कोई भारतीय हो और उसे विदेश जाना है, तो जाहिर है उसे वीजा की जरूरत पड़ेगी। लेकिन भारत में घूमने के लिए आपको किसी तरह के वीजा की जरूरत नहीं पड़ती हैं। जहां आपका मन हो, आप वहां घूमने जा सकते हैं। लेकिन भारतीय नागरिक होने के बावजूद देश के कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां जाने के लिए आपको इजाजत लेते हुए ILP परमिट लेना पड़ता हैं। भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास संवेदनशील जगहों के लिए आईएलपी परमिट जारी किया जाता है। असल में यह इन इलाकों की संवेदनशीलता की दृष्टि से बनाया गया नियम है। हम आपको इस कड़ी में देश के उन हिस्सों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के लिए आपको ILP परमिट लेने की जरूरत पड़ती हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...
अरुणाचल प्रदेशअरुणाचल प्रदेश की सीमाएं भूटान और चीन के साथ लगी हुई हैं, इसलिए, संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण यहां के कुछ खास जगहों पर घूमने के लिए आपके पास आईएलपी परमिट होना चाहिए। जो लोग यहां यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, वे संरक्षित क्षेत्रों के लिए परमिट अरुणाचल प्रदेश सरकार के रेजिडेंट कमिश्नर के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। अधिकतम 30 दिनों के लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपये की शुल्क में परमिट मिल सकता है।
लद्दाखअगर आप लद्दाख घूमने का प्लान बना रहे हैं तो बता दें कि नुब्रा घाटी, खारदुंग ला पास, त्सो मोरीरी लेक, पैंगाँन्ग त्सो लेक, दाह, हनु विलेज, न्योमा, टर्टूक, डिगर ला और तंग्यार जैसी खूबसूरत पर्यटक जगहों पर जाने के लिए भी आपको इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है। परमिट के लिए आपको राष्ट्रीयता प्रमाण की सेल्फ अटेस्टेड कॉपी और 30 रुपये देने होते हैं। इस परमिट की वेलिडिटी मात्र एक दिन की होती है।
नागालैंडनागालैंड, पूर्व में म्यांमार के साथ अपनी सीमा साझा करता है। यहां लगभग 16 जनजातियां भी रहती हैं जिनकी अपनी अलग भाषा, रीति-रिवाज है। नागालैंड अपनी प्राकृतिक संपदाओं के लिए काफी खूबसूरत स्थलों में से एक रहा है। यहां के कुछ सीमावर्ती इलाकों के लिए आपको ILP परमिट की जरूरत होती है। आप परमिट ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकते हैं। नागालैंड की सीमा को काफी संवेदनशील माना जाता रहा है।
लक्षद्वीप लक्षद्वीप में वैसे तो 36 द्वीप है, लेकिन घूमने की इजाजत सिर्फ 10 द्वीप में ही है। यह भारत की भूमि से लगभग 300 किलोमीटर दूर अरब सागर में स्थित है। यहां घूमने के लिए या यात्रा करने के लिए किसी भी व्यक्ति को यहां के इनर लाइन परमिट की आवश्यकता पड़ती है, जिसका चार्ज मात्र ₹50 प्रति आवेदन है और इसके लिए आपको अपने आईडी प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत पड़ेगी।
मिजोरममिजोरम की सीमा म्यांमार और बांग्लादेश के साथ मिलती है, यहां कई जनजातीय समुदाय भी निवास करता है। इस खूबसूरत गंतव्य की यात्रा करने के लिए भी आपके पास इनर लाइन परमिट होना अनिवार्य है, जिसे आप संपर्क अधिकारी, मिजोरम सरकार से प्राप्त कर सकते हैं। आइजोल के लेंगपुई हवाई अड्डे पर भी सुरक्षा अधिकारियों से विशेष पास प्राप्त किए जा सकते हैं।
सिक्किमसिक्किम की अंतरराष्ट्रीय सीमा तीन देशों के साथ लगती है। उत्तर और पूर्व में चीन, ईस्ट में भूटान और पश्चिम में नेपाल के साथ। सिक्किम में कुछ जगहों पर प्रवेश प्रतिबंधित हैं और एक भारतीय नागरिक को लाचुंग, त्सोमगो झील, नाथुल्ला, दोजोंग्री और गोइचला ट्रेक, युमथांग, युमसंगडोंग, थांगू / चोपता घाटी, गुरुडोंगमार झील जैसे संरक्षित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए एक इनर लाइन परमिट लेना पड़ेगा। नाथूला और गुरुडोंगमार झील के लिए परमिट पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा जारी किए जाते हैं। इसे बागडोगरा एयरपोर्ट और रंगपो चेक पोस्ट से ले सकते हैं। ट्रैवल एजेंट और टूर ऑपरेटर भी इस परमिट की व्यवस्था करते हैं।
मणिपुर दुनियाभर में आपको कई अजीब झीलें दिख जाएंगी, जिनके बारे जानकार आप हैरान रह जाएंगे। ऐसी ही एक झील मणिपुर में भी मौजूद है। इसे दुनिया की पहली तैरती झील के रूप में जाना जाता है। भारत के उत्तर-पूर्व में साफ पानी की झील के रूप में फेमस लोकतक झील में आपको कई बड़े-बड़े पत्थर दिखाई देंगे, जो देखने में बड़े ही दिलचस्प लगते हैं। इस जगह तक जाने के लिए भी इजाजत लेनी पड़ती है।