दिल जीत लेगा राजस्थानी शहरों का जायका, घूमने जाएं तो जरूर ले इनका स्वाद

राजस्थान की धरती को अपने इतिहास, कला, संस्कृति, पहनावे क साथ ही खानपान के लिए भी जाना जाता हैं जहां हर क्षेत्र का अपना अलग रूतबा हैं। राजस्थान में जब भी कभी कोई मेहमान आता हैं जो उसका स्वागत-सत्कार किया जाता हैं और उनके सामने प्रदेश के प्रसिद्द व्यंजन रखे जाते हैं। प्रदेश का दाल-बाटी-चूरमा तो विश्व में प्रसिद्द हैं ही लेकिन इसी के साथ ही हर क्षेत्र अपने विशेष व्यंजन के लिए जाना जाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको इन्हीं से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं। ऐसे में आप राजस्थान घूमने जाए तो इन व्यंजनों का स्वाद जरूर लें। तो आइये जानते हैं राजस्थान के विभिन्न शहरों के अनूठे जायकों के बारे में...

जयपुर का मिश्री मावा और रबड़ी घेवर

जयपुर अपने स्वादिष्ट, मसालेदार और चटपटे भोजन के लिए काफी विख्यात है। जयपुर में होकर अगर जयपुरी गट्टा और घेवर नहीं खाया तो बेकार है। जयपुर के गट्टे की सब्जी पूरी के साथ एक बार तो जरूर खाएं। इसके अलावा दाल बाटी-चूरमा भी यहां की शान है। खानें के शौकीनों के लिए नेहरू बाजार और जौहरी बाजार सबसे अच्छी जगह है। अगर आप मिठाईयों के शौकीन हैं तो यहां के बने रबड़ी-पनीर के घेवर का एक पीस जरूर चखें। जयपुर का मिश्री मावा पूरी दुनिया में काफी लोकप्रिय हैं।

करौली की गजक

भरतपुर के करौली जिले की गजक नहीं खाई तो क्या खाया। गुड़ से बनी स्वादिष्ट ये गजक मुंह में रखते ही घुल जाती है। यहां की गलियों में गजक की महक पसरे रहती है।

नसीराबाद का कचौरा

कचौरी तो सब जगह मिल जाती है कहीं मावे की, कहीं प्याज की तो कहीं हींग की, लेकिन क्या कभी किसी कचौरे के बारे में सुना है। अगर अजमेर के नसीराबाद शहर के जायके की बात की जाए तो यहां कचौरी नहीं कचौरा बनाया जाता है। जी हां कचौरा। जो बेहद ही बड़े आकार का होता है और उसमें कई तरह की चटनियां डाली जाती है। एक बार उसे खा लिया जाए तो उसका स्वाद कभी नहीं भूला जा सकता।

बीकानेर के रसगुल्ले और भुजिया

बीकानेर शहर के अगर जायके की बात की जाए तो वो दुनिया में अपने रसगुल्लों, भुजिया और पापड़ के लिए विशेष पहचान रखता है। यहां के बने स्वादिष्ट रसगुल्ले मन को मिठास से भर देने वाले होते हैं। यहां की बीकानेरी भुजिया तो सभी जगह बीकानेरी नमकीन के नाम से मशहूर है।

कोटा कचौरी

पूरा देश भले ही पिज्जा और बर्गर का दीवाना हो, लेकिन कोटा के लोगों की जुबान पर कोटा कचौरी का जायका ही छाया हुआ है। उदड़ की दाल से बनने वाली इस खास कचौरी के जायके का सफर रियासतकाल में शुरु हुआ जो आधुनिकता की निशानी समझे जाने वाले खाने-पीने पर भी भारी पड़ गया। इसका अंदाज इसी बात से लगा सकते हैं कि कोटा में 350 से ज्यादा दुकानों और करीब इतने ही ठेलों पर हर रोज चार लाख से ज्यादा कचौरियां बिकती हैं। जिन्हें लोग बड़े चाव से खाते हैं।

अजमेर की प्रसिद्ध कढ़ी कचौरी

अजमेर के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद भी आप कभी नहीं भूल सकते। चाहे वो यहां की कढ़ी कचौरी हो या पानी-पताशी। उनका तीखापन और चटपटा स्वाद वाकई लाजवाब है। यहां कचौरी के साथ दी जाने वाली कढ़ी का उसके साथ जो कॉम्बिनेशन और टेस्ट बनता है, वो कहीं और नहीं है।

अलवर का मिल्क केक

जितना अनूठा अलवर का नैसर्गिक सौंदर्य है, उतना ही अनूठा है अलवर का मिल्क केक। आम बोलचाल में कलाकंद के नाम से प्रचलित मिल्क केक दूध से बनी एक ऐसी मिठाई है जिसका नाम सुनकर ही मुंह में पानी आ जाता है। बेहद सामान्य सामग्री और सामान्य प्रक्रिया से बनने वाली इस मिठाई के मुरीद देश ही नहीं बल्कि विदेशों में है। इस मिठाई ने देश दुनिया में अलवर के नाम को एक नया आयाम भी दिया है। आज मिल्क केक का नाम आते ही सबसे पहले अलवर का नाम आता है। आज यह अलवर की पहचान बन गया है।

आमेर की गुजिया और मोटी (कडक़ी) सेव

जयपुर के आमेर में बनी गुजिया और मोटी सेव के क्या कहने। जब भी आमेर जाने का मौका मिले तो यहां की गुजिया और मोटी सेव का स्वाद लेना न भूलें। साथ ही यहां के मावे के पेडे भी काफी स्वादिष्ट होते है।

जोधपुर में गुलाबजामुन की सब्जी

रजवाड़ी शानो शौकत, शौर्य पराक्रम के लिए पहचाना जाने वाला राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर सूर्यनगरी यानी जोधपुर भी अपने स्वाद के लिए एक अनोखी पहचान रखता है। मेहरानगढ़, उम्मेद भवन पैलेस, छीतर पत्थर, हैंडीक्राफ्ट आइटम्स, बंधेज और मीठी बोली के साथ ही ये शहर अनूठे खान पान के लिए भी जाना जाता है। जोधपुर में देशी घी प्रमुखता से खाया जाता है और उतनी ही प्रमुखता से खाई जाती हैं यहां की मिठाइयां। लेकिन आपने कभी मिठाईयों की सब्जी के बारें में नहीं सुना होगा। ये सुनने में जितना अजीब है, उतना ही इसका स्वाद बेमिसाल है। जी हां, यहां मुख्य रूप से चक्की, गुलाबजामुन और रसमलाई की सब्जी बड़े चाव से खाई जाती है और उससे भी ज्यादा मनुहार के साथ खिलाई भी जाती है। जोधपुर अपने मावा कचौरी के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। सूखे मेवे और मावे से भरी, करारी तली हुई कचौरी को चासनी से ढक़ा जाता है। जोधपुर का मिर्ची वडा भी अपने स्वाद की छाप छोड़े हुए है।

सांभर की फीणी

एक ऐसी मिठाई जो केवल राजस्थान में ही बनाई जाती है जिसका नाम है फीणी। मुलायम तारों के गुच्छे जैसी दिखने वाली ये फीणी खाने में बड़ी ही स्वादिष्ट होती है। सांभर जिले की फीणी पूरी दुनिया में महत्व रखती है।