चकराता प्रकृति की गोद में बसा हुआ एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। यह पहाड़ों का राजा के नाम से प्रसिद्ध है। चकराता उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से मात्र 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और समुद्र तल से 2118 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चकराता के पूरब में यमुना नदी व पश्चिम में टौंस नदी स्थित है। चकराता उत्तराखंड राज्य के देहरादून जिले में स्थित एक नगर होने के साथ-साथ एक पर्वतीय पर्यटक स्थल भी है। 2118 मीटर की ऊंचाई पर बसा यह स्थान मूल रूप से ब्रिटिश भारतीय सेना का एक छावनी शहर था। चकराता अपने शांत वातावरण और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण के लिए जाना जाता है। चकराता प्रकृति प्रेमियों और ट्रैकिंग करने वालों के लिए उपयुक्त स्थान है। यहां के सदाबहार शंकुवनों में दूर तक पैदल चलने का अपना ही मजा है। चकराता में दूर-दूर तक फैले घने जंगलों में जौनसारी जनजाति के आकर्षक गांव हैं।
चकराता की स्थापना कर्नल ह्यूम और उनके सहयोगी अधिकारियों ने की थी, उनका संबंध ब्रिटिश सेना के 55 रेजीमेंट से था। चकराता के वातावरण को देखते हुए अंग्रेजों ने इस स्थान को समर आर्मी बेस के रूप में इस्तेमाल किया। यह नगर उत्तराखंड के जौनसार-बावर क्षेत्र के अंतर्गत आता है। चकराता हिल स्टेशन माउंट क्लाइंबिंग, ट्रैकिंग, स्कीइंग, प्रकृति प्रेमी, वाइल्डलाइफ जैसी गतिविधियों के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध है। चकराता हिल स्टेशन के आसपास के जंगलों में पैंथर, चित्तीदार हिरण, जंगली जीवा के अलावा खूबसूरत वनस्पति आदि शामिल है। यह एक ऐसी जगह है जहां आप कम बजट में बहुत ही सुंदर नजारों के साथ शहर के प्रदूषण से दूर रह पाएंगे। पर्यटकों के बीज कम लोकप्रिय होने के कारण यहां पर रहना और खाना थोड़ा सस्ता है लेकिन प्रकृति की सुंदरता किसी भी मशहूर हिल स्टेशन से कम नहीं है।
यदि आप रोजमर्रा की जिंदगी और महानगरों के शोर से दूर कुछ पल शांति से बिताना चाहते हैं तो चकराता आपके लिए परफेक्ट जगह है। यहां आप कुदरती खूबसूरती के साथ-साथ रोमांचक खेलों का लुत्फ भी उठा सकते हैं। चकराता आपको धरती पर स्वर्ग का अनुभव कराता है। एशिया का सबसे चौड़ा और ऊंचा देवदार का पेड़ भी यहां मौजूद है, यह पेड़ इतना ऊंचा है कि जिसे देखने में आप की टोपी सिर से गिर जाएगी।
टाइगर फॉल्सटाइगर फॉल्स चकराता हिल स्टेशन का एक प्रमुख आकर्षण है। यह एक बहुत अच्छा पिकनिक स्पॉट है जहां तक पहुंचने के लिए आपको 5 किमी का ट्रैक करना पड़ता है। ऊँचे जगह से एक छोटे तालाब में गिरता हुआ झरने का दृश्य बड़ा खूबसूरत लगता है, यहां आप गिरते हुए झरने में नहाने का आनंद भी ले सकते हैं। यह ऐसा झरना है जिससे टाइगर के गुर्राने की आवाज आती है इसलिए इसका नाम टाइगर फॉल पड़ गया। झरने के शोर और चिड़ियों की चहचाहट को सुनने के बाद ऐसा लगेगा कि यहां से वापस ना जाए। टाइगर फॉल्स में आप एक शानदार पिकनिक मना सकते हैं।
देवबन बर्ड वाचिंगचकराता हिल स्टेशन से लगभग 13 किमी की दूरी पर देवबन जंगलों से घिरा हुआ एक बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट है। 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित देवबन चारों ओर देवदार के जंगलों और बर्फ के पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां से हिमालय की मिसाल पर्वत श्रृंखलाएं देखी जा सकती हैं। यहां एक से एक अनोखी प्रजातियों की चिड़ियों को देखा जा सकता है। इसके अलावा यहां आप अलग-अलग तरह के पक्षी देख सकते हैं जैसे – रसेट स्पैरो, येलो क्राउड वुडपेकर, हिमालयन वुडपेकर, कॉमन हॉक कुक्कू और सिनेरियस वल्चर आदि। अगर आप एडवेंचर पसंद करते हैं और पहाड़ों की सुंदरता को करीब से देखना चाहते हैं तो देवबन जाना ना भूलें।
मुंडालीयदि आप ट्रैकिंग के शौकीन हैं और चकराता के जंगलों में अकेले बैठकर शांति के कुछ पल बिताना चाहते हैं तो मुंडाली का रुख करें। चकराता के समीप लगभग 10000 फीट की ऊंचाई पर स्थित मुंडाली व खंडबा की पहाड़ियां हैं, जहां से आप हिमालय के खूबसूरत पहाड़ों को आसानी से देख सकते हैं। इसके अलावा मुंडाली स्कीइंग के लिए भी मशहूर है, ट्रैकिंग करने वालों के लिए यह जगह पसंदीदा बनती जा रही है।
