मानसून में बिहार के इन शहरों और वाटरफॉल को देखकर खिल जाता है मन, कई गुना बढ़ जाती है खूबसूरती

बिहार का नाम सुनते ही सबसे पहले लिट्टी-चोखा और फिर बुद्ध की नगरी का ख्याल आता है। यह राज्य अपने आप में एक विस्तृत खजाना है जो पवित्र, ऐतिहासिक और अद्भुत जगहों के रूप में भी फेमस है। बिहार में ऐसी कई हसीन और लोकप्रिय जगहें मौजूद हैं जहां सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि विदेशी सैलानी भी समय-समय पर घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं। पटना और बोधगया जैसे शहरों में तो हर रोज पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं।

बिहार में कुछ ऐसी भी जगहें हैं जहां मानसून में जाने का एक अलग ही मजा होता है। मानसून के इन जगहों की खूबसूरती चरम पर होती है। करीब 17 सालों बाद ऐसा हुआ है कि समय से पहले ही बिहार में मानसून आ गया है। मानसून की एंट्री हो चुकी हो और बिहार के वाटरफॉल्स पर स्थानीय लोगों की भीड़ ना उमड़े ऐसा कैसे हो सकता है। जब भी वाटरफॉल्स की बात होती है तो अक्सर लोग बिहार का नाम लेना ही भूल जाते हैं।

आज हम अपने पाठकों को बिहार के कुछ ऐसे शहरों और झरनों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें मानसून के मौसम में देखने का अपना एक अलग अंदाज है। जिनकी सुन्दरता मानसून के समय कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है। इन झरनों और शहरों को देखने के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों का हुजूम उमड़ पड़ता है।

काकोलट वाटरफॉल

बिहार और झारखंड की सीमा के नजदीक नवादा जिले से 35 किमी दूर यह वाटरफॉल चारों तरफ हरे-भरे वन क्षेत्र से घिरा हुआ है। बारिश के दिनों में तो यहां इतनी हरियाली होती है कि देखकर लगता मानों यह पूरा क्षेत्र गहरे हरे रंग की चादर ओढ़े हुए है। मकर संक्रांति के समय यहां 3 दिवसीय मेला भी लगता है। यह वाटरफॉल बिहार के सबसे बेहतरीन झरनों में गिना जाता है। करीब 150 से 160 फीट की ऊंचाई से नीचे जलाशय में गिरने वाला झरना मानसून के समय काफी मनमोहक दिखायी देता है।

तेलहर वाटरफॉल

तेलहर वाटरफॉल भी कैमूर जिले में मौजूद है जो कैमूर वाइल्डलाइफ अभ्यारण्य का हिस्सा है। यह झरना दुर्गावती नदी के उद्गम स्थल के करीब है। झरना 80 मीटर की ऊंचाई से नीचे तेलहर कुंड में गिरता है। मानसून के समय चारों तरफ प्राकृतिक सुन्दरता अपनी अनोखी छटा बिखेरती है। हरियाली और पक्षियों की चहचहाहट पर्यटकों को इस जगह की तरफ आकर्षित करती है। हालांकि इस कुंड या झरने में नहाने की पर्यटकों को अनुमति नहीं होती है।

कशिश वाटरफॉल

राजधानी पटना से 175 किमी दूर बिहार के रोहतास जिले में स्थित इस झरने की ऊंचाई लगभग 800 फीट है। कैमूर पहाड़ियों की वादियों में मौजूद यह झरना अपने आप में प्राकृतिक सुन्दरता को समेटे हुए है। इस झरने की विशेषता यह है कि 4 धाराओं के संगम के बाद यह झरना अपना वास्तविक आकार प्राप्त करता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस झरने में नहाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है।

करकटगढ़ वाटरफॉल

कैमूर की पहाड़ियों के पास मौजूद यह वाटरफॉल दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ पिकनिक पर जाने के लिए बेस्ट जगह है। इस वाटरफॉल की सुन्दरता की सराहना कई विदेशियों ने भी अपने यात्रा संस्मरण में की है। करकटगढ़ झरना कर्मनाशा नदी पर मौजूद है। इस झरने की ऊंचाई करीब 30 मीटर और चौड़ाई 91 मीटर है। इस झरने पर कई वाटरबेस्ड एक्टिविटीज जैसे बोटिंग, तैराकी और मछली पकड़ना भी होते हैं।

मंझर कुंड वाटरफॉल

बिहार के रोहतास जिले में सासाराम से महज 4 किमी दूर मंझर कुंड मानसून के समय बारिश के पानी से लबालब भरा रहता है। इस समय कुंड में गिरने वाला झरना भी पूरी तरह से पानी से भर जाता है। अगर वीकेंड पर गर्मी से बचने के लिए किसी जगह की तलाश कर रहे हैं तो इस कुंड पर जरूर जाएं। यहां आपको प्रकृति के बीच एक अलग ही नजारा दिखेगा। सासाराम से 10 किमी दूर कैमूर की पहाड़ियों पर धुंआ कुंड भी है जहां आप गर्मी से राहत पाने के लिए वीकेंड पर घूमने जरूर जा सकते हैं।

