महाराष्ट्र के चुनिंदा सबसे खास हिल स्टेशन जो बना देंगे आपकी छुट्टियों को यादगार

घूमने फिरने के लिए भारत में कई जगहें हैं। भारत के पश्चिमी तट के साथ चलने वाली सह्याद्री एक सुन्दर हरी-भरी पर्वत श्रृंखला है, जो कई अनछुए गांवों, हिल स्टेशन और अन्य खूबसूरत स्थलों का घर मानी जाती है। भारत का पश्चिमी घाट अपने प्राकतिक स्थलों के साथ हर तरह के सैलानियों को आने का अवसर प्रदान करता है। भारत के पश्चिमी छोर पर बसा महाराष्ट्र भी कुछ इन्हीं कुदरती खूबसूरती के लिए विख्यात है। इगतपुरी की शांत घाटियों से लेकर महाबलेश्वर की धुंधली सुबह तक महाराष्ट्र के सभी बेहतरीन हिल स्टेशन आपके मस्तिष्क पर अपनी छाप जरूर छोड़ देंगे। यहां की सौंदर्यता को देख आप अंशकालिक कवि तो जरूर बना जाएंगे। हाराष्ट्र में कई हिल स्टेशन्स हैं, जो प्रकृति का सौंदर्य अपने में समेटे हुए हैं। महाराष्ट्र पूरे भारत का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां सुमद्री किनारे पर भी आपको पर्वत की तलहटी मिल जाएंगे। आज हम आपको महाराष्ट्र के कुछ हिल स्टेशन्स के बताने जा रहे हैं।

# माथेरान

मुंबई से मात्र 110 किलोमीटर दूर रायगढ़ जिले में मौजूद है प्राकृतिक खूबसूरती से भरा छोटा सा हिल स्टेशन - माथेरान। कर्जत तहसील के अंदर आने वाला यह भारत का सबसे छोटा हिल स्टेशन है। यह पश्चिमी घाट पर्वत शृंखला में समुद्र तल से 800 मीटर (2625 फीट) की उँचाई पर बसा है। खूबसूरत हरी सह्याद्री पहाड़ियों की पृष्ठभूमि के साथ, माथेरान मुंबई के नजदीक सबसे सुंदर और शांत हिल स्टेशनों में गिना जाता है। यहां चलने वाली ठंडी हवा सैलानियों को उत्साहित करने का काम करती है। यहां का वातावरण काफी ताजगी भरा है। जानकारी के लिए बता दें कि माथेरन महाराष्ट्र का एकमात्र इको-फ्रेंडली हिल स्टेशन है जिसे पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त है। यहां की खासियत है कि यहां किसी भी प्रकार के वाहन का प्रवेश वर्जित है। यही वजह है कि यहां का वातावरण मन को शांति प्रदान करता है। शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर सुकून के कुछ पल बिताने के लिये माथेरान बिल्कुल उपयुक्त स्थान है। मुंबई, पुणे और नाशिक के लोगों की तो यह पसंदीदा जगह है ही लेकिन अब उत्तर और दक्षिण भारत के लोगों को भी यह स्थान अपनी ओर आकर्षित करने लगा है। आप यहां ट्री हिल पॉइंट, इको प्वाइंट, अलेक्जेंडर प्वाइंट, और प्रबल किला की सैर कर सकते हैं इसके अलावा आप यहां ट्रेकिंग औप लंबी पैदल यात्रा का भी रोमांचक आनंद ले सकते हैं।

# इगतपुरी

भारत के राज्य महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित एक पर्वतीय स्थल और नगर परिषद है। यह पश्चिमी घाट पर स्थित है। इगतपुरी रेलवे स्टेशन मुंबई और नासिक रोड नामक रेलवे स्टेशनों के बीच स्थित है। सड़क मार्ग पर यह व्यस्त मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग-3 पर मुंबई से 130 किमी और नासिक से 45 किमी की दूरी पर स्थित है। इगतपुरी की औसत ऊँचाई 586 मीटर है। आत्मिक और मानसिक शांति के लिए यह स्थान काफी आदर्श माना जाता है। यहां आपको कई ऐसी ध्यान-यौगिक क्रियाएं कराने वाली संस्थाएं मिल जाएंगी, जिसने जुड़कर आप मन अपनी आत्मा को शांति का अनुभव करा सकते हैं। यहां की मनमोहक जलवायु, खूबसूरत घाटियां, जल प्रपात और प्राचीन किले इगतपुरी को महाराष्ट्र का एक खूबसूरत हिल स्टेशन बनाने का काम करते हैं। मुंबई के रास्ते आप यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं। आप यहां हाइकिंग और ट्रेकिंग जैसे रोमांचक एडवेंचर का आनंद भी से सकते हैं।

