पाकिस्तान में भी है हिन्दू मंदिर, दर्शाते है अपना अनोखा इतिहास

भारत और पाकिस्तान एक ही जमीन के दो हिस्से हैं और वर्तमान समय में दोनों देशों के बीच कई अनबन हैं। हांलाकि दोनों देशों का इतिहास कहीं ना कहीं साथ ही जुड़ा हुआ हैं। इन्हीं इतिहास को दर्शाते हैं पाकिस्तान के हिन्दू मंदिर । जी हाँ, पाकिस्तान में भी कई हिन्दू मंदिर हैं जो अपने इतिहास से आज भी जीवित हैं। हाल ही में, करतारपुर साहिब कॉरिडोर के बाद से ही अन्य हिन्दू मंदिर में भी जाने की आस जगी हैं। आज हम आपको पाकिस्तान के कुछ प्रसिद्द मंदिर ों की जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।

पंचमुखी हनुमान मंदिर, कराची
1500 साल पुराना हनुमान के पांच सिर वाली मूर्ति वाला मंदिर भी कराची के शॉल्जर बाजार में बना है। इस मंदिर में जोधपुर की नक्काशी की झलक दिखाई देती है।

हिंगलाज माता मंदिर, बलूचिस्तान
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगोल नदी के किनारे बसे हिंगलाज मंदिर स्थित है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि यहां पर देवी सती का ब्रह्मरंध्र (मस्तिष्क) गिरा था। इस मंदिर के भगवान श्रीराम ने भी दर्शन किए थे। मनोरथ सिद्धि के लिए गुरु गोरखनाथ, गुरुनानक देव जैसे आध्यात्मिक संत यहां आ चुके हैं।

गोरखनाथ मंदिर, पेशावर
पाकिस्तान के पेशावर में मौजूद ये ऐतिहासिक मंदिर 160 साल पुराना है। ये बंटवारे के बाद से ही बंद पड़ा था और यहां रोजाना का पूजा-पाठ भी बंद पड़ा था। पेशावार हाई कोर्ट के आदेश पर छह दशकों बाद नवंबर 2011 में इसे दोबारा खोला गया।

कटासराज मंदिर, पंजाब
पाकिस्तान के पंजाब में स्थित कटासराज मंदिर हिदुओं के लिए पवित्र स्थल है। मान्यता है कि माता सती के वियोग में भगवान शिव जब रोए थे तब उनकी आंखों से दो बूंद आंसू गिरे थे। पहला आंसू कटास में और दूसरा आंसू अजमेर में टपका था। यहां जो मंदिर है, वह 900 साल पुराना बताया जाता है।