घूमने-फिरने का शौक सभी को होता हैं जो कि आपकी शारीरिक सेहत के साथ ही मानसिक सेहत के लिए भी जरूरी होता हैं। घूमने के शौकीन लोग जब भी मौका मिलता हैं किसी नई जगह के सफर पर निकल जाते हैं। घूमने के लिए सभी ऐसी जगह का चुनाव करते हैं जो उनकी इच्छाओं की पूर्ती कर सकें। कई लोगों को एडवेंचर का शौक होता हैं और इसके लिए वे अधिकतर ऐसी जगहों का चुनाव करते हैं जो ट्रेकिंग के लिए जानी जाती हो। ट्रेकिंग में लोग ऊंची-ऊंची पहाड़ियों पर चढ़ने के साथ प्राकृतिक खूबसूरती को नजदीक से महससू करते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको देश की कुछ प्रसिद्द जगहों की जानकारी देने जा रहे हैं जहां आप ट्रेकिंग का आनंद उठा सकते हैं।
आदि कैलाश ट्रेक यह पारिवारिक ट्रेक है, जहां ज्यादातर लोग परिवार के साथ जाने की इच्छा रखते हैं। यह एक धार्मिक ट्रेक है। आपको बता दें कि यह ट्रेक आसान नहीं है। इसलिए जो लोग एकदम स्वस्थ और अनुभवी हैं, वे ही इस ट्रेक पर जाएं। यहां ट्रेकिंग के दौरान अन्नपूर्णा, काली नदी, घने जंगलों और प्रसिद्ध नारायण आश्रम की शानदार पर्वत श्रृंखलाओं के एक से एक सजीव चित्र दिखाई देते हैं। ये दृश्य आपको यहां बार-बार आने को मजबूर कर देंगे। काली मंदिर पर जाकर यह ट्रेक खत्म होता है।
नैना पीकनैनीताल की सबसे ऊंची चोटी है नैना पीक। समुद्र तल से 8622 फीट की ऊंचाई पर स्थित नैना पीक को चीना पीक के नाम से भी जाना जाता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि पहले कभी यहां चीना नाम के एक बाबा रहते थे, इस कारण इसको चीना पीक के नाम से भी जाना जाता है। इसकी चोटी पर आज भी चीना बाबा का छोटा सा मंदिर बना है। यहां से आप नैनीताल शहर की सुंदरता का बर्ड आई व्यू ले सकते हैं। साथ ही बंदर पूंछ चोटी से नेपाल के अपि एवं नरी चोटी तक का विहंगम दृश्य भी देख सकते हैं।
रूपकुंड ट्रेकरूपकुंड ट्रेक लोहाजंग से 3200 मीटर की ऊंचाई पर शुरू होता है और आपको रूपकुंड नामक झील तक ले जाता है, जो 5029 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील मानव कंकाल के अवशेषों के लिए लोकप्रिय है जो इसके तल पर पाए गए थे। 7 से 9 दिनों में 53 किमी की दूरी तय करनी होती है। नदियों के शोर से होकर आप हरे-भरे जंगलों से गुजरते हुए जाते हैं। यहां हिंदू मंदिर, हिमालय की चोटियां जैसे नंदा देवी और नंदा घुंटी हैं, साथ ही यहां कई पक्षी प्रजातियां और हरे-भरे समतल मैदान भी हैं। यहां ट्रैकिंग का मजा लेने के लिए मई से अक्टूबर का महीना बेस्ट है।
गोइचा लासिक्किम में मौजूद गोइचा ला ट्रेक दुनिया भर के ट्रेकर्स के बीच बहुत प्रसिद्ध है। यहां से आप हिमालय को बेहद करीब से देख सकते हैं। आपको यहां से दुनिया के तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत कंचनजंगा का भी मनोरम दृश्य दिखाई देता है। समुद्र तल से 16,207 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस ट्रेक पर जाने और युकसोम तक वापस आने में व्यक्ति को कम से कम 7 से 8 दिनों का समय लगता है।
