उत्तराखण्ड को देवभूमि कहा जाता है और सच में यह किसी देवभूमि से कम नहीं है। चारों और हिमालय की चोटियां नीले आसमान के साथ बहुत सुंदर दिखाई देती हैं।कहीं कहीं इन चोटियों पर बादलों की चहल कदमी स्वर्ग का स अहसास करती हैं। कल कल करती नदियां, पाइन और देवदार के पेड़,रात को झींगुरों की आवाज एक नया ही संगीत पैदा कर देती हैं। उत्तराखण्ड में स्थित बद्रीनाथ धाम भी इन सब खूबियों से भरपूर है। साथ ही बद्रीनाथ के आस पास ऐसे कई स्थान हैं जो पर्यटकों को बहुत ही पसंद आते हैं आइये जानते हैं बद्रीनाथ एवं उसके आस पास स्थित कुछ महत्वपूर्ण जगहों के बारे में...
बद्रीनाथहिंदुओं के प्रसिद्ध तीर्थों में से एक बद्रीनाथ चारधामों में से एक है। यह उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित है। यहां भगवान विष्णु विराजमान हैं। पास ही माना गांव है जो भारतीय सीमा का आखिरी गांव है। इसके बाद नीति पास शुरू हो जाता है जहाँ तिब्बत की सीमा लगती है। इस गांव में व्यास गुफा,गणेश गुफा, भीमबली एवं वसुधारा देखने लायक हैं। यहीं से अलकनंदा तथा सरस्वती नदी भी निकलती है।
फूलों की घाटीबद्रीनाथ के रास्ते में ही गोविंदघाट से फूलों की घाटी का मार्ग निकलता है। यहां जून और जुलाई में विभिन्न प्रकार के फूल खिल उठते हैं। फूलों की घाटी को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल में भी शामिल किया गया है।
हेमकुंड साहिबगोविंद घाट से ही सिक्खों के तीर्थ हेमकुंड साहिब मार्ग जाता है। यह भी वर्ष के कुछ दिनों के लिए ही खुल रहता है। भारी बर्फ बारी के कारण हेमकुंड साहिब बर्फ से ढका रहता है।
हर्षिल
यह गढ़वाल के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री मार्ग पर एक सुंदर स्थान है जो अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहाँ सेब के काफी बागान हैं। सड़क के किनारे किनारे भागीरथी नदी चलती है जो बहुत ही सुंदर लगती है।
मुखवागंगोत्री मार्ग पर ही यह छोटा सा गांव स्थित है जो चारों और से हिमालय से घिरा हुआ है। यहां रुककर पहाड़ी गांवों की संस्कृति को नजदीक से जाना जा सकती है।