भारत के हर हिस्से में मिलता हैं चाय का अलग अंदाज, जानें इसके बारे में

अधिकांश लोगों के सुबह की शुरुआत चाय के साथ ही होती हैं जिसकी चुस्कियां लेते हुए अखबार की सुर्खियां पढ़ने का अपना अलग ही मजा हैं। चाय एक ऐसा पेय है, जो भारत वासियों की हर तरह की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। हम हर चीज में चाय पीने का बहाना ढूंढ ही लेते हैं। इसी के साथ ही कई मानसिक और शारीरिक बिमारियों में भी चाय के सेवन का बहुत महत्व माना गया हैं। सड़कों पर आपको हर कुछ मीटर की दूरी पर चाय की दुकान देखने को मिल जाएगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश के हर क्षेत्र में चाय का अलग जायका चखने को मिलता हैं जो कि वहां की विशेषता होती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको देश की लाजवाब स्वाद देने वाली विभिन्न मशहूर चाय के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में...

दिल्ली की मुगलई चाय

भारत में लंबे समय तक मुगल शासकों का राज रहा है, ऐसे में उनके द्वारा पी जाने वाली चाय का भी हमारे देश में अलग ही क्रेज है। मुगलई चाय को अलग अंदाज में पकाया और परोसा जाता है, जिसकी वजह से उसका स्वाद सामान्य चाय के मुकाबले काफी अलग होता है। अगर आप मुगलई चाय पीना चाहते हैं, तो दिल्ली के जामा मस्जिद की तंग गलियों में मौजूद मोहम्मद आलम मुगलई चाय स्टॉल पर पहुंचें। यहां पर पिछले 50 सालों से मुगलई चाय बनाई और सर्व की जा रही है। इस चाय का स्वाद बहुत ही स्पेशल है। दिल्ली घूमने जाने पर एक बार मुगलई चाय जरूर पिएं।

नाथद्वारा की फुदीना चाय

राजस्थान में नाथद्वार श्रीनाथजी की हवेली के पास स्थित एक छोटा तीर्थ शहर है। जब भी आप श्रीनाथ जी मंदिर की ओर जाएंगे तो आपको ठेलों पर पुदीने के गुच्छे देखने को मिलेंगे। पुदीना या मिंट में पत्ते बड़े होते हैं, और इन्हें यहां पुदीना के बजाए फुदीना कहा जाता है। इस चाय को यहां कुल्हड़ों या मिट्टी के प्यालों में परोसा जाता है। पुदीने का तीखा स्वाद इंसान की नींद खोल देगा। आपको बता दें, पुदीने का ये किस्म सिर्फ इसी इलाके में पाया जाता है। आप जब भी नाथद्वार जाएंगे तो इस पुदीने वाली चाय की चुस्की लेना न भूलें।

असम की लाल चा

असम, सिक्किम, पश्चिम बंगाल से लेकर पूरे उत्तर-पूर्व भारत में, आपको लाल चा पीने को मिलेगी। ये एक सिंपल ब्लैक टी है जिसे बिना दूध के तैयार किया जाता है। इसमें चीनी भी बहुत ही कम मात्रा में डाली जाती है। चाय का रंग रेडिश ब्राऊन कलर का होता है और यही वजह है कि इसका नाम लाल चा रखा गया है। असम, अरुणाचल, मेघालय और सिक्किम में सबसे ज्यादा इस चाय का सेवन किया जाता है। अगर आप कभी असम या फिर उत्तर-पूर्व भारत घूमने जाएं तो लाल चा का स्वाद जरूर चखें। इसे पीने का एक अलग मजा है। इस टी का स्वाद हल्का कड़वा लगेगा, लेकिन इतना नहीं कि आपसे पिया न जाए। यह हेल्थ के लिए भी काफी अच्छी होती है। वैसे भी असम के टी गार्डन की चाय की पत्तियां विश्वभर में मशहूर हैं।

हिमाचल की कांगड़ा चाय

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा क्षेत्र में बनने वाली कांगड़ा चाय का स्वाद और खुशबू बहुत ही अलग होती है। इसे खासतौर से कांगड़ा के बागानों में ही उगाया जाता है। यही वजह है कि इस चायपत्ती को कांगड़ा चाय कहा जाता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होती है। कांगड़ा चाय का रंग आमतौर पर हल्के लाल रंग का होता है, जिसमें बहुत अच्छी खुशबू आती है। अगर आप कभी हिमाचल घूमने जाएं तो वहां की कांगड़ा चाय का स्वाद जरूर लें।

कश्मीर का कहवा

आपका कश्मीर ट्रिप कहवा के बिना अधूरा है - मसालों और सूखे मेवों वाली हल्की चाय से यहां आने वाले हर यात्री को प्यार हो जाता है। कश्मीर में आपको स्टॉल या हर होटल में लोग कहवा परोसते हुए दिख जाएंगे। यहां की बर्फ बारी को सहन करने के लिए इससे बेस्ट चाय और कोई नहीं हो सकती। चाय में दूध का इस्तेमाल नहीं किया जाता, स्वाद आपको पानी जैसा लगेगा, लेकिन फिर भी ये गर्मा गर्म चाय यहां की बेस्ट चाय मानी जाती है।

तमिलनाडु की मीटर चाय

तमिलनाडु कॉफी शहर है, जहां की लोकप्रिय चाय भी कॉफी स्टाइल में बनाई जाती है। चाय बनाने के लिए कई सामग्रियों को इसमें मिलाया जाता है। सामग्री को बारीकी से मिलाने की वजह से इस चाय को यहां मीटर चाय बोला जाता है।

कश्मीर की गुलाबी चाय

भारत में बनने वाली चाय का रंग आमतौर पर सुनहरा या गहरा होता है, लेकिन क्या आपने कभी गुलाबी रंग की चाय का स्वाद चखा है। इस चाय को नून चाय के नाम से भी जाना जाता है, जिसका स्वाद मीठा न होकर नमकीन होता है। गुलाबी चाय मुख्य रूप से कश्मीर में बनाई और परोसी जाती है, जिसे तैयार करने में काफी लंबा समय लगता है। गुलाबी चाय बनाने के लिए चायपत्ती, इलायची और अदरक का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे बिना दूध के पानी के साथ उबाला जाता है और फिर उसमें थोड़ी-सी मात्रा में बेकिंग सोडा मिला दिया जाता है। बेकिंग सोडा की वजह से गुलाबी चाय का स्वाद मीठा न होकर नमकीन हो जाता है, जिसे बाद में गर्म दूध और चीनी में मिलाकर कांच की गिलास में परोस दिया जाता है। इसके बाद चाय के ऊपर पिस्ता डालकर उसे सर्व किया जाता है, जो सर्दियों में शरीर को गर्माहट देती है। कश्मीर घूमने जाने पर गुलाबी चाय जरूर पिएं।

हैदराबाद की ईरानी चाय

शाम को चाय और बिस्किट का जो मजा है वो मजा आपको शायद किसी और स्नैक में देखने को मिल पाएगा। हैदराबाद की शानदार ईरानी चाय एक फारसी प्रभावित चाय है, जिसका स्वाद बेहद अनोखा होता है। हैदराबाद अपनी विशेष ईरानी चाय के साथ स्वादिष्ट केसर चाय परोसने के लिए भी प्रसिद्ध है।