लेना चाहते हैं जंगल सफारी का मजा तो घूम आए भारत के ये 6 नेशनल पार्क

परिवार संग घूमने का अपना अलग ही मजा होता है। लेकिन इसके लिए सही जगह का चुनाव करना भी जरूरी हैं जहां बच्चों के साथ बुजुर्ग भी घूमने का मजा ले सकें। ऐसे में आप जंगल सफारी का चुनाव कर सकते हैं क्योंकि जानवरों को देखना सभी पसंद करते हैं। इसके लिए नेशनल पार्क में जंगल सफारी का ऑप्शन बेहतरीन रहता हैं जहां आप बाघों से रूबरू हो सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको देश के कुछ प्रसिद्द राष्ट्रीय उद्यान के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर जंगली सफारी की जा सकती हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान को रूडयार्ड किपलिंग की जंगल बुक में काफी अच्छे से वर्णित किया गया है। इस पार्क का एक बड़ा क्षेत्र खुले घास के मैदानों से घिरा हुआ है। बाघों को देखने के अलावा, आप यहां पर गौर, ताड़ की गिलहरी, धारीदार लकड़बग्घा, चिंकारा, चूहा हिरण, काला हिरण, सियार, साही, सांभर जैसे जानवर भी देख सकते हैं। बाघों को देखने का सबसे अच्छा तरीका पार्क के मुक्की प्रवेश द्वार से सुबह-सुबह हाथी की सफारी करना है। अप्रैल से जून महीने के बीच में यहां सफारी करने का सबसे अच्छा समय है। यहां सूर्योदय से लेकर सुबह 10 बजे तक और दोपहर 3:30 बजे से सूर्यास्त तक जंगल सफारी कर सकते हैं।

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क देश के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है और सबसे पुराना भी है। हिमालय की तलहटी पर स्थित, इस पार्क की खूबसूरती जानवरों को एक अच्छा वातावरण प्रदान करती है। साथ ही पर्यटकों को भी अपनी तरफ आकर्षित करती है। बाघों के अलावा इस पार्क में आप भालू, गोरल, तेंदुआ, चीतल, हिरण को भी देख सकते हैं। बाघों को देखने का सबसे अच्छा तरीका पार्क के पूर्वी भाग बिजरानी का दौरा करना है। आप ढिकाला और अन्य क्षेत्रों में वॉच टावरों के ऊपर से भी बाघों को देख सकते हैं। हालांकि बिजरानी क्षेत्र बाघों का सर्वाधिक घनत्व वाला क्षेत्र है। आप यहां मार्च से जून महीने के बीच में आ सकते हैं। आप यहां सुबह 6:30 बजे से 10 बजे तक और दोपहर 1:30 बजे से शाम 5:30 बजे जंगल सफारी कर सकते हैं।

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीवों की आबादी सबसे ज्यादा है। यहां पर करीब 50 बाघ महज 100 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए हैं। इस पार्क में बाघों के अलावा आप सांभर, चीतल, जंगली सूअर, लोमड़ी, तेंदुआ, बाइसन, नीला बैल, हिरण, नीलगाय भी देख सकते हैं। आप यहां पर जीप या हाथी की सफारी चुन सकते हैं। इस पार्क को कवर करने के लिए चार जोन हैं और हर दिन केवल सीमित संख्या में वाहनों को ही प्रत्येक जोन के माध्यम से पार्क में जाने की अनुमति दी जाती है। इसके लिए प्री-बुकिंग जरूरी है। यहां जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून के बीच है और हर बुधवार को ये नेशनल पार्क बंद रहता है। यहां सुबह 5:30 से 10 बजे तक और शाम को 4 बजे से 7 बजे तक सफारी का मजा लिया जा सकता है।

रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान

यह पार्क देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है और वन्यजीव फोटोग्राफरों के बीच बहुत फेमस है। यह बाघों के लिए एक संरक्षण स्थल और एक टॉप बाघ अभयारण्य है। यहाां आप बाघ देखने के साथ साथ लोमड़ी, मगरमच्छ, तेंदुआ, भालू, सियार भी देख सकते हैं। बाघों को आमतौर पर पार्क के बकौला क्षेत्र में देखा जाता है, जिसमें घने जंगल और कई पानी के तालाब हैं। कहा जाता है कि इस पार्क में दुनिया की सबसे लंबी जीवित बाघिन मौजूद है। रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में 10 जोन हैं और जोन 4 में बाघों की सबसे ज्यादा आबादी मौजूद है। यहां जंगल सफारी का सबसे अच्छा समय अप्रैल से मई महीने के बीच है। यहां सुबह 7 बजे से 10:30 बजे तक और दोपहर 2:30 बजे से शाम 6 बजे तक जंगल सफारी का मजा लिया जा सकता है।

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में जंगल सफारी करने के लिए प्रतिदिन केवल 12 वाहनों की ही अनुमति दी जाती है। बाघों को देखने के लिए सबसे अच्छी जगह सोनभद्र नदी के आसपास का इलाका है। गर्मियों के मौसम में आपको बाघ नदी में तैरते हुए दिखाई दे सकते हैं। बाघों के अलावा आप यहां साही, जंगली सूअर, चिंकारा, चीतल, गौर, तेंदुआ, लकड़बग्घा, काला हिरण भी देख सकते हैं। आप यहां अप्रैल और मई के महीने में आ सकते हैं। यहां पर सुबह 7 बजे से 11 बजे तक जंगल सफारी करवाई जाती है।

बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, कर्नाटक

नागरहोल और मुदुमलाई के साथ बांदीपुर दक्षिणी भारत में एक प्रमुख बाघ आबादी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। पश्चिमी घाट में बाघों की आबादी देश की बाघों की आबादी का एक चौथाई होने का अनुमान है। इस पार्क में बस सफारी, हाथी सफारी और जीप सफारी करवाई जाती है। अगर आप बाघ देखना चाहते हैं, तो हाथी सफारी या जीप सफारी का आनंद ले सकते हैं। ऊटी-मैसूर हाईवे पर स्थित यह पार्क बाघों और हाथियों को देखने के लिए फेमस है। गर्मी के मौसम में बाघों को देखने के लिए यहां भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। बाघों के अलावा, आप नीलगिरि तहर, लंगूर, खरगोश और तेंदुआ भी देख सकते हैं। मार्च से जून के बीच ये जगह घूमने लायक है। यहां पर सुबह 6:30 बजे से 9 बजे तक और दोपहर 3:30 बजे से शाम 5:30 तक जंगल सफारी कराई जाती है।