कालीसिंध नदी के किनारे एक ऐसा माता का मंदिर स्थित है जिसमें घी या तेल से नहीं बल्कि पानी से दीपक जलता है। अपनी अनोखी विशेषता के कारण यहां हमेशा भक्तों का तांता लगा रहता है।
इस मंदिर में आपको घी, तेल की जरुरत नहीं पड़ती। यह क्रम आज से नहीं बल्कि पिछले 6 सालों से चल रहा है। इस मंदिर को गड़ियाघाट वाली माता के नाम से जाना जाता है।
ऐसा कहा जाताहै की इस मंदिर में पहले हमेशा तेल का दीपक जला करता था। परंतु आज से लगभग 6 साल पहले माता ने सपने में इस मंदिर के पुजारी को दर्शन दिए और कहा कि तुम अब पानी का दीपक जलाओ और उसके बाद माता का आदेश मानकर पुजारी ने पानी से दीपक जलाया जो कि जल उठा। तब से मां के चमत्कार से यह दीपक ज्यों का त्यों जल रहा है।
लेकिन इस दीपक को जलाने के लिए कालीसिंध नदी का पानी ही लाया जाता है। यह दीपक शारदीय नवरात्र के पहले दिन से अगली बारिश तक जलता रहता है।
यह मंदिर अपनी इस विशेषता के कारण बहुत प्रसिद्ध हो चुका है और यहां दूर-दूर से भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। अगर आप भी इस चमत्कार को देखना चाहते हैं तो एक बार इस मंदिर में जाकर माता के दर्शन अवश्य करें।