छेंब्रा ट्रैककेरल के वायनाड में स्थित छेंब्रा पीक ट्रैक दक्षिण प्रायद्वीप के सबसे लोकप्रिय जंगल ट्रैक में से एक है। समुद्रतट से 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित छेंब्रा पार्क पश्चिमी घाट की सबसे ऊंची चोटियों में से एक है। ये जगह पर्यटकों के बीच अपनी हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण भी मशहूर है। वायनाड अपने घने जंगलों के लिए मशहूर है और छेंब्रा ट्रैक पहाड़ों पर बना है। इससे गुज़रते हुए आपको कई हरी-भरी जगहों से होकर जाना पड़ेगा। इस ट्रैक को पूरा करने में चार घंटे का समय लगता है जिसमें आपको कई तरह की प्राकृतिक छटाएं देखने को मिलेंगी। इस ट्रैक की चोटि के पास दिल के आकार की झील स्थित है जिसे लव लेक के नाम से जाना जाता है।
तांडियादामोल ट्रेकतांडियादामोल ट्रेक कर्नाटक के कुर्ग में है। अपने ट्रेकिंग के शौक को पूरा करने के साथ आप यहां घने जंगलों और खूबसूरत विदेशी फूलों के साथ बहती नदियों का नजारा देख सकते हैं। अगर आप दक्षिण भारत में रहते हैं, तो आप आपको ट्रेकिंग का शौक पूरा करने के लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं। तांडियामोल ट्रेक पर आप इस शौक को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
ज़ोंगरी ट्रैकसिक्किम का ज़ोंगरी ट्रैक भारत के सबसे लोकप्रिय ट्रैक में शामिल है। इस ट्रैक का स्तर आसान से मध्यम स्तर तक है, जिसे आप 5 दिन में पूरा कर सकते हैं। इस ट्रेक का शुरुआती और अंतिम बिंदु युकसोम है। इस ट्रैक का डिस्टेंस 21 किलोमीटर है, जिसकी अधिकतम ऊंचाई 15,000 फीट है। अगर आपके पास समय ज्यादा नहीं है और हिमालय की चोटी पर ट्रैकिंग का मजा लेना चाहते हैं, तो ज़ोंगरी ला चोटी, और माउंट कंचनजंगा बेस्ट ट्रैक हैं। इस ट्रैक में आप साचेन, बक्खिम, शोखा, कचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान से होते हुए जाएंगे। यहां ट्रैकिंग का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और अक्टूबर से दिसंबर के बीच है।
कुंजखड़क ट्रैकउत्तराखंड में कुंजखड़क ट्रैक की शुरुआत पंगोट से होती है जोकि हिमालय की तलहटी में कोर्बेट के पास स्थित है। अगर आपको दूरगम स्थानों पर जाना पसंद है तो इस ट्रैक पर एक बार आपको जरूर आना चाहिए। इसके रास्ते में आकाशकंदा के हरे-भरे घने जंगल हैं जिसमें देवदार के पेड़ देखने को मिलेंगे। इसके अलावा रास्ते में कोसी नदी भी पड़ती है जोकि भारत और नेपाल की सीमा तय करती है। पूरे रास्ते आपको इस नदी से बनी सीमा का साथ मिलेगा।
चोपता चंद्रशिला ट्रेक यह भारत के उन चुनिंदा ट्रेक्स में से एक है, जहां कभी भी जाया जा सकता है। विशेष रूप से मार्च से जून और सितंबर से दिसंबर के बीच यहां ट्रेकिंग करना बेहद इंटरेस्टिंग होता है। इस ट्रेक के दौरान केदारनाथ, चौखम्बा, नंदा देवी और त्रिशूल जैसी विभिन्न हिमालयी चोटियों के खूबसूरत दृश्य दिखाई देते हैं। इस ट्रेक पर भगवान शिव को समर्पित 1000 साल पुराना तुंगनाथ मंदिर सबसे ज्यादा आकर्षित करता है।
त्रियुंड ट्रेकत्रियुंड ट्रेक हिमालय की धौलाधार पर्वत श्रृंखला में स्थित है। ये ट्रेक मेक्लोडगंज के पास से शुरू होता है और आपको घने जंगलों तक ले जाता है। समुद्र तल से 9350 फीट की ऊंचाई पर स्थित त्रिउंड ट्रेक उन लोगों के लिए अच्छा ऑप्शन है, जो पहली बाद ट्रेकिंग के लिए जा रहे हैं। इसे सबसे आसान ट्रेकों में से एक माना जाता है। त्रिउंड से धौलाधार पर्वत श्रृंखला और कांगड़ा घाटी के बेहद मनमोहक दृश्य दिखाई देते हैं।