भागदौड़ भरी जिन्दगी में ऑफिस से छुट्टी मिलनी ही मुश्किल होती है। जीवनशैली में आपको अपने लिए समय निकालना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में खासकर युवाओं के लिए अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताना मुश्किल हो जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि एक स्कूल ऐसा भी है जहां लव लीव यानि प्यार की छुट्टी भी मिलती है। दुनिया में अनोखी परंपराएं और नियम बने हुए हैं। आज हम आपको बताते हैं वो किस देश का स्कूल है जहां लव लीव मिलती है और आखिर इस छुट्टी को देने की वजह क्या है।
इस देश में मिलती है लव लीव-प्यार की छुट्टी देने वाला स्कूल चीन में मौजूद है। यहां के जेहिआंग शहर के डींगलान एक्सपेरिमेंटल मिडिल स्कूल में लव लीव दी जाती है। जी हाँ ,इस देश में मोहब्बत के दीवानों को मिल रही हैं स्पेशल छुट्टियां। सुनकर हैरानी भी हुई होगी और खुशी। इसके पीछे छिपा है एक खास मकसद।इस स्कूल में ये छुट्टियां देने की वजह टीचरों को निजी जिन्दगी के लिए थोड़ा समय देना है ताकि वो अपने रिश्ते सुधार सकें। वहीं कुंवारी टीचरों को नए लोगों से मिलने और संभावित रिश्तों को समय देने के लिए ही ये लव लीव दी जाती हैं।
अकेली महिलाएंछुट्टी लेने की सुविधा का मजा आपको तभी मिलेगा जब आप एक खास शर्त पूरी करेंगे। शर्त में कहा गया है है कि जो भी यह छुट्टी लेना चाहता है उसमें शामिल कर्मचारी सिंगल महिला होनी चाहिए जिसकी उम्र 30 के आसपास हो। इन महिलाओं को ये आठ दिनों की छुट्टियां इसलिए दी जा रही हैं, ताकि ये सिंगल महिलाएं अपने प्यार को जल्द तलाश सकें।
शादी का दबाव चीन में लड़कियों के अकेले रहने का चलन तेजी से बढ़ रहा है।यहां लोग करियर में सफलता पाने के लिए शादी करने से कतरा रहे हैं।यहां लोगों को शादी किसी बंधन से कम नहीं लगता है।बावजूद इसके महिलाओं पर शादी का दबाव लगातार बना हुआ है।चीन की घटती जनसंख्या दर भी इस दबाव की एक बड़ी वजह बन रही है।वहां की सरकार चाहती है कि लोग शादियां करें और बच्चें पैदा करें।
लव लीव पर आधारित किताबेंलेखिका लेटा होंग फिंचर ने महिलाओं पर आधारित दो किताबें लिखी हैं। एक का नाम है 'लेफ्टओवर वुमेन' और दूसरी किताब है 'बिट्रेयिंग बिग ब्रदरः द फेमिनिस्ट अवेकनिंग इन चाइना'। उनका मानना है कि ऑफिस में लड़कियों को इस तरह की छुट्टियां देने के पीछे का मकसद उन्हें शादी के बंधन में बांधना है। उनका कहना है कि चीन की सरकार 20 या 30 साल की उम्र की महिलाओं को इस तरह की छुट्टियां देकर उन्हें एक तरह से बांधने की कोशिश करना चाहती है। उनका कहना है कि छुट्टियों के जरिए सरकार कोशिश कर रही हैं कि पढ़ी लिखी महिलाओं की शादी करवाकर उनसे बच्चे पैदा करवाकर उन्हें घर में ही रोका जा सके।