राम और रामायण आदि काल से लोगों की आस्था का केन्द्र रहे हैं। रामायण की माने तो अधर्मी रावण को मार कर प्रभु श्री राम ने धर्म की स्थापना की थी। वैसे कुछ लोगों का मानना है कि प्रभु श्री राम ने धरती पर जन्म लिया भी था या नहीं।
क्या रावण के सच मे दस सिर और बीस हाथ थे। क्या हनुमान जी अपना रूप मनचाहा बड़ा सकते थे। ऐसे कई सवाल है जो समय-समय पर लोगों के जेहान मे आते हैं। उसमे सबसे बड़ा सवाल है राम सेतु का जिसे श्री राम ने बना कर वानर सेना के साथ रावण की नगरी लंका पर हमला बोला था। आज हम आप को रामायण से जुड़े कुछ ऐसे तथ्यों से अवगत कराने जा रहे हैं जिसके बाद आप कह सकेंगे कि ये सब सत्य है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं श्री लंका में स्थित वे स्थान जो प्रमाणित करते है रामायण के कथनों को...
# विशालकाय हाथी :रामायण के सुंदर कांड अध्याय में लिखा है लंका की रखवाली के लिए विशालकाय हाथी करता था। जिन्हें हनुमान जी ने अपने एक प्रहार से धराशाही किया था। पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में ऐसे ही हाथियों के अवशेष मिले हैं जिनका आकार वर्तमान हाथियों से बहुत ज्यादा हैं।
# रावण का महल :पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में एक महल मिला है जिसे रामायण काल का बताया जाता है। रामायण लंका दहन का वर्णन है जब हनुमान जी ने पूरी लंका मे अपनी पूंछ से आग लगा दी थी। राम द्वारा रावण का वध करने के पश्चात विभीषण को लंका का राजा बनाया गया था। विभीषण ने अपना महल कालानियां में बनाया था। यह कैलानी नदी के किनारे स्थित था। नदी के किनारे पुरातत्व विभाग को उस महल के अवशेष मिले हैं।
# पुष्पक विमान स्थल :सिन्हाला शहर में वेरागनटोटा नाम की एक जगह है, जिसका मतलब ‘विमान उतरने की जगह’ होता है। कहते हैं कि यही वो जगह है, जहां रावण का पुष्पक विमान उतरता था।
# अशोक वाटिका :अशोक वाटिका वो जगह है जहां रावण ने माता सीता को रखा था। आज इस जगह को सेता एलीया के नाम से जाना जाता है, जो की नूवरा एलिया नामक जगह के पास स्थित है। यहां आज सीता का मंदिर है और पास ही एक झरना भी है। कहते हैं देवी सीता यहां स्नान किया करती थीं। इस झरने के आसपास की चट्टानों पर हनुमान जी के पैरों के निशान भी मिलते हैं।
# सांप के सिर जैसी गुफा :रावण जब माता सीता का अपहरण कर श्रीलंका पहुंचा तो सबसे पहले सीता जी को इसी जगह रखा था। इस गुफा का सिर कोबरा सांप की तरह फैला हुआ है। गुफा के आसपास की नक्काशी इस बात का प्रमाण है।
# हनुमान गढ़ी :जहां हनुमान जी ने भगवान राम का इंतजार किया करते थे उसे हनुमान गढ़ी के नाम से जाना गया। रामायण में इस जगह के बारे में लिखा है। अयोध्या के पास इस जगह पर आज एक हनुमान मंदिर है जो हनुमान गढ़ी के नाम से प्रसिद्ध है।
# राम सेतु :रामायण और प्रभु श्री राम के होने प्रमाण राम सेतु है। समुद्र के ऊपर श्रीलंका तक बने इस सेतु के बारे में रामायण में लिखा है। इसकी खोज भी की जा चुकी है। ये सेतु ऐसे पत्थरों से बना है जो पानी मे तैरते हैं।