लेना चाहते है प्राकृतिक नजारों का आनंद तो देखने जाएं देश के ये 5 खूबसूरत झरने

घूमना-फिरना सभी को पसंद होता हैं बस सभी की अपनी-अपनी चॉइस होती हैं। किसी को शांति-सुकून से भरी पहाड़ियां चाहिए तो किसी को एडवेंचर से भरी जगह। वहीँ ऐसे में कई लोग होते हैं जो प्राकृतिक नजारों का आनंद लेना पसंद करते हैं और घूमने के लिए ऐसी ही जगहों का चुनाव करते हैं। अगर आप भी ऐसी ही किसी जगह के बारे में सोच रहे हैं तो झरने देखने जाया जा सकता हैं जिनकी मधुर आवाज और मनोहर दृश्य सभी को वशीभूत कर लेते है। आज इस कड़ी में हम आपके लिए देश के कुछ प्रसिद्द और खूबसूरत झरनों की जानकारी लेकर आए हैं जहां घूमने जाने का प्लान बनाया जा सकता हैं। तो आइये जानते है इन झरनों के बारे में...

मध्य प्रदेश का धुआंधार फॉल्स

धुंआधार जलप्रपात मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले का प्रसिद्ध जलप्रपात है। यह प्रपात भेड़ाघाट क्षेत्र का प्रमुख दर्शनीय स्थान है। यहां नर्मदा की धारा 50 फुट ऊपर से गिरती है जिसका जल सफेद धुएं के समान उड़ता है, इसी कारण इसे ‘धुंआधार’ कहते हैं। सुंदरता के लिहाज से धुआंधार जलप्रपात एक असाधारण स्थल है जिससे चलते पूरे साल बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। यह जगह अपने दोस्तों और परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए भी आदर्श जगह है। जलप्रपात के सामने काफी बड़ा खुला स्थान है। जबलपुर शहर से 25 किमी दूर स्थित यह जलप्रापत अपनी मनमोहक सुंदरता के कारण एक चर्चित पर्यटन स्थल है।

मेघालय का नॉहकलिकई फॉल

नॉहकलिकई फॉल पूर्वोत्तर भारत के मेघालय प्रदेश में पूर्वी खासी हिल्स में चेरापूंजी के पास स्थित एक जलप्रपात है। इस जल प्रपात की ऊंचाई 1100 फुट है और भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है। वैसे भी चेरापूंजी भारी बारिश के लिये प्रसिद्ध है और इसलिए इस प्रपात के जल का स्रोत भी बारिश ही है। सर्दी के मौसम में दिसम्बर से फरवरी के मध्य बारिश न के बराबर होने से यह प्रपात लगभग सूख जाता है। इस झरने के ठीक नीचे नीले हरे रंग के जल वाले तैरने के स्थान बन गये हैं।

तमिलनाडु का होगेनक्कल फॉल्स

तमिलनाडु के धरमपुरी जिले स्थित होगेनक्कल कावेरी नदी के किनारे बसा एक छोटा लेकिन बहुत ही खूबसूरत सा गांव है। यह आकर्षक स्थान अपने जलप्रपात के लिए जाना जाता है जिसे होगेनक्कल फॉल्स कहा जाता है। इस जलप्रपात की खूबसूरती और भौगोलिक संरचना को देखकर इसे नियाग्रा फॉल्स के रूप में देखा जाता है। यह कावेरी नदी की धाराओं के बीच बसा एक शानदार जल प्रपात है जो दूर-दराज के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस जल प्रपात को भारत के चुनिंदा खास जलप्रपातों में गिना जाता है।

कर्नाटक का शिवानासमुद्र फॉल्स

बैंगलोर से 138 किलोमीटर और मैसूर से 77.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिवानासमुद्र, कर्नाटक का एक प्रसिद्ध जलप्रपात है, जो राज्य के चुनिंदा खास पर्यटन स्थलों में से एक है। इस झरने के नाम का शाब्दिक अर्थ है ‘शिव का सागर’। यह एक खंडित झरना है जिसमें से जल की कई धाराएं एकसाथ जमीन तक का अपना सफर तय करती हैं। यह खूबसूरत जलप्रपात कावेरी नदी से जल प्राप्त करता है। शिवानासमुद्र द्वीप कावेरी नदी को 2 हिस्सों में विभाजित करता है जिससे 2 झरनों का निर्माण होता है जिनमें से एक है ‘गगनचुक्की’ और दूसरा है ‘भाराचुक्की’।

गोवा का दूधसागर फॉल

दूधसागर फॉल नाम याद आते ही विशाल दूधिया जलप्रपात से होकर जाती रेलगाड़ी का सीन आंखों के सामने आ जाता है। ऊंचा और परतदार यह झरना गोवा का प्रमुख दर्शनीय स्थल बन चुका है। दूधसागर फॉल (शाब्दिक अर्थ “दूध का सागर”) कर्नाटक और गोवा की सीमा पर स्थित है। यह सड़क मार्ग से पणजी से 60 किलोमीटर दूर है और मडगांव-बेलगाम रेल मार्ग पर मडगांव से 46 किलोमीटर पहले और बेलगाम से 80 किलोमीटर दक्षिण मडगांव-बेलगाम में स्थित है। ये भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है और इसकी ऊंचाई 310 मीटर (1017 फुट) और औसत चौड़ाई 30 मीटर (100 फुट) के बीच है।