Diwali 2022 : हनुमान जी को याद किए बिना अधूरा हैं यह पर्व, करें इन मंदिरों के दर्शन

दिवाली का त्यौहार भगवान राम के वनवास काटकर अयोध्या लौटने पर देशभर में धूमधाम से मनाया जाता हैं। इसमें जहां राम और सीता को याद किया जाता हैं, वहीँ हनुमान जी को याद किए बिना यह पर्व अधूरा हैं। श्रीराम के भक्त और कलयुग के देव श्री हनुमान को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। भगवान हनुमान सबसे अधिक पूजनीय हिंदू देवताओं में से एक हैं। इस दिवाली अगर आप कहीं घूमने जाने का प्लान कर रहे हैं तो हनुमान मंदिरों के दर्शन करने पहुंच सकते हैं। देश में ऐसे कई ऐसे हनुमान मंदिर है जिनके संबंध में मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको हनुमान जी के कुछ प्रसिद्द मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।

हनुमानगढ़ी, अयोध्या

श्री हनुमान जी का भव्य पावन धाम जिसे लोग हनुमानगढ़ी के नाम से जानते हैं अयोध्या में स्थित है। श्रीरामजन्मभूमि के करीब यह मंदिर ऊंचे टीले पर स्थित है। जहां 60 सीढ़ियों को चढ़ने के बाद हनुमत के दर्शन होते हैं। हनुमान जी के इस मंदिर दर्शन के बगैर अयोध्या की यात्रा अधूरी मानी जाती है।

हनुमान मंदिर, इलाहबाद

इलाहबाद किले से सटा यह मंदिर लेटे हुए भगवान हनुमान की प्रतिमा वाला प्राचीन मंदिर है। इसमें हनुमान जी लेटी हुई मुद्रा में हैं। मूर्ति 20 फीट लम्बी है। जब बारीश में बाढ़ आती है तो मंदिर जलमग्न हो जाता है, तब मूर्ति को कहीं ओर ले जाकर सुरक्षित रखा जाता है।

हनुमान दंडी मंदिर, गुजरात

इस मंदिर में बजरंगबली मकरध्वज के साथ मौजूद हैं। मान्यता है कि मंदिर में मकरध्वज की मूर्ति हनुमाजन जी के मुकाबले पहले छोटी हुआ करती थी, लेकिन अब दोनों मूर्ति एक समान ऊंची हो गई है। मान्यता यह भी है कि अहिरावण ने भगवान श्रीराम-लक्ष्मण को इसी स्थान पर छिपाकर रखा था। जब हनुमानजी श्रीराम-लक्ष्मण को लेने के लिए आए, तब उनका मकरध्वज के साथ घोर युद्ध हुआ। अंत में बजरंगबली ने उसे परास्त कर उसी की पूंछ से उसे बांध दिया।

हनुमान धारा, चित्रकूट

उत्तर प्रदेश के सीतापुर नामक स्थान के समीप यह हनुमान मंदिर स्थित है और सीतापुर से हनुमान धारा की दूरी तीन किलोमीटर है। पहाड़ के सहारे हनुमानजी की एक विशाल मूर्ति के ठीक सिर के पास दो जल के कुंड हैं, जो हमेशा जल से भरे रहते हैं और उनमें से निरंतर पानी बहता रहता है। इस धारा का जल हनुमानजी को स्पर्श करता हुआ बहता है इसीलिए इसे हनुमान धारा कहते हैं।

बालाजी मंदिर, मेहंदीपुर

राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाडिय़ों के बीच बसा हुआ मेहंदीपुर है। यहीं बालाजी मंदिर है। यहां चट्टान पर स्वयंभू हनुमान जी की आकृति उभर कर आई हुई थी। इस स्थान को हनुमान जी का सबसे जाग्रत स्थान माना जाता है और यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर करीब 1 हजार साल पुराना है। यहां पर हनुमान जी के साथ ही भैरव बाबा, प्रेतराज सरकार और कोतवाल कप्तान की पूजा होती है। इस मंदिर की सीमा में प्रवेश करने से पहले आपको खाने-पीने की सभी चीजें बाहर रखनी होती है। अब यहां प्रसाद के रूप में पुड़ी और सब्जी मिलने लगी हैं, जिसे पहले हनुमान जी को भोग लगाया जाता है।

सालासर हनुमान मंदिर, राजस्थान

यह मंदिर राजस्थान के चूरू जिले में है। गांव का नाम सालासर है, इसलिए सालासर बालाजी के नाम यह प्रसिद्ध है। यह प्रतिमा दाड़ी व मूंछ वाली है। यह एक किसान को खेत में मिली थी, जिसे सालासर में सोने के सिंहासन पर स्थापित किया गया है।

उलटे हनुमानजी मंदिर, इंदौर

भारत की धार्मिक नगरी उज्जैन से केवल 30 किमी दूर स्थित है यह धार्मिक स्थल जहां भगवान हनुमान जी की उल्टे रूप में पूजा की जाती है। मंदिर में भगवान हनुमान की उलटे मुख वाली सिंदूर से सजी मूर्ति विराजमान है। सांवेर का हनुमान मंदिर हनुमान भक्तों का महत्वपूर्ण स्थान है यहां आकर भक्त भगवान के अटूट भक्ति में लीन होकर सभी चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं।

नारी स्वरूप हनुमान, बिलासपुर

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर से 25 किमी दूर पर स्थित है बजरंगी का यह पावन धाम। रतनपुर नाम के इस स्थान को महामाया नगरी के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि विश्व में हनुमान जी का यह अकेला ऐसा मंदिर है जहां हनुमान नारी स्वरूप में मौजूद हैं।

पत्नी के साथ मौजूद हनुमान, तेलंगाना

भले ही उत्तर भारत समेत दुनिया भर में हनुमान जी की साधना-अराधना एक बाल ब्रह्मचारी के रूप में की जाती हो लेकिन तेलंगाना में हनुमान जी को विवाहित माना पूजा जाता है। हैदराबाद से 220 किमी की दूर खम्मम जिला में हनुमानजी और उनकी पत्नी का मंदिर है। इस पावन धाम में बजरंग बली और उनकी पत्नी सुवर्चला की प्रतिमा विराजमान है। मान्यता है कि हनुमानजी और उनकी पत्नी के दर्शन से वैवाहिक जीवन मे आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।