राजस्थान के पर्यटन का आकर्षण बनते हैं लोक मेले, जानें इनके बारे में

लोक मेले राजस्थान के सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक वैभव की परिचायक हैं यह मेले विभिन्न जातियों और समुदायों के बीच मेल मिलाप के प्रभावी माध्यम हैं जनजीवन की आस्था और आनंद की अनुभूति को उजागर करने वाली यह मेले और त्यौहार यहां के लोगों के जोश और जीवन शैली को प्रतिबिंबित करते हैं रंग-बिरंगे अवस्था भूषण के रखता संगीत और घुंघरू की झंकार स्वर्णिम घरों में जीवंतता पैदा कर देती है।यहां का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां मेले का आयोजन ना किया जाता हो ये मेले रंगों के आनंद से भरपूर होते हैं। रात ढलते ढलते गाना बजाना नाचना और विभिन्न प्रकार के मनोरंजन मेले की छटा को और भी मनमोहन बना देते हैं आइए जानते हैं राजस्थान के कुछ प्रमुख मेलों के बारे में।

मरू उत्सव
राजस्थान के जैसलमेर जिले में मनाया जाता है रेत के टीलों पर चांदनी रात में यहां स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा रेत के टीलों पर अपनी लोक कला का प्रदर्शन किया जाता है इस अवसर पर राजस्थान पर्यटन विकास निगम पर्यटन गांव स्थापित करता है ।पटवों की हवेली, सालिम सिंह की हवेली और जैन मंदिर पर्यटन स्थल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होते हैं। जोधपुर निकटतम हवाई अड्डा है जो यहां से 285 किलोमीटर दूर है।
तीज फेस्टिवल

तीज महोत्सव का आयोजन मानसून के आगमन की खुशी में अगस्त माह में जयपुर में किया जाता है। पेड़ों पर झूले डाले जाते हैं और उन्हें फूलों से सजाया जाता है कुंवारी लड़कियां वर्षा ऋतु और प्रेम रस के गीत गाती है। यह उत्सव पार्वती को समर्पित है और भगवान शिव और पार्वती के मिलन के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

कपिल मुनि का मेला

कोलायत झील के किनारे बीकानेर के कोलायत नामक स्थान पर यह मेला हर साल अक्टूबर और नवंबर महीने में मनाया जाता है। कोलायत झील 50 घाटों से घिरी हुई है ।श्रद्धालुओं का मानना है कि कार्तिक माह में इस पवित्र सरोवर में स्नान करने से उन्हें मोक्ष प्राप्त होगा संत कपिल मुनि की पूजा के साथ-साथ इस अवसर पर यहां एक पशु मेले का आयोजन भी किया जाता है।
रामदेव जी का मेला
यह मेला राजस्थान के जैसलमेर के निकट रामदेवरा में भरता है। यह मेला हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है क्योंकि हिंदू और मुसलमान दोनों श्रद्धालु रामदेव जी के समाधि पर रंग बिरंगे झंडे और कपड़े चढ़ाते हैं यहां अनेक श्रद्धालु मेले में भाग लेने के लिए पैदल चलकर रामदेवरा पहुंचते हैं। मुस्लिम समाज के लोग रामदेव को रामसापीर के रूप में पूजते हैं।

ऊंट उत्सव
राजस्थान के डेजर्ट सिटी बीकानेर में प्रतिवर्ष जनवरी माह में उत्सव आयोजित किया जाता है। मरुस्थल के जहाज की सुंदरता के प्रदर्शन का यह उत्सव विश्व के अन्य भागों में उपलब्ध नहीं है। जनवरी का महीना कैमल सफारी के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।