घूमने के दौरान प्लानिंग का हिस्सा बन चुका हैं ट्रैवल इंश्योरेंस, आपके बहुत काम आएगी इससे जुड़ी यह जानकारी

घूमना हर किसी को पसंद होता हैं। अपनी तनाव भरी जिंदगी से कुछ समय के लिए राहत पाने के लिए लोग घूमने जाना पसंद करते हैं। कई लोग हैं जो ट्रैवलिंग करने और घूमने का बहुत शौक रखते हैं और आए दिन किसी ना किसी जगह की यात्रा करने निकल जाते हैं। ऐसे में लोग आजकल इसकी पहले से प्लानिंग करने लगे हैं और इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता जा रहा हैं ट्रैवल इंश्योरेंस। जिस तरह से लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस होता है, उसी तरह से ट्रैवल इंश्योरेंस का भी उतना ही महत्व है। इसमें आप जिस तरह की पॉलिसी खरीदते हैं, आपको सुविधाएं भी उसी तरह की मिलती हैं। विदेश यात्रा करने वाले लोगों के लिए ट्रैवल इंश्योरेंस करवाना बहुत जरूरी है। यहां हम आपको ट्रैवल इंश्योरेंस से जुड़ी जरूरी जानकारी देने जा रहे हैं जो आपके बहुत काम आएगी।

क्या होता है ट्रैवल इंश्योरेंस?

ट्रैवल इंश्योरेंस कई तरह की इमरजेंसी जैसे मेडिकल खर्च के लिए कवरेज देता है। इस कवरेज में मेडिकल खर्च और चेक-इन में सामान संबंधी परेशानी होना या फिर यात्रा के समय सामान खो जाना इन ट्रैवल इमरजेंसी में फाइनेंशियल सहायता जैसे खर्च भी शामिल होते हैं। इससे आपको कई तरह के अन्य फायदे भी मिलते हैं। यह सभी यात्रा के जोखिम को भी कवर करता है। कई सारी कंपनियां ट्रैवल इंश्योरेंस देती हैं और उनका प्रीमियम चार्ज अलग-अलग होता है और सुविधाएं भी उसी के अनुसार होती है। आपको बता दें कि बीमा कंपनी आपको ट्रैवल इमरजेंसी में मुआवजा देती है और यह इंश्योरेंस सिर्फ विदेश यात्रा के लिए ही नहीं बल्कि घरेलू सफर के लिए भी मिलता है।

क्या-क्या कवर होता है

- यदि विदेश यात्रा के दौरान कोई एक्सीडेंट हो जाता है या बीमार पड़ जाते हैं तो आप तुरंत मेडिकल सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप नेटवर्क हॉस्पिटल में जाते हैं तो कैशलेस क्लेम की सुविधा मिल सकती है, जबकि नॉन नेटवर्क अस्पताल में इलाज कराने पर आप जरूरी दस्तावेजों के साथ रिइम्बर्समेंट क्लेम कर सकते हैं।
- अगर आपने ट्रेवल इन्शुरन्स लिया है तो इन्शुरन्स कंपनी उन सब खर्चों का भुगतान करेगी, जो आप पहले ही कर चुके हैं। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितना सम-इनश्योर्ड लिया है और आपके खर्चे कितने हो चुके हैं। जाहिर है यह भुगतान यात्रा रद्द करने के आपके दावे की प्रमाणिकता की जांच के बाद ही होगा।
- आप कही जा रहे हैं और आपका पासपोर्ट, सामान या डॉक्युमेंट्स गुम हो गए हो या किसी वजह से खराब हो गए हो। लेकिन अगर आपके ट्रैवल इंश्योरेंस है, तब आपको इन सब चीजों को लेकर टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। पासपोर्ट खो जाने की स्थिति में, आपका बीमा डुप्लीकेट या नया पासपोर्ट प्राप्त करने की लागत की हर एक चीज को पूरा करता है।
- सोचिए आप अपने वेकेशन पर हैं और आपका क्रेडिट/डेबिट कार्ड खो गया हो और आपको इसके इस्तेमाल करने की सूचना मैसेज के जरिए मिल रही हो, तब आप क्या करेंगे? खैर हम आपको डराना नहीं चाहते, बताना चाहते हैं कि यात्रा बीमा की मदद से घटना की पहली रिपोर्ट करने से 12 घंटे पहले तक चोरी किए गए भुगतान कार्ड के माध्यम से खोए हुए पैसे वापस मिल सकते हैं।

कैसे तय होता है प्रीमियम

आपके ट्रैवल इंश्योरेंस का प्रीमियम आपकी पसंद के प्लान के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है। आपकी ट्रिप कितने दिनों की है, सिंगल ट्रिप प्लान है, मल्टी ट्रिप प्लान है, स्टूडेंट्स प्लान है या सीनियर सिटीजन प्लान है, इन सभी प्लान के हिसाब से प्रीमियम डिसाइड होता है। इसके अलावा आप अपनी छुट्टियों के हिसाब से अपने ट्रैवल इंश्योरेंस प्लान में अतिरिक्त कवर डलवा सकते हैं। उदाहरण के लिए आप होम इंश्योरेंस जोड़ सकते हैं, महंगी चीजों और जरूरी दस्तावेजों के लिए कवर ले सकते हैं। हालांकि इन सभी अतिरिक्त कवर्स के लिए प्रीमियम भी ज्यादा लगेगा।

