झीलों की नगरी के नाम से मशहूर है भोपाल, इन पर्यटन स्थलों से है इसकी पहचान

भारत में घूमने के कई पर्यटन स्थल है जिनमें से एक हैं भोपाल। यह भारत की हृदय नगरी मध्यप्रदेश की राजधानी है जिसे झीलों की नगरी भी कहा जाता है। भोपाल भारत के सबसे साफ सुथरे शहरों में आता है जिसकी वजह से यह शहर पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। अगर आप भी मध्यप्रदेश घूमना चाहते हैं, तो आप भोपाल का रूख कर सकते हैं। परिवार के साथ घूमना हो या फिर दोस्तो के साथ एन्जॉय करना हो भोपाल बहुत अच्छा टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। आज इस कड़ी में हम आपको भोपाल के प्रसिद्द पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आपको घूमने का पूरा मजा आएगा। आइये जानते हैं भोपल की मशहूर जगहों के बारे में...

सांची का स्तूप

सांची का स्तूप जाकर आप इतिहास के बारे में काफी कुछ जान सकते हैं। सांची का स्तूप अपने स्तूपों और बौद्ध संरचनाओं के लिए जाना जाता है। यहां की दूरी भोपाल से लगभग 45 किलोमीटर के आसपास है। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व और 12वीं शताब्दी ईस्वी के बीच इसे मौर्य युग में बनाया गया था। ऐसे में एक बार तो आपका यहां जाना बनता ही है। मौर्य राजा ने बौद्ध धर्म की पहुंच को फैलाने के लिए पूरे देश में भगवान बुद्ध के नश्वर अवशेषों को पुनर्वितरित करने का कार्य किया। स्तूप के विशाल गुंबद में एक केंद्रीय तिजोरी है जहां भगवान बुद्ध के अवशेष रखे गए हैं।

बड़ा तालाब

भोपाल शहर में बहुत अधिक संख्या में झीले है, इसलिए भोपाल शहर को झीलों की नगरी भी कहा जाता है। अपर लेक भोपाल की सबसे महत्वपूर्ण झील है। अपर लेक का नाम राजा भोजताल के नाम पर रखा गया है। इसलिए अपर लेक को भोजताल के नाम से भी जाना जाता है। भोपाल शहर का अपर लेक देश की सबसे पुरानी झीलों में से एक है, जो भोपाल के पश्चिम में स्थित है। स्थानीय निवासी अपर लेक को बड़ा तालाब भी कहते है। इस झील के एक कोने पर राजा भोज की एक प्रतिमा भी बनी है। अपर लेक के ऊपर बने ब्रिज पर पर्यटकों के लिए सेल्फी पांइट बना हुआ है। भोपाल का अपर लेक यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आर्कषण का केन्द्र बना हुआ है।

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान

आप अगर भोपाल गए हैं या वहां घूमने की सोच रहे हैं तो आप वन विहार राष्ट्रीय उद्यान जा सकते हैं। ये जगह एडवेंचर और प्रकृति प्रेमियों के लिए एकदम बेस्ट है। साल 1979 में इस जगह को स्थापित किया गया था और ये भारत के सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। यहां आपको कई प्रजाति के पक्षी, जीव-जंतु और कई प्रकार के पेड़-पौधे देखने को मिल जाएंगे। हर साल यहां काफी पर्यटक पहुंचते हैं। यहां विदेशी फूलों की प्रजातियों के अलावा ब्लैकबक, चीतल, सांभर, ब्लू बुल, साही, जंगली सूअर और लकड़बग्घा जैसे वन्यजीवों की एक विस्तृत श्रृंखला का भी घर है।

बिरला मंदिर

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित बिरला मंदिर भोपाल के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जहां पर भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने जाते हैं। यह मंदिर अरेरा पहाड़ियों के नजदीक स्थित है। कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व यहां पर बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है उस दौरान यहां पर भारी भीड़ होती हैं। मंदिर परिसर के अंदर रामायण और गीता के उपदेश अंकित किए गए हैं। अगर आप धार्मिक आस्था रखते हैं तो अपनी भोपाल यात्रा के दौरान इस मंदिर में दर्शन करने जरूर जाएं।

गौहर महल

दरअसल, गौहर महल मूल रूप से हिंदू और मुगल वास्तुकला के साथ बनाई गई एक हवेली है। इसका नाम भोपाल की पहली महिला शासक कुदसिया बेगम के नाम पर रखा गया है। उन्हें गौहर बेगम के नाम से भी जाना जाता था। गौहर महल ऊपरी झील के किनारे पर स्थित है। यहां की खूबसूरती देखते ही बनती है। भोपाल शहर के गोहर महल में हर साल जनवरी फरवरी में भोपाल महोत्सव का आयोजन किया जाता है। भोपाल महोत्सव में आने वाले पर्यटकों और कला प्रेमियों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।

लोअर झील

भोपाल शहर की दो सबसे सुंदर झीलें है, अपर लेक और लोअर लेक यहां बात करते है लोअर लेक कि जिसे छोटा तलाब के नाम से भी जाना जाता है। भोपाल शहर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए 1794 में लोअर लेक का निर्माण किया गया था। भोपाल की लोअर लेक का वातावरण शालीन, शांत और मन को सुकून देने वाला है। लोअर लेक या छोटे तलाब का अपनी सुन्दरता, शालीनता के कारण भोपाल आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

भीमबेटका गुफाएं

भीमबेटका की गुफाएं देखने के लिए आपको मुख्य शहर से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। ये गुफाएं विंध्य पर्वत की तलहटी पर स्थित है और आपको बताते चलें कि ये एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। इस जगह पर आपको रॉक पेंटिंग और खूबसूरत नक्काशी देखने को मिल जाएंगी, जो निश्चित ही आपको खूब पसंद आ सकती है। कहा जाता है कि यह गुफाएं हजारों साल पुरानी है जिनको युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया है। यहां पर कई गुफाएं बनी हुई है जिनकी दीवारों पर आदिमानवों द्वारा पेंटिंग की हुई है।

शौकत महल

भोपाल शहर में गोहर महल के पास ही शौकत महल भी स्थित है, जिसका इतिहास 180 साल पुराना है। शौकत महल को 19वीं शताब्दी में गोहर बेगम की बेटी सिकंदर बेगम के शासनकाल में बनवाया गया था। भोपाल शहर के शौकत महल की वास्तुकला में इंडो-इस्लामिक और यूरोपीय शैलियों का एक अनूठा मिश्रण दिखाई पड़ता है। शौकत महल के हरे-भरे बाग-बगीचे इस सुंदर इमारत को चार चाँद लगा देते है। कई बार शाम के समय बगीचों में विशेष कव्वाली कार्यक्रम का भी आयोजन होता है। जो कि देश- विदेश के पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है।