कानासरऊंची पहाड़ियों और घने बरसाती वनों से घिरा यह स्थान पर्यटकों के लिए आदर्श जगह है। चकराता से 26 किमी की दूरी पर स्थित कानासर हनीमून के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है। इसके अलावा आप पहाड़ों पर कैंपिंग पसंद करते हैं या राफ्टिंग करना चाहते हैं तो चकराता में कानासर जगह बिल्कुल परफेक्ट है। यहां पर आपको कैंपिंग के लिए लग्जरी कैंप और टेंट सही दाम में मिल जाएंगे।
लाखा मण्डलमसूरी-यमुनोत्री रोड़ पर स्थित लाखामंडल का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व है। लाखामंडल यमुना नदी के उत्तरी छोर पर यमुना नदी के तट पर स्थित बर्नीगाड़ नामक स्थान से 3-4 किलोमीटर की दूरी पर है। लाखामंडल समुद्र तल से 1372 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है, लाखामण्डल चकराता से 60 किमी, मसूरी से 75 वह देहरादून से 128 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है। लाखमंडल विशेषरूप से महाभारत काल से संबधित माना जाता है। यहां पुरातत्व विभाग द्वारा करवायी गयी खुदाई में लाखों मूर्तियों के अवशेष मिले है, यह भी एक कारण है की इसका नाम लाखामंडल पड़ा। माना जाता है कि कौरवों ने पाड़ंवों को जलाने के लिए लाक्षागृह बनवाया था, और जहां उन्हें माता कुंती के साथ जिन्दा जलाने का षड़यंत्र रचा था। लाखामंडल में वह गुफा आज भी मौजूद है, जिससे होकर पांडव सकुशल बाहर आये थे, और इसके बाद पांडव द्वारा चक्रनगरी में एक महीने तक निवास किया गया था, जिसे आज चकराता नाम से जाना जाता है। यहां पांडवों, परशुराम, केदार और दिवा को समर्पित अनेक मंदिर भी बने हुए हैं। भीम और अर्जुन की आकृति को यहां बेहद खूबसूरती से पत्थर पर उकेरा गया है।
हयोऊ टॉप चकराताहयोऊ टॉप या हयोऊ डांडा चकराता से 18 किमी की दूरी पर स्थित है। हयोऊ टॉप जाने के लिए चकराता से 14 किमी दूर हयोऊ गॉव तक सड़क मार्ग से एवं उसके बाद 2 किमी ट्रैकिंग द्वारा पहुंचा जा सकता है। हयौऊ टॉप से हिमालय की विशाल श्रंखलाओ का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है। ज्ञातब्य हो कि हयोऊ चकराता तहसील के अंतर्गत एक सुन्दर गॉव है, यदि आप यहां आते है तो आपको जौनसार की संस्कृति को करीब से देखने का मौका मिलेगा आप यहीं पर रात्रि विश्राम भी कर सकते है।
बुधेर टॉपबुधेर टॉप चकराता से लगभग 25 किलोमीटर दूर है। बुधेर गुफाओं व घास के मैदान के लिए प्रसिद्ध है, इसका स्थानीय नाम मोइला टॉप है। जो समुद्र तल से लगभग 2750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह क्षेत्र देवधार व चीड़ के घने जंगलों से ढका हुआ है, जो एशिया के सबसे घने जंगलों में से एक है।
चिलमीरी पॉइंटयह चकराता बाजार से 4 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, यहाँ से सूर्यास्त (सनसेट) का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है।
हनोलमहासू देवता का मंदिर हनोल चकराता (देहरादून) में स्थित है।यह मंदिर नागर शैली में बना है और समुद्र तल से 1200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। देहरादून से लगभग 180 किमी की दुरी पर स्तिथ है, महासू जौनसार बावर (स्थानीय) के लोगों के आराध्य देव हैं।
किमोना फॉलकिमोना फॉल चकराता की एक अनदेखी खूबसूरती है। यहां पर बहुत कम ही पर्यटक पहुंचते हैं, यह ओक के घने पेड़ों से घिरा हुआ है। ये एक सुन्दर पिकनिक स्पॉट है।
चुरानी डांडा चकरातायह चकराता से 16 किमी मसूरी रोड पर स्थित है। चुरानी डांडा चकराता-मसूरी सड़क पर स्थित प्रकृति प्रेमियों के लिए एक उत्तम स्थल है। यहां का वातावरण शांत एवं स्वच्छ है, ऊंचाई पर होने के कारण आप यहां से चारों और पहाड़ो की सुंदरता को महसूस कर सकते हैं। यहां बुराँश, देवदार, बान और चीड़ के जंगलों में पक्षियों के चहचहाने की आवाज से आप मंत्रमुग्ध हो जायेंगे।
यह भी कर सकते हैं चकराता में
ट्रैकिंग—एशिया के घने जंगलों में से एक यहां के जंगलो में ट्रैकिंग का अलग ही मजा है यदि आप प्रकृति प्रेमी है तो आपके लिए एकदम उपयुक्त स्थान है।
रिवर राफ्टिंग—यदि आप रिवर रॉफ्टिंग के शॉकिंग है तो यहां पर छोटी छोटी नदियाँ है जहां पर आप रॉफ्टिंग के साथ साथ नहाने व फिशिंग का भी आनंद ले सकते है।
कैंपिंग—2500 से 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चकराता के जंगलों में यदि आप कैंपिंग करेंगे तो बहार झांकने पर विशाल हिमालय का नजारा आपको अलग ही दुनिया का अहसास कराएगा।