पॉलिसी खरीदते समय ध्यान रखें ये बातें

अगर आप ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदने का मन बना चुके हैं तो पॉलिसी खरीदने से पहले ये जरूर देख लें कि उसमें क्या-क्या कवर मिल रहा है। अपनी जरूरत के हिसाब से पॉलिसी का चुनाव करें। अगर आप भारत और विदेश, दोनों जगहों की यात्रा करते हैं, तो देख लें कि इसमें देश और विदेश यात्रा दोनों ही कवर हो रही हैं या नहीं। अगर आप सिर्फ देश के अंदर ही ट्रैवल करते हैं, विदेश घूमने का फिलहाल कोई प्लान नहीं है, तो उस हिसाब से पॉलिसी का चुनाव करें। इसके अलावा आपको इंश्योरेंस एजेंट से अपने मन में उठ रहे सभी संदेह और आशंका से जड़े सवाल जरूर करें। नियम और शर्तें क्या हैं, यह जानना बेहद जरूरी है। कई बार लोग इन नियमों और शर्तों पर ध्यान नहीं देते और बाद में इसके चक्कर में परेशानी में पड़ जाते हैं।

ये चीजें नहीं होती हैं कवर

इतनी तैयारी के साथ आप यात्रा पर जा रहे हैं और ट्रेवल इन्शुरन्स भी ले रहे हैं तो थोड़ा और स्मार्ट बनें। अपनी पॉलिसी के एक्सक्लूजन के बारे में भी पता कर लें। एक्सक्लूजन का मतलब उन स्थितियों से है, जिनके लिए आपको ट्रेवल इन्शुरन्स के तहत कवर नहीं मिलता। अपनी पॉलिसी को ध्यानपूर्वक पढ़ें, समझ न आए तो इन्शुरन्स कंपनी या एजेंट से भी स्पष्टीकरण ले सकते हैं, लेकिन कोई भी संदेह शेष नहीं बचना चाहिए। आमतौर पर निम्न स्थितियों जैसे पहले से मौजूद बीमारियां या स्थिति, युद्ध का जोखिम, आत्महत्या या पागलपन या खतरनाक खेल (एडवेंचर स्पोर्ट्स) के लिए आपको कवरेज नहीं मिलेगी।

विदेश यात्रा के दौरान क्लेम कैसे करें

आपकी तैयारी पुख्ता है और ट्रेवल इन्शुरन्स भी ले चुके हैं। अब प्रश्न है कि यदि विदेश में क्लेम लेने की जरूरत पड़ी तो क्या और कैसे करें? आमतौर पर इन्शुरन्स कंपनियां ट्रेवल इंशुरन्स के लिए हॉटलाइन नंबर उपलब्ध कराती हैं, जहां पर क्लेम के संबंध में सूचना दी जानी चाहिए। इसके साथ ही आपको संबंधित अधिकारियों और विभागों (जिनसे भी संबंधित मामला हो) को भी सूचित करना चाहिए, जैसे - पुलिस, भारतीय दूतावास, परिवहन कंपनी आदि। आमतौर पर प्रत्येक ट्रेवल हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी डॉक्यूमेंट के साथ एक क्लेम फॉर्म भी दिया जाता है। यह इसलिए, क्योंकि आप दूर स्थान पर होते हैं और इमरजेंसी में क्लेम फॉर्म हासिल नहीं कर सकते।

इन बातों पर करें गौर

- पॉलिसी खरीदने के लिए सिर्फ ट्रैवेल एजेंट के मुताबिक बताए कवर लेने की न सोचें। जहां तक हो सके ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाएं और अपना ऑप्शन खुद चुनें।
- अगर आप सस्ते ट्रैवल इंश्योरेंस खरीदने के चक्कर में हैं तो ऐसा करने से बचें, क्योंकि हो सकता है कि वो आपकी जरूरतों के मुताबिक पर्याप्त न हो।
- जिस तरह से आप वीजा और एयर टिकट की बहुत पहले से ही प्लानिंग करते हैं, उसी तरह से ट्रेवल इन्शुरन्स के लिए भी करें।
- जरूरी मेडिकल टेस्ट करवाने के बाद उसकी रिपोर्ट हासिल करें और ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी के प्रपोजल फॉर्म को पूरी तरह से और पूरी सच्चाई के साथ भरें।
- अपनी यात्रा की पूरी अवधि का आंकलन पहले ही कर लें और उसी के अनुरूप पूरी यात्रा अवधि के लिए ट्रेवल इन्शुरन्स प्लान लें।
- यदि आपको बीच में ही अपनी यात्रा अवधि बढ़ानी पड़ रही है तो ट्रेवल इन्शुरन्स पॉलिसी के समाप्त होने से पहले ही अपनी इन्शुरन्स कंपनी से संपर्क करें और जरूरी दस्तावेज जमा करके इन्शुरन्स अवधि को भी बढ़ा लें।
- अपनी इन्शुरन्स पॉलिसी को अच्छी तरह से पढ़ लें और क्लेम मदद करने वाली एजेंसी के कॉन्टेक्ट डिटेल अपने पास रख लें, ताकि इमरजेंसी से समय आप जल्दी से उनसे संपर्क कर सकें।