यह तो थे बिहार के कुछ ऐसे लोकप्रिय झरने जो बारिश के मौसम में अपनी प्राकृतिक छटा से पर्यटकों को अपनी ओर बुलाते हैं। अब डालते हैं कुछ ऐसे शहरों पर नजर जो प्राकृतिक सुन्दरता का बेहतरीन नजारा पेश करते हैं।

राजगीर

बिहार में घूमने की बात होती है तो सबसे पहले राजगीर का नाम जरूर शामिल रहता है। यह बिहार का एक ऐसा शहर है जहां हर मौसम में सैलानी घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं। खासकर, सर्दी और मानसून के मौसम में हजारों पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं।

हसीन पहाड़, घंटे जंगल और प्राचीन गुफाएँ राजगीर की खूबसूरती में चार चांद लगाने का कम करते हैं। खासकर पहाड़ और घने जंगलों को मानसून के समय एक्सप्लोर करने के लिए लाखों की संख्या में सैलानी पहुंचते हैं। राजगीर में आप ग्रिधाकुटा, शांति स्तूप, साइक्लोपियन दीवार और सोन भंडार जैसी जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं। इसके अलावा शीशा का पुल भी आकर्षण का केंद्र रहता है।

कैमूर

घूमने के मामले में कैमूर को बिहार का खजाना माना जाता है। बिहार का यह एक ऐसा शहर है जहां मानसून के समय कुछ अलग ही नजारा होता है। यह नेचर लवर्स के बीच काफी फेमस माना जाता है। कहा जाता है कि इस शहर की खूबसूरती के आगे बिहार का कोई भी शहर टक्कर नहीं दे सकता है। मानसून में बहती नदी, झील, झरने और पक्षियों की आवाज किसी को भी अपना दीवाना बन सकती हैं। इसलिए कई लोग कैमूर की पहाड़ियों को बिहार का जन्नत ही मानते हैं। कैमूर में आप कैमूर श्रृंखला, करकट जलप्रपात, तेलहार कुंड और कैमूर नेशनल पार्क जैसी बेहतरीन जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं। यहां आप ट्रैकिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं।

वाल्मीकि नगर

वाल्मीकि नगर बिहार के पश्चिम चंपारण जिले की छोटी, लेकिन बेहद ही खूबसूरत और हसीन जगह है।नदियों और नेपाल की सीमा के पास में मौजूद होने के चलते यह स्थान पर्यटकों के लिए बेहद ही खास माना जाता है। वाल्मीकिनगर और नेपाल की सीमा जो नदी अलग करती है उस नदी के किनारे-किनारे हजारों पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं। आपको बता दें कि वाल्मीकिनगर घंटे और खूबसूरत जगंलों के लिए काफी फेमस है। इसके अलावा वाल्मीकिनगर जंगल टाइगर रिज़र्व के लिए फेमस फेमस है।

घूमने की अन्य जगहें

रामशिला पहाड़ी

बिहार की रामशिला पहाड़ी खूबसूरती का सबसे अच्छा उदाहरण है। यह गया के विष्णुपद मंदिर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रामशिला अपने अनोखे मंदिरों की उपस्थिति के साथ बिहार के टॉप हिल स्टेशनों में भी गिनी जाती है। प्राकृतिक रूप से सजी इस पहाड़ी का असली महत्व तो वही लोग जानते हैं, जो हर वीकेंड ऐसी पहाड़ियों पर उछल कूद करते हुए ऊपर चोटी तक चढ़ जाते हैं और फिर मस्ती के साथ नीचे उतर आते हैं।

गुरपा की चोटी

बिहार के गया में स्थित गुरपा गांव हिल स्टेशन में गिना जाने वाला गांव है। यहां रहने वाले लोग इस जगह को कुक्कुटपदगिरि के नाम से भी जानते हैं। भगवान बुद्ध का एक मठ बिहार के सारनाथ में स्थित है, उनकी महिमा से मानों पूरा बिहार जगमगा जाता है। बिहार का यह हिल स्टेशन खूबसूरत हिंदू मंदिरों और बौद्ध अवशेषों से घिरा हुआ है।

प्राग्बोधि हिल स्टेशन

गया के किरियामा गांव के पास मौजूद प्राग्बोधि हिल स्टेशन बेहद ही खूबसूरत जगहों में गिना जाता है। जिसे धुंगेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। प्राग्बोधि को ज्ञान प्राप्ति के लिए भी जाना जाता है। यहां एक गुफा और मंदिर भी स्थित है।