# महाबलेश्वर

महाबलेश्वर महाराष्ट्र के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में गिना जाता है। यहां अकसर मुंबई और पुणे के सैलानी वीकेंड का आनंद उठाने के लिए आते हैं। महाबलेश्वर पुणे के काफी नजदीक है अगर आप यहां आना चाहते हैं तो पुणे के रास्ते यहां तक पहुंच सकते हैं। यहां बहुत से प्वाइंट्स मौजूद है जहां से आप प्राकृतिक सुंदरता का आनंद जी भरकर उठा सकते हैं। केट प्वाइंट, एलिफेंट प्वाइंट, वेना झील, चाइनामैन झरना और कनॉट पीक यहां के चुनिंदा सबसे खास गंतव्य माने जाते हैं। यहां से आप कुष्णा नदी के उद्गम स्थल भी देख सकते हैं जो ओल्ड महाबलेश्वर के महादेव मंदिर के पास स्थित है। आप यहां माउंटेन बाइकिंग, रॉक क्लाइंबिंग, नेचर ट्रेल्स, घुड़सवारी आदि एडवेंचर का आनंद भी उठा सकते हैं।

# पंचगनी

पंचगनी की खोज ब्रिटिश लोगों के द्वारा की गयी थी यह ब्रिटिश लोगों के लिए गर्मियों से बचने के एक जगह के रूप में प्रसिद्ध था। 1860 के दशक में जॉन चेस्सों नामक एक अंग्रेज अधीक्षक नियुक्त हुआ था। उसने पश्चिमी दुनिया के बहुत सारे पौधों की प्रजातियों को पंचगनी में लगाया जिसमे सिल्वर ओक एवं पोइंसेत्टिया प्रमुख हैं। जो अब पूरी तरह से पंचगनी के ही समझे जाते हैं। महाबलेश्वर ब्रिटिश लोगों के लिए गर्मी की पसंदीदा जगह थी लेकिन मानसून के दौरान यह निर्जन एवं रहने के लायक नहीं रह जाता था। पंचगनी का मौसम सालों भर खुशनुमा होता था इसलिए इसको अंग्रेजों द्वारा इससे आराम गृह के तौर पर विकसित किया। जॉन चेस्सन को एक उपयुक्त जगह खोजने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था। उन्होंने रुस्तमजी दुबाश की सहायता से इस क्षेत्र में पहाड़ियों का सर्वेक्षण किया, और अंत में पांच गांवों के आसपास के क्षेत्र को चुना एवं पंचगनी। इसके अधीक्षक के तौर पर चेस्सन को नियुक्त किया गया। पंचगनी को स्थानीय भाषा में 'पांच पहाड़ियों की भूमि' कहा जाता है। यह खूबसूरत हिल स्टेशन पुणे शहर से लगभग 100 किमी दूर स्थित है। पंचगनी महाराष्ट्र के सबसे शांत और आकर्षक पर्वतीय गंतव्यों में गिना जाता है। यहां की मनमहोक पहाड़ी आबोहवा, ऐतिहासिक सुंदरता व घने जंगल सैलानियों को काफी उत्साहित करने का काम करते हैं। आप यहां से सह्याद्री के अद्भुत दृश्यों का भी आनंद उठा सकते हैं। घने जंगलों के बीच भीलर और लिंगमाला झरनों की खूबसूरती देखने लायक है। आप यहां साइकिलिंग, स्थानीय जगहों में शॉपिंग, राजपुरी गुफाओं में केव हाइकिंग, ट्रेकिंग आदि गतिविधियों का रोमांचक आनंद ले सकते हैं।

# कोरोली

उपरोक्त स्थानों के अलावा आप महाराष्ट्र के कोरोली हिल स्टेशन के भ्रमण का प्लान भी बना सकते हैं। राज्य के बाकी हिल स्टेशनों की भांति कोरोली उतना प्रसिद्ध पहाड़ी गंतव्य नहीं है पर यहां की प्राकृतिक खूबसूरती का कोई जवाब नहीं। आप यहां आकर खूबसूरत घाटियों, हरे-भरे मैदानों और मनमोहक जलवायु का आनंद उठा सकते हैं। ऑफबीट वेकेशन मनाने के लिए यह हिल स्टेशन एक आदर्श गंतव्य माना जाता है। कोरोली हाइकर्स, ट्रेकर्स, प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए जन्नत से कम नहीं। नासिक के रास्ते आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। प्राकृतिक खूबसूरती के अलावा आप यहां ट्रेकिग का रोमांचक आनंद भी ले सकते हैं। आप यहां से त्रंबकेश्वर मंदिर और भंडारदरा जल प्रपात को देखने भी जा सकते हैं।