हवाई यात्रा करने से पहले जान लें इसके विभिन्न क्लास का अंतर, जानकारी है बेहद रोचक

भारत एक विशाल देश हैं जहां देश के दो शहरों के बीच की दूरी ही कई हजार किलोमीटर हो जाती हैं और सड़क के माध्यम से इसका सफर कई घंटों का हो जाता हैं। सहूलियत के लिए लोग ट्रेन का सफ़र करना पसंद करते हैं लेकिन इसकी यात्रा में भी कई बार दो दिन का सफर करना पड़ जाता हैं। ऐसे में हवाई सफर करना बेहतर रहता हैं, जो कई घंटों के सफ़र को मिनटों में बदल देता हैं। दुनिया में ऐसे कई लोग होंगे जिन्होंने अभी तक फ्लाइट का सफर नहीं किया। ऐसे में हम आपको बता दें कि जिस तरह ट्रेन में सफर के दौरान अलग-अलग तरह के कोच होते हैं, उसी तरह फ्लाइट में भी अलग-अलग क्लास होती हैं, जिसमें लोग अपनी सहूलियत और पैसों के हिसाब से सफर करते हैं। फ्लाइट में इकोनॉमी क्लास, बिजनेस क्लास और फर्स्ट क्लास सीट होती है। हम आपको यहां इनकी सुविधाओं के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

फर्स्ट क्लास फ्लाइट

फ्लाइट में सबसे ऊपर आता है फर्स्ट क्लास, जिसे आमतौर पर फिल्मी सितारों, मशहूर सेलिब्रिटी, बिजनेसमैन के लिए तैयार किया जाता है। ये क्लास इकोनॉमी और बिजनेस क्लास की तुलना में बेहद महंगी होता है। लेकिन इसमें मिलने वाली सुविधाएं उतनी ही स्पेशल होती हैं। इस क्लास में प्राइवेसी के अलावा खाने पीने की चीजों का भी अलग से मेन्यू कार्ड होता है। फ्लाइट में फर्स्ट क्लास में मिलने वाला खाना किसी 5 स्टार होटल से कम नहीं होता, क्योंकि इसे फाइव स्टार के शेफ द्वारा ही तैयार किया जाता है।

फर्स्ट क्लास का केबिन हर एयरप्लेन में सबसे आगे होता है, जिसमें आप अधिक स्पेस के साथ खुलकर आराम कर सकते हैं। इससे लगभग बेड के जितना झुककर सो सकते हैं। इसमें इकोनॉमी के तरह एकदम बगल में कोई नहीं बैठा रहता और आरामदायक सफर कर पाते हैं। साथ ही इसकी सीट 91 फीसदी तक नीचे चली जाती है और यह बेड की तरह हो जाती है और आपको पूरा पर्सनल स्पेस मिलता है।



बिजनेस क्लास फ्लाइट

अब हम बताते हैं बिजनेस क्लास के बारे में, जिसका किराया इकोनॉमी क्लास की तुलना में बहुत ज्यादा और फर्स्ट क्लास से थोड़ा कम होता है। लेकिन जिस हिसाब से किराया उस हिसाब से सुविधाएं। जिस तरह इकॉनोमी क्लास की सीट साधारण बस की तरह होती है, वैसा बिजनेस क्लास में नहीं होता है। इसमें सीटें काफी चौड़ी और रिक्लाइनर लगी होती है, जिससे आपको थकान नहीं होती है और आप आराम से जा सकते हैं। फ्लाइट के अंदर ही नहीं, एयरपोर्ट पर भी बिजनेस क्लास में ट्रेवल करने वाले लोगों के लिए एक अच्छी सुविधा दी जाती है। आपको बता दें, इस क्लास के लोगों के लोगों के लिए अलग चेक इन करने का एरिया होता है और उनके लिए एक खास लाउंज भी उपलब्ध कराया जाता है। इस लाउंज में खाने-पीने, न्यूज पेपर और इंटरनेट की सुविधा दी जाती है। बिजनेस क्लास की एक और खास बात ये होती है कि इसमें यात्रा करने वाले लोगों को सबसे पहले उतारा जाता है और कस्टम लाइन में भी पहली तरजीह इन्हें ही दी जाती है।

बिजनेस क्लास में सबसे अधिक बॉलीवुड अभिनेता और अभिनेत्रियों के साथ-साथ बिजनेसमैन, नेता और अन्य सेलेब्रिटीज कुछ अधिक ही यात्रा करते हैं। कहा जाता है कि सबसे अधिक वहीं लोग इस क्लास में यात्रा करते हैं जिनके पास ठीक-ठाक पैसे होते हैं।

इकोनॉमी क्लास फ्लाइट

ये तो आप सभी जानते हैं हमारे देश में सबसे ज्यादा लोग मध्यम वर्ग से हैं, इसलिए जब भी लोग हवाई यात्रा करते हैं, तो वे सबसे ज्यादा इकोनॉमी क्लास को ही प्रेफर करते हैं। आपको बता दें, इकोनॉमी क्लास का किराया काफी कम होता है। इसमें सुविधाएं बिजनेस क्लास और फर्स्ट क्लास से कम दी जाती हैं। इस क्लास का जिस हिसाब से किराया होता है, उसी तरह की यहां से जुडी सुविधाएं होती हैं। इस क्लास में यात्री को सीट के सामने छोटी वीडियो स्क्रीन दी जाती है, जिसमें आप अपनी पसंद का गाना और मूवी देख सकते हैं। इसके साथ ही अन्य चीजें जैसे हेड फोन, मैगजीन, तकिया, खाना और सीमित मात्रा में कुछ ड्रिंक यात्री को उपलब्ध कराई जाती हैं।

फ्लाइट टिकट में लगते हैं कौन-कौन से चार्ज

आप फ्लाइट से सफर करते हैं तो जाहिर है इसके लिए टिकट बुकिंग कराते हैं। यानी आप एक रकम किराये के रूप में चुकाते हैं। लेकिन कभी आपने यह गौर किया है कि आपने जो टिकट लिया है इसमें कौन-कौन से चार्ज शामिल होते हैं। आपको बता दें कि इसमें एक बेस फेयर होता है, इसके अलावा कई तरह के चार्ज और फीस भी शामिल होते हैं। तब जाकर एक तय रकम आप एयरलाइन कंपनी को चुकाते हैं।

डोमेस्टिक एयर टिकट (इकोनॉमी क्लास) में एयरफेयर चार्ज, एयरलाइन फ्यूल चार्ज, एविएशन सिक्योरिटी फीस, सीयूटीई चार्ज, पैसेंजर सर्विस फीस, आरसीएस फीस, सीट फीस और जीएसटी शामिल होता है। हालांकि सीट फीस, सीट का सलेक्शन करने और अलग-अलग एयरलाइन कंपनी की पॉलिसी पर निर्भर करता है। सीट फीस का वेब चेक इन के समय पेमेंट करना होता है। इकोनॉमी क्लास में जीएसटी 5 प्रतिशत और बिजनेस क्लास में 12 प्रतिशत जीएसटी देना होता है।