीट (37 मीटर) है और इसे शिवमोग्गा के काशीनाथ और कई अन्य मूर्तिकारों द्वारा बनाया गया था। इस शिव प्रतिमा को दुनिया में भगवान शिव की दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति के रूप में जाना जाता है। भक्तों को इस भव्य प्रतिमा का अच्छे से दर्शन कराने के लिए यहां एक लिफ्ट भी लगाई गई है। इस मूर्ति को इस तरह बनाया गया है कि सुबह सूर्य की रोशनी पड़ने पर यह मूर्ति चमकती है और इस नजारे को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
आदियोगी शिव प्रतिमा Adiyogi Shiva Statueआदियोगी भगवान शिव की मूर्ति को दुनिया में सबसे बड़ी मूर्ति मूर्ति माना जाता है, जिसे तमिलनाडु के कोयंबटूर में स्थित गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा मान्यता दी गई थी। 112 फीट की ऊंचाई के साथ प्रतिमा का वजन लगभग 500 टन है। कहा जाता है कि भगवान शिव के चेहरे के डिजाइन को तैयार करने के लिए करीब ढाई साल लगे और ईशा फाउंडेशन की टीम ने इसे 8 महीने में पूरा किया। इस प्रतिमा को स्टील से बनाया गया है और धातु के टुकड़ों को जोड़कर इसे तैयार किया गया है।
नागेश्वर शिव प्रतिमा Nageshwar Shiva Statueपवित्र शहर द्वारका से 19 किमी उत्तर पूर्व में नागेश्वर मंदिर, 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। प्रतिमा 82 फुट की विशाल शिव प्रतिमा है, जिसे आप दूर से कहीं से भी देख सकते हैं। मंदिर परिसर में भगवान शिव की पद्मासन मुद्रा में एक विशालकाय मूर्ति है। जो करीब 80 फीट ऊंची है। जो यहां का मुख्य आकर्षण है। इस मूर्ति के आसपास पक्षियों का झुण्ड मंडराता रहता है। भक्त यहां पक्षियों के लिए अन्न के दाने भी डालते हैं।