इन धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता हैं जम्मू-कश्मीर, श्रद्धालुओं को करते हैं आकर्षित

जब भी कभी पर्यटन की बात की जाए तो जम्मू-कश्मीर का नाम जरूर लिया जाता हैं जिसे धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है। यहां की खूबसूरत वादियां, प्राकृतिक दृश्य इतने मनोरम होते हैं कि पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। यहां पर्यटक भारत देश के अलग-अलग कोबे के अलावा विदेश से भी आया करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर को धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता हैं। ये मंदिर एक समृद्ध इतिहास का निर्माण करते हैं और इन शानदार मंदिरों के द्वारा आश्चर्यजनक स्थानों में बेहतरीन शिल्पकारों द्वारा निर्मित और आध्यात्मिक आभा बिखरी हुई है। आज इस कड़ी में हम आपको जम्मू-कश्मीर के उन धार्मिक स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...

रणबीरेश्वर मंदिर

रणबीरेश्वर मंदिर जम्मू का एक बेहद प्रसिद्ध मंदिर है। यह भगवान शिव को समर्पित है और जम्मू और कश्मीर सिविल सचिवालय के सामने स्थित है, जो शलमार रोड पर है। इस मंदिर में क्रिस्टल के बारह शिव लिंगम हैं। तत्कालीन राजा द्वारा निर्मित, राजा रणबीर सिंह, जो भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे, ने मंदिर में साढ़े सात फीट ऊंचे क्रिस्टल लिंगम की स्थापना की। मंदिर की एक और प्रमुख विशेषता यह है कि इसकी तीन दीवारें सोने की बनी हुई हैं। और दो दीवारें गणेश और कार्तिकेय के चित्रों से सजी हैं। नंदी बैल के साथ मंदिर में कई शिव लिंग हैं। स्थानीय लोगों के बीच यह माना जाता है कि बैल के कानों में फुसफुसाए जाने पर आपकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। 1883 की कला और वास्तुकला को दर्शाते हुए, यह अलग-अलग जंगलों वाली पहाड़ियों का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।

मार्तण्ड

अनंतनाग और पहलगाम के रास्ते में स्थित भगवान शिव के मंदिर मट्टन से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मार्तण्ड में सूर्यदेव को समर्पित मंदिर है। इस मंदिर का ज्यादातर हिस्सा खंडहर की तरह हो गया है। यह मंदिर अपने वैभवाकाल में कितना विशाल और समृद्ध रहा होगा, इसका अंदाजा इसके खंडहरों को देखकर लगाया जा सकता है। आज भी इस मंदिर के 84 प्रकोष्ठ देखें जा सकते हैं।

वैष्णो माता मंदिर

चित्रकूट की पहाड़ियों में समुद्र तल से 1560 मीटर की ऊंचाई पर प्रमुख माता वैष्णो देवी की पवित्र मंदिर स्थित हैं। यह धार्मिक स्थल एक 13 किलोमीटर का ट्रैकिंग डेस्टिनेशन के लिए जाना जाता है। यह गुफा मंदिर 108 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यह पवित्र हिंदू मंदिर केवल जम्मू कश्मीर में ही नहीं बल्कि पूरे भारत के साथ-साथ पूरे विश्व में प्रमुख तीर्थ स्थलों की सूची के अंतर्गत आता है। यहां पर तीर्थयात्री हर साल लाखों की संख्या में आया करते हैं।

रघुनाथ मंदिर

जम्मू में रघुनाथ मंदिर एक बेहद ही महत्वपूर्ण मंदिर है जो विष्णु के आठवें अवतार ’राम’ का है, जिन्हें डोगरा समुदाय का संरक्षक देवता माना जाता है। रघुनाथ मंदिर के पास के क्षेत्र में महाकाव्य रामायण से संबंधित देवी-देवताओं के छोटे मंदिरों का समूह है। रघुनाथ मंदिर का परिसर उत्तर भारत का सबसे बड़ा मंदिर परिसर हैं। इस मंदिर के निर्माण को पूरा होने में 1835 ईस्वी से 1860 ईस्वी तक लगभग 25 साल लग गए। इस मंदिर के सौंदर्य के पीछे प्रमुख वास्तुकार महाराजा गुलाब सिंह और पुत्र महाराजा रणबीर सिंह थे। यह मंदिर जम्मू शहर का केंद्र फतहु चौगान पर स्थित है।

अवंतिपुर

जम्मू-कश्मीर स्थित अवंतिपुर एक ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल है। यहां 9वीं शताब्दी में बने मंदिरों के खंडहर और अवशेष बाकी हैं। यहां भगवान शिव को समर्पित मंदिर अवंतिश्वर और अवंतिस्वामि मंदिर हैं। इन मंदिरों के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि इनका निर्माण कार्य प्रथम उत्पल राजा सुखवर्मन के बेटे अवंतिवर्मन ने कराया था।

अमरनाथ

अमरनाथ गुफा भगवान शिव के तीर्थ स्थल के लिए जाना जाता है यह गुफा प्रकृतिक रूप से बर्फ से निर्मित शिवलिंग के लिए जाना जाता है। ऐसा इस अमरनाथ गुफा के बारे में माना जाता है, कि यह कश्मीर का सबसे पुराना एवं पवित्र तीर्थस्थल है। यह एक रहस्य से जुड़ा हुआ गुफा है यहां पर हर साल श्रद्धालुओं की संख्या काफी ज्यादा मात्रा में होती

मां ज्वाला देवी मंदिर

हिमाचल से अलग कश्मीर में भी भगवती ज्वाला देवी मंदिर स्थित है। पौराणिक काल का यह मंदिर दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के ख्रियु में स्थित है। यह मंदिर कश्मीरी पंडितों की आराध्य देवी को समर्पित है। किंतु करीब तीन साल पहले रहस्यमयी परिस्थियों में इस मंदिर में आग लग गई और जिससे इस मंदिर को बहुत क्षति हुई है।

महामाया मंदिर

महामाया मंदिर जम्मू के प्रमुख धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ जम्मू का एक पर्यटक स्थल भी हैं। इस मंदिर में बाकी मंदिरों की भांति किसी देवी देवता की मूर्ति स्थापित नहीं है बल्कि यह मंदिर डोगरा समुदाय के एक स्वतंत्रता सेनानी के बलिदान के याद में बनाया गया है। इस मंदिर का डिजाइन एवं यहां से दिखने वाली दृश पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।