भारत के विभिन्न राज्यों में से एक हैं छत्तीसगढ़ जो पर्यटन के साथ अपनी खनिज संपदा एवं वन संपदा के लिए भी जाना जाता हैं। लेकिन इसी के साथ ही यहां का खानपान भी बहुत प्रसिद्द हैं जिसमे पारम्परिक व्यंजनो की भरमार हैं। छत्तीसगढ़ की महिलाएं भांति-भांति के व्यंजन बनाने में निपुण होती हैं। छत्तीसगढ़ी व्यंजन पूरे देशभर में अपनी छाप छोड़ चुके हैं। आज इस कड़ी में हम आपको छत्तीसगढ़ के कुछ प्रसिद्द पारम्परिक पकवान और व्यंजन की जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...
मुठियामुठिया छत्तीसगढ़ के पारंपरिक पकौड़ों का एक रूप हैं। मुठिया को पके हुए चावल के साथ मिर्ची व तरह- तरह के मसालों को मिलाकर बनाया जाता है। इस पकवान को तेल में तलकर नही बल्कि उबालकर बनाया जाता है जिससे इसका स्वाद पूर्णत: बरकरार रहता है। मुठिया राज्य का एक प्रसिद्ध पकवान है जिसे हरी चटनी के साथ नाश्ते के रूप में खाया जाता है।
ठेठरी छत्तीसगढ़ राज्य में ज्यादातर लोग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते है और ग्रामीण क्षेत्रों का सबसे प्रचलित पकवान ठेठरी को माना जाता है। यह छत्तीसगढ़ की बहुत प्रसिद्द पकवान है। बेसन से बनाया वाला पकवान है जिसे बेसन को आंटे की तरह गूथ कर बनाया जाता है इसमें नमक, अजवाइन, डाला जाता है, गुथने के बाद उसे छोटे-छोटे लोई लेकर छोटे रस्सी के सामान गोल-गोल बना लेते है। फिर उसे बिच से आधा मोड़ कर जिस प्रकार रस्सी को मोड़ने पर गोल आकृति मिलती है उसी प्रकार गोल मोड़ लिया जाताहै और फिर उसे तेल में फ्राई कर निकाल लिया जाता है।
अंगाकरअंगाकर छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्द रोटी है जिसे चांवल आटे से तैयार किया जाता है पहले चांवल आटे को गूथ कर उसे बड़ा गोला अकार देते है फिर उसके ऊपर और निचे दोनों तरफ पलास के पत्ते से ढक कर अंगार में पकाया जाता है।
आमतआमत को बस्तर के सांभर के रूप में भी जाना जाता है जिसे प्राय: बस्तर के हर घर में बनाया जाता हैं। इसमें मिक्स सब्जियों के साथ अदरक व लहसून का पेस्ट डालकर बनाया जाता है जिससे इसका स्वाद और भी मजेदार हो जाता हैं । इस पकवान को बांस से बने बर्तनों में रखा जाता है जो इसके स्वाद को बरकरार रखता है। पर अब शहरी क्षेत्रों में इसे आधुनिक उपकरणों के साथ तैयार किया जाता है।
गुलगुल भजियाछत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचल में गुलगुल भजिया बहुत ही लोक प्रिय व्यंजन है। गुलगुल भजिया को गेंहू आंटे से बनाया जाता है। सबसे पहले आपको इसे बनाने के लिए गेंहू आंटे और शक्कर की चासनी या गुड़ की चासनी की आवश्यकता होती है। गेंहू आंटा लेकर उसमे शक्कर की चासनी या गुड़ की चासनी इतने मात्रा में डाले की हल्का पिलपिला साने जिस तरह पकोड़े के लिए आटा गुथा जाता है। फिर उसे पकोड़े की तरह छान कर निकल लिया जाता है। इस तरह गुलगुल भजिया तैयार हो जाता है।
फराचावल आटे से तैयार किये जाने वाला व्यंजन है इसे दो प्रकार के बनाया जाता है मीठा जिसमे मीठे के लिए गुड़ या शक्कर का प्रयोग किया जाता है। दूसरा जिसे भाप में पकाया जाता है और इसके स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें छौंका लगाया जाता है इसका स्वाद सबसे ज्यादा टमाटर की चटनी साथ होती है।
करीकरी छत्तीसगढ़ की एक विशेष पकवान है जिसे दुःख और सुख दोनों कामों में उपयोग में लाया जाता है। करी बेसन का बनाये जाने वाला पकवान है जिसे हम बेसन का मोटा सेव भी कह सकते है । इसे लड्डू का रूप देने के लिए गुड़ का सीरा (गुड़ को एक कड़ाही या बर्तन में लेकर उसे आग में गरम किया जाता है।) को सेव में मिला कर लड्डू तैयार किया जाता है।
चीलाभारत के अलग- अलग हिस्सों में लोग अलग- अलग प्रकार के पकवान का आनंद लेते हैं यह छत्तीसगढ़ की ही देन है। चीला चपाती की ही तरह एक पकवान है जिसे उड़द दाल और चावल के आटे के घोल के साथ बनाया जाता है। इसे तैयार करना बहुत ही आसान है व यह खाने में बहुत ही स्वादिस्ट होता है। छत्तीसगढ़ में लोग अक्सर निम्बू के अचार व हरे धनिये की चटनी के साथ इसे नाश्ते के वक्त आनंद लेते हैं।