ताजमहल की नींव लकडी के प्लेटफार्म पर टिकी है, जाने ऐसी कुछ और अनसुनी बातों के बारें में

अगर प्यार की कोई बेहतरीन निशानी का जिक्र चलता है तो भारत में ताजमहल सबसे ऊपर रहता है।यह शाहजहां का अपनी बेगम की याद में बनवाया गया वास्तुकला का एक नायाब तोहफा था जो मोहब्बत करने वालों को आज भी कई सबक सिखाता है। ताजमहल के बारे में एसी कई बातें हैं जिनके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी किसी को नहीं हैं। आईये जानते हैं ताजमहल के बारे में कुछ रोचक बातों को...

- ताजमहल 1622 में बनना शुरू हुआ और 1653 में बनकर तैयार हुआ इस तरह 32 सालों में ताजमहल के निर्माण पर लगभग तीन करोड रूपये खर्च हुए।

- ताजमहल को बनाने में कई जगह से भवन निर्माण सामग्री लायी गयी। कहा जाता है कि इस सामग्री को लाने के लिए लगभग एक हजार हाथीयों की मदद ली गयी ।

- ताजमहल को बारीकी सबसे देखने पर पता चलता है कि इसकी चारों मीनारें बाहर की तरफ झुकी हुई हैं। ऐसा इसलिये कि यदि भविष्य में कभी भूकम्प आये तो ये मीनारें मुख्य गुम्बद के ऊपर ना गिरें। ताजमहल की नींव लकडी के प्लेटफार्म पर टिकी हुई है। यह आश्चर्य का बात है कि लगभग 400 साल बाद भी ताजमहल लकडी की नींव पर मजबूती से खड़ा है।

पहले ताजमहल को बुरहानपुर में बनाने का निर्णय लिया गया पर वहां संगमरमर ,जो कि राजस्थान के मकराना से आने वाला था के पहुंचने में परेशानी के कारण आगरा में बनवाया गया। बुरहानपुर में ही शाहजहां की पत्नि मुमताज की मौत हुई थी।

ताजमहल के पत्थर समय के अनुसार रंग बदलते हैं यदि आप इसे सुबह देखेंगे तो यह गुलाबी दिखता है , शाम को दूधिया सफेद दिखता है और रात को सुनहरा दिखाई देता है।